H-1B Controversy: अमेरिका में H-1B वीजा को लेकर चल रहे विवाद में अब एक अमेरिकी CEO की एंट्री हो गई है, जिन्होंने इसे खत्म करने की मांग उठाई है। उनका कहना है कि भारतीयों को अमेरिका में नौकरी देना बंद किया जाए। उन्होंने कहा कि अमेरिका की नौकरियों को यहां के लोगों को ही दिया जाए। दरअसल, इंवेस्टमेंट फर्म एजोरिया के CEO जेम्स फिशबैक ने H-1B वीजा की आलोचना की है, क्योंकि उनका मानना है कि इसके जरिए विदेशी वर्कर्स अमेरिकियों की नौकरियां चुरा रहे हैं।
जेम्स फिशबैक इससे पहले जून में चर्चा में आए थे, जब उन्होंने DOGE में जॉब छोड़ दी थी, क्योंकि इसके मुखिया एलन मस्क ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि मस्क को राष्ट्रपति से माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि उन्होंने उन पर बेबुनियाद आरोप लगाए हैं और तंज कसा है। फिशबैक लंबे समय से H-1B वीजा प्रोग्राम की आलोचना करते आए हैं। जब से राष्ट्रपति ट्रंप ने H-1B वीजा की फीस 1 लाख डॉलर की है, तब से ही जेम्स फिशबैक लगातार इंटरव्यू देकर आलोचना कर रहे हैं।
भारतीयों को यहां लाना बंद करें: जेम्स फिशबैक
अमेरिकी CEO ने उन सभी कंपनियों को फटकार लगाई है, जो भारतीयों को हायर करती हैं। उनका कहना है कि अमेरिकी कंपनियां कहती हैं कि उनके पास नौकरियों को करने के लिए अमेरिकी लोग नहीं हैं और फिर वे H-1B वीजा का इस्तेमाल करती हैं। फिशबैक ने कहा कि सबसे पहले तो भारतीयों को जॉब देना बंद करना होगा और उनकी जगह स्थानीय लोगों को नौकरी दी जानी चाहिए।
एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, 'H-1B स्कैम अमेरिकियों को नुकसान पहुंचा रहा है, खासतौर पर फ्लोरिडा में। अगर यहां की कंपनियां स्किल वर्कर्स को हायर करना चाहती हैं, तो उन्हें भारतीयों को यहां लाना बंद करना होगा। उन्हें FSU, UF, FAU और UCF जैसी यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट स्टूडेंट्स को हायर करना चाहिए। वे स्टूडेंट्स बेहतरीन हैं और अपने राज्य से प्यार भी करते हैं।'
H-1B को पूरी तरह से खत्म किया जाए: जेम्स फिशबैक
अमेरिकी कंपनियों पर भड़ास निकालते हुए फिशबैक ने एक अन्य पोस्ट में कहा, 'तथाकथित अमेरिकी कंपनियों का कहना है कि उनके पास H-1B वीजा प्रोग्राम का इस्तेमाल करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि उन्हें इन नौकरियों के लिए अमेरिकी नहीं मिल रहे हैं।' उन्होंने आगे दावा कर दिया कि कंपनियां अमेरिकी वर्कर्स को जॉब देने के लिए प्रयास भी नहीं कर रही हैं।
उन्होंने कहा, 'कंपनियां अखबार में जॉब पोस्टिंग छिपा देती हैं, ताकि ये कह सकें कि किसी ने अप्लाई नहीं किया। इसके बाद वे विदेशी वर्कर्स को हायर करती हैं और एक क्वालिफाइड अमेरिकी को उसकी नौकरी, सैलरी और सम्मान से दूर कर देती हैं। ये शर्मनाक है। अब समय आ चुका है कि H-1B को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाए।'
फिशबैक ने कहा कि भारत से आने वाले वर्कर्स की तुलना में अमेरिकी ज्यादा क्वालिफाइड हैं। भारतीयों और चीनी लोगों को लगता है कि वे ज्यादा अच्छे हैं, लेकिन फिर उनका शोषण हो जाता है। इसलिए मुझे उनके लिए कोई हमदर्दी नहीं है, क्योंकि वे हमारे साथ हमारे ही देश में किसी गुलाम की तरह व्यवहार करते हैं।
