H-1B Visa News: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जब पिछले महीने H-1B वीजा के लिए नई फीस का ऐलान किया, तो चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई। जो वीजा पहले 2000 से 3000 डॉलर में मिल जाता था, उसके लिए फीस बढ़ाकर 1 लाख डॉलर (लगभग 88 लाख रुपये) कर दिया गया। बहुत से वर्कर्स को कंफ्यूजन हो गई कि क्या उन्हें भी अब बढ़ी हुई वीजा फीस देनी होगी। हालांकि, एक महीने बाद अब यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज ( USCIS) ने एक डिटेल गाइडलाइंस जारी की है।
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USCIS की गाइडलाइंस में बताया गया है कि राष्ट्रपति ट्रंप के 19 सितंबर के फीस बढ़ाने के फैसले का असर सिर्फ कुछ खास कैटेगरी में आने वाली H-1B वीजा याचिकाओं पर ही पड़ेगा। ट्रंप का आदेश 21 सितंबर 2025 से ही लागू हो गया था। बढ़ी हुई फीस का मकसद H-1B नॉनइमिग्रेंट वीजा प्रोग्राम में सुधार करना और विदेशी वर्कर्स की देश में एंट्री को प्रतिबंधित करना रहा है। ऐसे में आइए जानते हैं कि H-1B की फीस किन वर्कर्स को देनी होगी और किन्हें इस फीस से छूट मिलने वाली है।
किन वर्कर्स के लिए जरूरी नई फीस?
USCIS के मुताबिक, H-1B वीजा की बढ़ी हुई फीस सिर्फ नई याचिकाओं पर लागू होगी, जो उन विदेशी वर्कर्स के लिए दायर की जाएंगी, जो बिना किसी वीजा के अमेरिका से बाहर रह रहे हैं। आसान भाषा में कहें तो जिन भी विदेशी वर्कर्स का हायरिंग अमेरिका से बाहर से होगी, उनके लिए H-1B वीजा की बढ़ी हुई फीस लागू होगी। USCIS ने ये भी साफ कर दिया है कि जिन लोगों के पास अभी H-1B वीजा है, वे बिना नई फीस भरे बिना अमेरिका से बाहर की यात्रा कर सकते हैं। उन पर नई फीस लागू नहीं होगी।
किन वर्कर्स को मिलेगी वीजा फीस से छूट?
USCIS ने बताया है कि H-1B वीजा फीस भरने से छूट भी मिलेगी, लेकिन ये सिर्फ असाधारण रूप से दुर्लभ परिस्थितियों में ही लागू होगा। एजेंसी के मुताबिक, अगर देश के गृह मंत्री को लगता है कि H-1B वीजा पर आने वाले किसी विदेशी वर्कर का काम राष्ट्रहित में है और उस जॉब को करने के लिए देश में कोई अमेरिकी वर्कर भी नहीं है, तो फिर उसे नई फीस से छूट दी जाएगी। साथ ही H-1B वीजा एक्सटेंशन या स्टेटस चेंज करने वाले वर्कर्स को भी बढ़ी हुई नई फीस भरने से छूट दी जाएगी।
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USCIS की गाइडलाइंस में बताया गया है कि राष्ट्रपति ट्रंप के 19 सितंबर के फीस बढ़ाने के फैसले का असर सिर्फ कुछ खास कैटेगरी में आने वाली H-1B वीजा याचिकाओं पर ही पड़ेगा। ट्रंप का आदेश 21 सितंबर 2025 से ही लागू हो गया था। बढ़ी हुई फीस का मकसद H-1B नॉनइमिग्रेंट वीजा प्रोग्राम में सुधार करना और विदेशी वर्कर्स की देश में एंट्री को प्रतिबंधित करना रहा है। ऐसे में आइए जानते हैं कि H-1B की फीस किन वर्कर्स को देनी होगी और किन्हें इस फीस से छूट मिलने वाली है।
किन वर्कर्स के लिए जरूरी नई फीस?
USCIS के मुताबिक, H-1B वीजा की बढ़ी हुई फीस सिर्फ नई याचिकाओं पर लागू होगी, जो उन विदेशी वर्कर्स के लिए दायर की जाएंगी, जो बिना किसी वीजा के अमेरिका से बाहर रह रहे हैं। आसान भाषा में कहें तो जिन भी विदेशी वर्कर्स का हायरिंग अमेरिका से बाहर से होगी, उनके लिए H-1B वीजा की बढ़ी हुई फीस लागू होगी। USCIS ने ये भी साफ कर दिया है कि जिन लोगों के पास अभी H-1B वीजा है, वे बिना नई फीस भरे बिना अमेरिका से बाहर की यात्रा कर सकते हैं। उन पर नई फीस लागू नहीं होगी।
किन वर्कर्स को मिलेगी वीजा फीस से छूट?
USCIS ने बताया है कि H-1B वीजा फीस भरने से छूट भी मिलेगी, लेकिन ये सिर्फ असाधारण रूप से दुर्लभ परिस्थितियों में ही लागू होगा। एजेंसी के मुताबिक, अगर देश के गृह मंत्री को लगता है कि H-1B वीजा पर आने वाले किसी विदेशी वर्कर का काम राष्ट्रहित में है और उस जॉब को करने के लिए देश में कोई अमेरिकी वर्कर भी नहीं है, तो फिर उसे नई फीस से छूट दी जाएगी। साथ ही H-1B वीजा एक्सटेंशन या स्टेटस चेंज करने वाले वर्कर्स को भी बढ़ी हुई नई फीस भरने से छूट दी जाएगी।
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