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मुंबई, अमेरिका और अब दिल्ली ब्लास्ट, 9/11, 26/11, 10/11... हैवानियत के 3 मामले और कहर का 11

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नई दिल्ली: चाहे मुंबई ब्लास्ट हो, अमेरिका का आतंकी हमला हो या फिर अब दिल्ली धमाका... इन तीनों आतंकी घटनाओं में एक चीज कॉमन है। तीनों आतंकी हमलों के साथ किसी न किसी तरह 11 नंबर जुड़ा हुआ है। अमेरिका में साल 2001 में हुए आतंकी हमले की बात करें तो ये आतंकी हमला 11 सितंबर को हुआ था। इस हमले को खासतौर पर 11 तारीख को अंजाम दिया गया।

इसके बाद मुंबई में साल 2008 में आतंकी हमला हुआ, जिसे नवंबर यानी 11वें महीने में अंजाम दिया गया और अब सोमवार को दिल्ली के चांदनी चौक को आतंकियों ने दहला दिया। इस आतंकी हमले को भी 11वें महीने यानी नवंबर में अंजाम दिया गया। वैसे इन तीनों घटनाओं में कई सालों का गैप है, लेकिन तीनों ही आतंकी घटनाओं में 11 नवंबर कॉमन है तो अब ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या आतंकियों के कहर का नंबर 11 है?

9/11: जब दहल उठा अमेरिका, वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर अटैक अमेरिका में 11 सितंबर को एक दर्दनाक दिन के तौर पर याद किया जाता है। ये वो दिन है, जब एक आतंकी हमले में 3000 लोगों की जान चली गई। 11 सितंबर, 2001 को अलकायदा के आतंकियों ने अमेरिका को दहलाकर रख दिया। इस हमले को 9/11 अटैक के तौर पर जाना जाता है।

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11 सितंबर 2001 को अलकायदा के 19 आतंकियों ने 4 कमर्शियल विमानों को हाइजैक किया। दो विमानों को न्यूयॉर्क सिटी की तरफ मोड़ा गया, जहां निशाने पर वर्ल्ड ट्रेड सेंटर आया। आतंकियों ने हाईजैक किए गए विमानों को ट्विन टॉवर से ले जाकर टकार दिया और फिर कुछ ही घंटे में दोनों इमारतें धराशायी हो गईं। तीसरा विमान अमेरिकी रक्षा मंत्रालय यानी पेंटागन में ले जाकर क्रैश कर दिया गया। चौथे विमान में पैसेंजर्स ने आतंकियों का विरोध शुरू कर दिया, जिसके बाद वो पेंसिल्वेनिया के एक खाली खेत में जाकर क्रैश हो गया। इस हमले ने अमेरिका को हिलाकर रख दिया।

10/11: लाल किले के पास भीषण धमाके से दहली दिल्लीदिल्ली में सोमवार शाम लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास एक कार में हुए जबरदस्त धमाके से हड़कंप मच गया। इस धमाके में 12 लोगों की मौत हो गई। 25 से ज्यादा लोग घायल हो गए। घायलों का इलाज लोक नायक जय प्रकाश (LNJP) अस्पताल में चल रहा है। आतंकी वारदात के बाद पूरी दिल्ली में हाई अलर्ट है। दिल्ली में 14 साल बाद इतना बड़ा धमाका हुआ है।


26/11: गोलियों की तड़तड़ाहट से दहल उठा था मुंबई मुंबई के साथ पूरा देश आज भी 26/11 की उस दर्दनाक रात को नहीं भूला है, जब अचानक गोलियों की तड़तड़ाहट से मुंबई दहल उठी थी। क्या होटल, क्या अस्पताल और क्या रेलवे स्टेशन... पाकिस्तान से आए आतंकियों ने किसी भी जगह को नहीं छोड़ा था। इस हमले में 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।

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शुरुआत में किसी को भी इस बात का अंदाजा भी नहीं था कि ये इतना बड़ा हमला है, लेकिन बाद में इसकी भयावहता का पता चला। इस हमले में मुंबई पुलिस के कई आला अधिकारी भी जान गंवा बैठे थे। इन आतंकियों को रोकने में 60 घंटे से भी ज्यादा का समय लग गया था।
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