बुलंदशहर: 2018 की स्याना हिंसा में दोषी करार दिए गए सभी 38 दोषियों को शुक्रवार को सजा का ऐलान होगा। इनमें एक बीजेपी नेता भी शामिल है। एडीजे 12 गोपालजी की अदालत में सजा सुनाई जाएगी। सुबह 11 बजे तक सभी दोषियों को कोर्ट लाया जाएगा। सजा पर बहस होगी। फिर दोपहर बाद सजा सुनाई जा सकती है। 30 जुलाई को इन लोगों को अदालत ने दोषी करार दिया था। सजा सुनाने के लिए एक अगस्त की तारीख तय की गई थी।
यह घटना तीन दिसंबर, 2018 को बुलंदशहर जिले के स्याना इलाके में हुई थी। यहां कथित गोहत्या को लेकर हिंसा भड़क उठी थी। उपद्रव पर काबू पाने के दौरान एसएचओ सुबोध कुमार सिंह और 20 वर्षीय सुमित को गोली लगने से गंभीर चोटें आईं, जिसके बाद उनकी मौत हो गई।
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मैंने पति से किया वादा निभाया: रजनी सिंह स्याना के इंस्पेक्टर रहे सुबोध कुमार सिंह के परिवार का कोई सदस्य फैसला सुनाने का दिन कोर्ट में नहीं मौजू रहा। हालांकि उनकी पत्नी रजनी सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि मुझे लगता है कि न्याय मिल गया है। उन्होंने कहा कि पति ने कसम दी थी कि यदि उन्हें कुछ हो जाए तो पुलिस की नौकरी मत करना। इसलिए न तो मैंने नौकरी और ना ही अपने दोनों बेटों को इस विभाग में आने दिया।
एक आरोपी किशोर, पांच की हो चुकी मौतविशेष लोक अभियोजक यशपाल सिंह राघव ने बताया कि आरोपपत्र में नामजद 44 लोगों में से 38 के खिलाफ आरोप सिद्ध हो गए हैं। एक आरोपी पर किशोर न्यायालय में मुकदमा जारी है क्योंकि वह घटना के समय नाबालिग था। मुकदमे के दौरान, पांच आरोपियों की मौत हो गई। पांच लोगों को तत्कालीन भारतीय दंड सहिंता की धारा 302 (हत्या) के तहत दोषी ठहराया गया, जबकि बाकी को अन्य आरोपों के तहत दोषी करार दिया गया। राघव ने बताया कि पांच आरोपियों प्रशांत नट , डेविड, जॉनी ,राहुल और लोकेंद्र मामा को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत दोषी पाया गया है जबकि बाकी 33 आरोपियों को अन्य धाराओं के तहत दोषी माना गया है।
2018 में भीड़ ने वाहनों में आग लगा दी थी: एसएसपीएसएसपी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि तीन दिसंबर, 2018 को स्याना थानाक्षेत्र के चिंगरावठी गांव में भीड़ ने जनता को उकसाया और अफवाहें फैलाईं, जिससे जाम लग गया। जब पुलिस मौके पर पहुंची और उन्हें वास्तविक स्थिति से अवगत कराने व उन्हें तितर-बितर करने का प्रयास किया गया तो भीड़ ने पथराव किया, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और वाहनों में आग लगा दी।
हिंसा के दौरान स्याना के तत्कालीन थाना प्रभारी (एसएचओ) सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई। अधिकारी ने बताया कि संबंधित धाराओं के तहत आरोपपत्र दायर किया गया। उन्होंने बताया कि 38 दोषियों में से पांच को हत्या के आरोप में दोषी पाया गया जबकि बाकी 33 को सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, आगजनी, दंगा और हत्या के प्रयास जैसे गंभीर आरोपों में दोषी ठहराया गया।
यह घटना तीन दिसंबर, 2018 को बुलंदशहर जिले के स्याना इलाके में हुई थी। यहां कथित गोहत्या को लेकर हिंसा भड़क उठी थी। उपद्रव पर काबू पाने के दौरान एसएचओ सुबोध कुमार सिंह और 20 वर्षीय सुमित को गोली लगने से गंभीर चोटें आईं, जिसके बाद उनकी मौत हो गई।
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मैंने पति से किया वादा निभाया: रजनी सिंह स्याना के इंस्पेक्टर रहे सुबोध कुमार सिंह के परिवार का कोई सदस्य फैसला सुनाने का दिन कोर्ट में नहीं मौजू रहा। हालांकि उनकी पत्नी रजनी सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि मुझे लगता है कि न्याय मिल गया है। उन्होंने कहा कि पति ने कसम दी थी कि यदि उन्हें कुछ हो जाए तो पुलिस की नौकरी मत करना। इसलिए न तो मैंने नौकरी और ना ही अपने दोनों बेटों को इस विभाग में आने दिया।
एक आरोपी किशोर, पांच की हो चुकी मौतविशेष लोक अभियोजक यशपाल सिंह राघव ने बताया कि आरोपपत्र में नामजद 44 लोगों में से 38 के खिलाफ आरोप सिद्ध हो गए हैं। एक आरोपी पर किशोर न्यायालय में मुकदमा जारी है क्योंकि वह घटना के समय नाबालिग था। मुकदमे के दौरान, पांच आरोपियों की मौत हो गई। पांच लोगों को तत्कालीन भारतीय दंड सहिंता की धारा 302 (हत्या) के तहत दोषी ठहराया गया, जबकि बाकी को अन्य आरोपों के तहत दोषी करार दिया गया। राघव ने बताया कि पांच आरोपियों प्रशांत नट , डेविड, जॉनी ,राहुल और लोकेंद्र मामा को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत दोषी पाया गया है जबकि बाकी 33 आरोपियों को अन्य धाराओं के तहत दोषी माना गया है।
2018 में भीड़ ने वाहनों में आग लगा दी थी: एसएसपीएसएसपी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि तीन दिसंबर, 2018 को स्याना थानाक्षेत्र के चिंगरावठी गांव में भीड़ ने जनता को उकसाया और अफवाहें फैलाईं, जिससे जाम लग गया। जब पुलिस मौके पर पहुंची और उन्हें वास्तविक स्थिति से अवगत कराने व उन्हें तितर-बितर करने का प्रयास किया गया तो भीड़ ने पथराव किया, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और वाहनों में आग लगा दी।
हिंसा के दौरान स्याना के तत्कालीन थाना प्रभारी (एसएचओ) सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई। अधिकारी ने बताया कि संबंधित धाराओं के तहत आरोपपत्र दायर किया गया। उन्होंने बताया कि 38 दोषियों में से पांच को हत्या के आरोप में दोषी पाया गया जबकि बाकी 33 को सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, आगजनी, दंगा और हत्या के प्रयास जैसे गंभीर आरोपों में दोषी ठहराया गया।
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