नई दिल्ली: पीडब्ल्यूडी ने 3 साल पहले दिल्ली में 7 ऐसे क्रिटिकल पॉइंट्स की पहचान की थी, जहां पानी भरने से दिल्ली का ट्रैफिक अस्त-व्यस्त हो जाता है। इसमें से 3 क्रिटिकल पॉइंट्स पर इससे निपटने के लिए काम किया गया, लेकिन 4 ऐसे क्रिटिकल पॉइंट्स हैं जहां आजतक काम ही कंप्लीट ही नहीं हो सका है। जिन क्रिटिकल पॉइंट्स पर काम किए गए हैं, उनमें मिंटो ब्रिज, पुल प्रह्लादपुर अंडर ब्रिज और डब्ल्यूएचओ बिल्डिंग के पास रिंग रोड का दूसरे साइड का हिस्सा है। जखीरा अंडर ब्रिज, लोनी रोड गोल चक्कर, जहांगीरपुरी मेट्रो स्टेशन और कराला-कंझावला रोड पर आजतक काम ही पूरा नहीं हो पाया है। जखीरा अंडर ब्रिज के नीचे पानी भरने की भयंकर समस्याजखीरा रेलवे अंडरब्रिज के नीचे हल्की बारिश में भी पानी भरने की गंभीर समस्या होती है। पीडब्ल्यूडी अफसरों का कहना है जखीरा अंडरपास सबसे लोवेस्ट पॉइंट पर है। अंडरपास में पानी रेलवे पटरियों के ऊपर से आता है। रेलवे लाइन के ठीक पास ही हजारों झुग्गियां हैं और वहां से भी बरसात का पानी अंडरपास में तेजी से आता है। अंडर ब्रिज के ठीक पास ही रेलवे यार्ड है और यहां से भी बारिश का पानी अंडरपास में ही आता है।पानी की निकासी के लिए अंडरपास के आसपास कोई नाला भी नहीं है। स्वामी नारायण मार्ग पर नजफगढ़ नाला है, जो अंडरपास से करीब 400-500 मीटर की दूरी पर है। मोटर पंप से निकालकर इसी नाले में पानी डाला जाता है। लेकिन, अंडर ब्रिज पानी में डूबे होने के चलते उसके नीचे पानी निकासी के लिए लगे मोटर्स भी डूब जाते हैं। बाहर लगे तीन-चार मोटर्स से ही पानी निकल पाता है। अब अंडरपास में लगे मोटर्स का लेवल ऊपर किया जा रहा है, ताकि वह पानी में न डूबे। अंडर ब्रिज के पास से ही कभी एक नाला गुजरता था, उसको दोबारा बनाने के लिए ढूंढा जा रहा है। कराला-कंझावला मार्ग पर समस्यापीडब्ल्यूडी ने जलभराव के जिन क्रिटिकल पॉइंट्स की पहचान की थी, उनमें कराला-कंझावला मार्ग भी है। मंगोलपुरी फ्लाईओवर से दिल्ली -हरियाणा बॉर्डर तक जाने वाली इस रोड पर मॉनसून में कई जगह जलभराव की समस्या है। इस रोड के साथ रोहतक रोड पर मुंडका रेलवे अंडर ब्रिज में भी हर साल पानी भर जाता है। पीडब्ल्यूडी को यहां भी पानी निकासी के लिए काम करना था, लेकिन आज तक काम ही शुरु नहीं हो पाया। इसी तरह से लोनी रोड गोल चक्कर पर हर साल जलभराव की समस्या भी खत्म करने का प्लान पीडब्ल्यूडी ने बनाया था, लेकिन यहां काम कंप्लीट नहीं हो पाया। तीन जगहों पर ही काम कंपलीट हो पाया हैपुल प्रह्लादपुर रेलवे अंडर ब्रिज के नीचे हर साल पानी भरने की समस्या खत्म करने के लिए 7.5 लाख लीटर क्षमता का अंडरग्राउंड टैंक बनाए गए हैं। टैंक से पानी को नाले में ले जाने के लिए 600–600 एमएम मोटाई की तीन पाइप लाइनें बिछाई गई हैं। इसके अलावा पानी को खींचने के लिए 850 हॉर्स पावर का नया पंप हाउस भी बनाया गया है। अब स्थिति यहां पहले से बेहतर है, लेकिन समस्या पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है। मिंटो ब्रिज के पास जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए मोटर पंप के अलावा एक नया नाला बनाया गया है। इसी तरह से डब्ल्यूएचओ बिल्डिंग के पास रिंग रोड पर पानी जमा होता था, उसे भी ठीक किया गया है।
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