अगली ख़बर
Newszop

राम के अयोध्या लौटने पर दीप जले थे, बारूद नहीं... दिवाली की आतिशबाजी पर पूर्व IAS अफसर का हिंदू-मुस्लिम एंगल

Send Push
नई दिल्ली: दिवाली पर इस बार दिल्ली समेत पूरे देश में जमकर आतिशबाजी हुई। आतिशबाजी का सबसे ज्यादा असर दिल्ली-एनसीआर में दिखाई दिया। यहां प्रदूषण का स्तर काफी हाई हो गया है। इस बीच दिवाली की आतिशबाजी को हिंदू-मुस्लिम एंगल से जोड़ा जा रहा है। पूर्व आईएएस अफसर सूर्य प्रताप सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर तीखा पोस्ट किया है।

उन्होंने लिखा, 'मुसलमानों को चिढ़ाने या बड़ा हिंदू साबित करने के लिए रातभर पटाखे फोड़े गए। राम के अयोध्या लौटने पर दीप जलाए गए थे- बारूद नहीं फोड़ा गया था। दीपोत्सव प्रेम, प्रकाश और करुणा का पर्व है- न पशु-पक्षियों को कष्ट देना सनातन परंपरा है, न प्रदूषण फैलाना।'

उन्होंने आगे लिखा, 'सिख धर्म में भी प्रकाश पर्व मनाया जाता है-आतिशबाजी नहीं। त्योहारों का इस्तेमाल धार्मिक द्वंद या राजनीतिक लाभ के लिए नहीं होना चाहिए। …लेकिन समझाए उन्हें जो समझना चाहें।'


'बहुत खराब' श्रेणी में दिल्ली का AQIदिल्ली में दिवाली के बाद हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंच गई है। लोगों की आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ हो रही है। मंगलवार की सुबह लोगों ने घने धुंधले आसमान का सामना किया। 38 में से 36 निगरानी स्टेशनों से मिले आंकड़े बताते हैं कि प्रदूषण का स्तर 'रेड ज़ोन' में है, जिसका मतलब है कि हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' से 'गंभीर' है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के SAMEER ऐप के अनुसार, रात 10 बजे तक दिल्ली का समग्र एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 344 ('बहुत खराब') था। द्वारका (417), अशोक विहार (404), वज़ीरपुर (423) और आनंद विहार (404) जैसे इलाकों में हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' स्तर पर दर्ज की गई।
न्यूजपॉईंट पसंद? अब ऐप डाउनलोड करें