जेम्स फिशबैक इससे पहले जून में चर्चा में आए थे, जब उन्होंने DOGE में जॉब छोड़ दी थी, क्योंकि इसके मुखिया एलन मस्क ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि मस्क को राष्ट्रपति से माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि उन्होंने उन पर बेबुनियाद आरोप लगाए हैं और तंज कसा है। फिशबैक लंबे समय से H-1B वीजा प्रोग्राम की आलोचना करते आए हैं। जब से राष्ट्रपति ट्रंप ने H-1B वीजा की फीस 1 लाख डॉलर की है, तब से ही जेम्स फिशबैक लगातार इंटरव्यू देकर आलोचना कर रहे हैं।
भारतीयों को यहां लाना बंद करें: जेम्स फिशबैक
अमेरिकी CEO ने उन सभी कंपनियों को फटकार लगाई है, जो भारतीयों को हायर करती हैं। उनका कहना है कि अमेरिकी कंपनियां कहती हैं कि उनके पास नौकरियों को करने के लिए अमेरिकी लोग नहीं हैं और फिर वे H-1B वीजा का इस्तेमाल करती हैं। फिशबैक ने कहा कि सबसे पहले तो भारतीयों को जॉब देना बंद करना होगा और उनकी जगह स्थानीय लोगों को नौकरी दी जानी चाहिए।
The H-1B scam is hurting Americans—especially in Florida. If companies in FL want to hire skilled workers, STOP IMPORTING INDIANS and hire recent grads from FSU, UF, FAU, and UCF. They are brilliant, hungry, and love our state!
— James Fishback (@j_fishback) October 22, 2025
Put Florida First. Always. pic.twitter.com/vVdZsOM0Xc
एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, 'H-1B स्कैम अमेरिकियों को नुकसान पहुंचा रहा है, खासतौर पर फ्लोरिडा में। अगर यहां की कंपनियां स्किल वर्कर्स को हायर करना चाहती हैं, तो उन्हें भारतीयों को यहां लाना बंद करना होगा। उन्हें FSU, UF, FAU और UCF जैसी यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट स्टूडेंट्स को हायर करना चाहिए। वे स्टूडेंट्स बेहतरीन हैं और अपने राज्य से प्यार भी करते हैं।'
H-1B को पूरी तरह से खत्म किया जाए: जेम्स फिशबैक
अमेरिकी कंपनियों पर भड़ास निकालते हुए फिशबैक ने एक अन्य पोस्ट में कहा, 'तथाकथित अमेरिकी कंपनियों का कहना है कि उनके पास H-1B वीजा प्रोग्राम का इस्तेमाल करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि उन्हें इन नौकरियों के लिए अमेरिकी नहीं मिल रहे हैं।' उन्होंने आगे दावा कर दिया कि कंपनियां अमेरिकी वर्कर्स को जॉब देने के लिए प्रयास भी नहीं कर रही हैं।
So-called American companies say they have no choice but to use the H-1B program because they “can’t find Americans for these jobs.”
— James Fishback (@j_fishback) October 26, 2025
Here’s the ugly truth: they’re not even looking for Americans. They refuse to interview them. They hide job postings in obscure newspapers to… pic.twitter.com/N1IRfh3lz7
उन्होंने कहा, 'कंपनियां अखबार में जॉब पोस्टिंग छिपा देती हैं, ताकि ये कह सकें कि किसी ने अप्लाई नहीं किया। इसके बाद वे विदेशी वर्कर्स को हायर करती हैं और एक क्वालिफाइड अमेरिकी को उसकी नौकरी, सैलरी और सम्मान से दूर कर देती हैं। ये शर्मनाक है। अब समय आ चुका है कि H-1B को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाए।'
फिशबैक ने कहा कि भारत से आने वाले वर्कर्स की तुलना में अमेरिकी ज्यादा क्वालिफाइड हैं। भारतीयों और चीनी लोगों को लगता है कि वे ज्यादा अच्छे हैं, लेकिन फिर उनका शोषण हो जाता है। इसलिए मुझे उनके लिए कोई हमदर्दी नहीं है, क्योंकि वे हमारे साथ हमारे ही देश में किसी गुलाम की तरह व्यवहार करते हैं।
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