रांची: झारखंड एटीएस (ATS) ने अजरबैजान के एक कुख्यात गिरोह के सदस्य सुनील कुमार मीणा उर्फ मयंक सिंह को गिरफ्तार किया है। उसे शनिवार को रांची के बिरसा मुंडा हवाई अड्डे पर लाया गया। एसपी ऋषभ झा के नेतृत्व में एटीएस की टीम उसे रामगढ़ ले गई। वहां उसे अतिरिक्त जिला जज की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उसे रामगढ़ जेल भेज दिया। मयंक सिंह पर झारखंड, छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में कई मामले दर्ज हैं।
मयंक सिंह पर 40 से ज्यादा मामले दर्ज
सुनील कुमार मीणा उर्फ मयंक सिंह पर हत्या, हत्या के प्रयास और कारोबारियों से रंगदारी मांगने जैसे 40 से अधिक मामले दर्ज हैं। ये मामले झारखंड, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में दर्ज हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, वह गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से भी जुड़ा हुआ है, जो देशभर में धमकी और रंगदारी के मामलों में कुख्यात है।
विदेश से अपराधी लाने की पहली सफलता
एसपी (ATS) ऋषभ झा ने बताया कि झारखंड पुलिस ने अदालत की मदद से पहली बार किसी अपराधी को विदेश से प्रत्यर्पित कर लाने में सफलता पाई है। यह कदम पुलिस की बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। सुनील मीणा को रामगढ़ जिले के पाटरतू थाना कांड संख्या 175/22 में प्रत्यर्पित किया गया है। यह मामला व्हाट्सएप के जरिए धमकी भरे संदेश भेजकर रंगदारी मांगने से जुड़ा है। पुलिस पहले ही अदालत में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।
आरोपी ने अदालत में खुद को बताया निर्दोष
अदालत में मीणा ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि वह वही व्यक्ति नहीं है, जिसकी तलाश एटीएस कर रही है। लेकिन एटीएस ने पुख्ता सबूतों के साथ उसके दावे को खारिज कर दिया। एटीएस ने पूछताछ के लिए कोर्ट से सुनील मीणा उर्फ मयंक सिंह की रिमांड की मांग की।
इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस के बाद गिरफ्तारी
सीबीआई ने 10 अक्टूबर, 2024 को इंटरपोल के जरिए मीणा के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। इसी आधार पर 29 अक्टूबर, 2024 को अजरबैजान के बाकू में उसे हिरासत में लिया गया। इसके बाद अजरबैजान सरकार ने प्रत्यर्पण डोजियर मांगा, जिसे विदेश मंत्रालय के माध्यम से भेजा गया। बाकू की अदालत ने दस्तावेजों के आधार पर भारत में प्रत्यर्पण की मंजूरी दी। अंततः 22 अगस्त, 2025 को अजरबैजान ने मीणा को भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया।
एटीएस की टीम लेकर आई आरोपी
एसपी ऋषभ झा की अगुवाई में एटीएस की तीन सदस्यीय टीम पिछले हफ्ते अजरबैजान गई थी। भारतीय दूतावास और स्थानीय अदालत की औपचारिकताएं पूरी करने के बाद आरोपी को कब्जे में लेकर टीम शनिवार सुबह मुंबई होते हुए रांची पहुंची।
डीजीपी का क्या कहना है?
डीजीपी अनुराग गुप्ता ने कहा, 'एक वांछित अपराधी को कानून के दायरे में लाया गया है। यह उन अपराधियों के लिए संदेश है कि विदेश जाकर भी वे कानून से बच नहीं सकते।'
मयंक सिंह पर 40 से ज्यादा मामले दर्ज
सुनील कुमार मीणा उर्फ मयंक सिंह पर हत्या, हत्या के प्रयास और कारोबारियों से रंगदारी मांगने जैसे 40 से अधिक मामले दर्ज हैं। ये मामले झारखंड, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में दर्ज हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, वह गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से भी जुड़ा हुआ है, जो देशभर में धमकी और रंगदारी के मामलों में कुख्यात है।
विदेश से अपराधी लाने की पहली सफलता
एसपी (ATS) ऋषभ झा ने बताया कि झारखंड पुलिस ने अदालत की मदद से पहली बार किसी अपराधी को विदेश से प्रत्यर्पित कर लाने में सफलता पाई है। यह कदम पुलिस की बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। सुनील मीणा को रामगढ़ जिले के पाटरतू थाना कांड संख्या 175/22 में प्रत्यर्पित किया गया है। यह मामला व्हाट्सएप के जरिए धमकी भरे संदेश भेजकर रंगदारी मांगने से जुड़ा है। पुलिस पहले ही अदालत में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।
आरोपी ने अदालत में खुद को बताया निर्दोष
अदालत में मीणा ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि वह वही व्यक्ति नहीं है, जिसकी तलाश एटीएस कर रही है। लेकिन एटीएस ने पुख्ता सबूतों के साथ उसके दावे को खारिज कर दिया। एटीएस ने पूछताछ के लिए कोर्ट से सुनील मीणा उर्फ मयंक सिंह की रिमांड की मांग की।
इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस के बाद गिरफ्तारी
सीबीआई ने 10 अक्टूबर, 2024 को इंटरपोल के जरिए मीणा के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। इसी आधार पर 29 अक्टूबर, 2024 को अजरबैजान के बाकू में उसे हिरासत में लिया गया। इसके बाद अजरबैजान सरकार ने प्रत्यर्पण डोजियर मांगा, जिसे विदेश मंत्रालय के माध्यम से भेजा गया। बाकू की अदालत ने दस्तावेजों के आधार पर भारत में प्रत्यर्पण की मंजूरी दी। अंततः 22 अगस्त, 2025 को अजरबैजान ने मीणा को भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया।
एटीएस की टीम लेकर आई आरोपी
एसपी ऋषभ झा की अगुवाई में एटीएस की तीन सदस्यीय टीम पिछले हफ्ते अजरबैजान गई थी। भारतीय दूतावास और स्थानीय अदालत की औपचारिकताएं पूरी करने के बाद आरोपी को कब्जे में लेकर टीम शनिवार सुबह मुंबई होते हुए रांची पहुंची।
डीजीपी का क्या कहना है?
डीजीपी अनुराग गुप्ता ने कहा, 'एक वांछित अपराधी को कानून के दायरे में लाया गया है। यह उन अपराधियों के लिए संदेश है कि विदेश जाकर भी वे कानून से बच नहीं सकते।'
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