मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में रविवार को एक दिलचस्प घटना घटी। मनसे प्रमुख राज ठाकरे, शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे को उनके 65वें जन्मदिन पर बधाई देने मातोश्री पहुंचे। इस मुलाकात को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज है। इस बीच बीजेपी के वरिष्ठ नेता और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसे सामान्य शिष्टाचार भेंट बताया है। उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है। हमें इसे राजनीतिक रूप से क्यों देखना चाहिए? हम भी उद्धव जी को शुभकामनाएं देते हैं। किसी को जन्मदिन पर बधाई देने जाना राजनीतिक नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए। आपने महाराष्ट्र के दिल में क्या है? विधानसभा चुनावों के दौरान देखा है। आप इसे आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में फिर से देखेंगे।
उद्धव ने राज ठाकरे का किया वेलकम
दरअसल महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने अपने चचेरे भाई और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता उद्धव ठाकरे से रविवार को मुलाकात कर उन्हें उनके 65वें जन्मदिन पर शुभकामनाएं दीं। राज दादर स्थित अपने आवास ‘शिवतीर्थ’ से उद्धव के बांद्रा स्थित आवास ‘मातोश्री’ पहुंचे। उद्धव ने अपनी पार्टी के सांसद संजय राउत के साथ मुंबई स्थित मातोश्री बंगले के प्रवेश द्वार पर अपने चचेरे भाई का स्वागत किया। राज ने उद्धव को लाल गुलाब का एक बड़ा गुलदस्ता भेंट किया।
राज ठाकरे ने क्या कहा?
राज ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि मेरे बड़े भाई, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के जन्मदिन के अवसर पर, मैं अपनी शुभकामनाएं देने के लिए दिवंगत माननीय बालासाहेब ठाकरे के निवास मातोश्री गया। उन्होंने मुलाकात की एक तस्वीर भी शेयर की। इसमें पीछे में उनके चाचा और उद्धव के पिता बाल ठाकरे की तस्वीर लगी हुई दिखाई दे रही है। उद्धव ने संवाददाताओं से कहा कि राज से मुलाकात के बाद उनकी खुशी कई गुना बढ़ गई। उन्होंने कहा कि वह कई सालों के बाद मातोश्री आए थे।
फडणवीस ने मुलाकात पर क्या कहा?
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि चचेरे भाइयों के बीच हुई मुलाकात को कोई राजनीतिक महत्व नहीं दिया जाना चाहिए। फडणवीस ने नागपुर में संवाददाताओं से कहा कि दोनों की मुलाकात खुशी की बात है। इसे राजनीतिक नजरिए से क्यों देखा जाए? वह (राज) जन्मदिन की बधाई देने गए थे। हमारी शुभकामनाएं भी उद्धव जी के साथ हैं। उद्धव ठाकरे ने पांच जुलाई को मुंबई में राज ठाकरे के साथ एक संयुक्त रैली में कहा था कि वह एवं मनसे प्रमुख साथ बने रहने के लिए एकजुट हुए हैं।
दो दशक बाद मंच पर आए थे दोनों भाई
भारतीय जनता पार्टी (बीजपी) नीत महाराष्ट्र सरकार की ओर से हिंदी भाषा को लेकर जारी सरकारी आदेश को वापस लेने का जश्न मनाने के लिए आयोजित ‘विजय’ रैली में, चचेरे भाइयों ने मराठी अस्मिता और हिंदी भाषा को ‘थोपने’ के मुद्दे पर लगभग दो दशकों में पहली बार मंच साझा किया। जुलाई 2012 में राज ठाकरे उद्धव को मुंबई के लीलावती अस्पताल से मातोश्री ले गए थे। अस्पताल में उनकी एंजियोग्राफी की गई थी।
आखिरी बार मातोश्री कब गए थे राज ठाकरे?
जनवरी 2019 में राज मातोश्री गए और उद्धव को अपने बेटे अमित की शादी का निमंत्रण सौंपा। जिसकी उसी महीने के अंत में शादी थी। राज ने दिसंबर 2005 में शिवसेना छोड़ दी थी और अगले साल मनसे का गठन किया था। राज ठाकरे ने शिवसेना छोड़ने के बाद दावा किया था कि उन्होंने मातोश्री से सम्मान मांगा था, लेकिन अपमान मिला। (इनपुट एजेंसी)
उद्धव ने राज ठाकरे का किया वेलकम
दरअसल महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने अपने चचेरे भाई और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता उद्धव ठाकरे से रविवार को मुलाकात कर उन्हें उनके 65वें जन्मदिन पर शुभकामनाएं दीं। राज दादर स्थित अपने आवास ‘शिवतीर्थ’ से उद्धव के बांद्रा स्थित आवास ‘मातोश्री’ पहुंचे। उद्धव ने अपनी पार्टी के सांसद संजय राउत के साथ मुंबई स्थित मातोश्री बंगले के प्रवेश द्वार पर अपने चचेरे भाई का स्वागत किया। राज ने उद्धव को लाल गुलाब का एक बड़ा गुलदस्ता भेंट किया।
राज ठाकरे ने क्या कहा?
राज ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि मेरे बड़े भाई, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के जन्मदिन के अवसर पर, मैं अपनी शुभकामनाएं देने के लिए दिवंगत माननीय बालासाहेब ठाकरे के निवास मातोश्री गया। उन्होंने मुलाकात की एक तस्वीर भी शेयर की। इसमें पीछे में उनके चाचा और उद्धव के पिता बाल ठाकरे की तस्वीर लगी हुई दिखाई दे रही है। उद्धव ने संवाददाताओं से कहा कि राज से मुलाकात के बाद उनकी खुशी कई गुना बढ़ गई। उन्होंने कहा कि वह कई सालों के बाद मातोश्री आए थे।
फडणवीस ने मुलाकात पर क्या कहा?
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि चचेरे भाइयों के बीच हुई मुलाकात को कोई राजनीतिक महत्व नहीं दिया जाना चाहिए। फडणवीस ने नागपुर में संवाददाताओं से कहा कि दोनों की मुलाकात खुशी की बात है। इसे राजनीतिक नजरिए से क्यों देखा जाए? वह (राज) जन्मदिन की बधाई देने गए थे। हमारी शुभकामनाएं भी उद्धव जी के साथ हैं। उद्धव ठाकरे ने पांच जुलाई को मुंबई में राज ठाकरे के साथ एक संयुक्त रैली में कहा था कि वह एवं मनसे प्रमुख साथ बने रहने के लिए एकजुट हुए हैं।
दो दशक बाद मंच पर आए थे दोनों भाई
भारतीय जनता पार्टी (बीजपी) नीत महाराष्ट्र सरकार की ओर से हिंदी भाषा को लेकर जारी सरकारी आदेश को वापस लेने का जश्न मनाने के लिए आयोजित ‘विजय’ रैली में, चचेरे भाइयों ने मराठी अस्मिता और हिंदी भाषा को ‘थोपने’ के मुद्दे पर लगभग दो दशकों में पहली बार मंच साझा किया। जुलाई 2012 में राज ठाकरे उद्धव को मुंबई के लीलावती अस्पताल से मातोश्री ले गए थे। अस्पताल में उनकी एंजियोग्राफी की गई थी।
आखिरी बार मातोश्री कब गए थे राज ठाकरे?
जनवरी 2019 में राज मातोश्री गए और उद्धव को अपने बेटे अमित की शादी का निमंत्रण सौंपा। जिसकी उसी महीने के अंत में शादी थी। राज ने दिसंबर 2005 में शिवसेना छोड़ दी थी और अगले साल मनसे का गठन किया था। राज ठाकरे ने शिवसेना छोड़ने के बाद दावा किया था कि उन्होंने मातोश्री से सम्मान मांगा था, लेकिन अपमान मिला। (इनपुट एजेंसी)
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