वैसे तो कोई भी बीमारी भी अच्छी नहीं होती, लेकिन कुछ मर्ज तो महिलाओं की सेहत के लिए दुश्मन ही बन जाती है। ऐसी ही एक समस्या का नाम है थायरॉइड की कमी (हाइपोथायरॉइडिज्म)। यह न केवल महिलाओं के पीरियड्स को अनियमित कर देती है, बल्कि कंसीव करने में भी बाधा बनती है। वहीं, इस विषय पर स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर समरा मसूद ने अहम जानकारी दी है। आइए जानते हैं कि, उन्होंने क्या कुछ कहा।
डॉ. समरा मसूद की ओर से इंस्टाग्राम पर जारी एक वीडियो में वह बताती हैं कि 10 में से लगभग 4 प्रेग्नेंसी केवल थायरॉइड की वजह से अबॉर्ट हो जाती है, विशेष रूप से पहले तीन महीनों के भीतर। वे कहती हैं कि अगर आपको यह समस्या है तो अबॉर्शन के चासेंज ज्यादा बढ़ जाते हैं। इस प्रॉब्लम की वजह से मिसकैरिज का रिस्क बहुत ज्यादा बढ़ जाता है।
फर्टिलिटी को करती है प्रभावित डॉक्टर मसूद कहती हैं कि अगर कुछ लोगों में इस समय पर मैनेज नहीं किया जाए, तो बार- बार अबॉर्शन का रिस्क भी बढ़ा देती है। वहीं, लॉन्ग टर्म में यह फर्टिलिटी को भी प्रभावित कर सकती है। इस प्राॅब्लम का नाम है हाइपोथायराइड यानी कि थायरॉइड की कमी होना।
क्या आप बेबी प्लान कर रही हैं ?
पीरियड्स भी हो जाते हैं लेट एक्सपर्ट बताती हैं कि थायरॉइड की कमी के चलते पीरियड्स नहीं आते या फिर समय पर नहीं आते। दो से तीन महीने के बीच में आते हैं। वहीं, कुछ लोग तो कंसीव ही नहीं कर पाते हैं। अगर किसी महिला ने गर्भधारण कर भी लिया, तो फिर बच्चे की धड़कन नहीं आती है और अगर हार्टबीट आ भी गई तो फिर पहले तीन महीनों में ब्लीडिंग होकर अबॉर्शन के चासेंज बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं। थायरॉइड का चेकअप जरूर करवाएं
इसलिए मैं सभी महिलाओं से मैं यह कहना चाहती हूं कि अगर आप प्रेग्नेंसी प्लान कर रही हैं, तो सबसे पहले आपको अपना थॉयराइड हार्मोन जरूर चेक करना चाहिए। साथ ही, अगर आपको इस हार्मोन की कमी है, तो फिर आपको इसके सप्लीमेंट्स जरूर लेनी चाहिए, जिससे आपकी प्रेग्नेंसी ठहरे।
डॉ. समरा मसूद की ओर से इंस्टाग्राम पर जारी एक वीडियो में वह बताती हैं कि 10 में से लगभग 4 प्रेग्नेंसी केवल थायरॉइड की वजह से अबॉर्ट हो जाती है, विशेष रूप से पहले तीन महीनों के भीतर। वे कहती हैं कि अगर आपको यह समस्या है तो अबॉर्शन के चासेंज ज्यादा बढ़ जाते हैं। इस प्रॉब्लम की वजह से मिसकैरिज का रिस्क बहुत ज्यादा बढ़ जाता है।
फर्टिलिटी को करती है प्रभावित डॉक्टर मसूद कहती हैं कि अगर कुछ लोगों में इस समय पर मैनेज नहीं किया जाए, तो बार- बार अबॉर्शन का रिस्क भी बढ़ा देती है। वहीं, लॉन्ग टर्म में यह फर्टिलिटी को भी प्रभावित कर सकती है। इस प्राॅब्लम का नाम है हाइपोथायराइड यानी कि थायरॉइड की कमी होना।
क्या आप बेबी प्लान कर रही हैं ?
डॉक्टर कहती हैं कि थॉयराइड की कमी के साइंस को आप इस तरह से समझ सकते हैं कि, जिन लोगों को यह बीमारी होती है, उन्हें भूख नहीं लगती है। वे इतना खाना नहीं खाते हैं, लेकिन फिर भी उनका वजन बहुत ज्यादा बढ़ता है।
पीरियड्स भी हो जाते हैं लेट एक्सपर्ट बताती हैं कि थायरॉइड की कमी के चलते पीरियड्स नहीं आते या फिर समय पर नहीं आते। दो से तीन महीने के बीच में आते हैं। वहीं, कुछ लोग तो कंसीव ही नहीं कर पाते हैं। अगर किसी महिला ने गर्भधारण कर भी लिया, तो फिर बच्चे की धड़कन नहीं आती है और अगर हार्टबीट आ भी गई तो फिर पहले तीन महीनों में ब्लीडिंग होकर अबॉर्शन के चासेंज बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं। थायरॉइड का चेकअप जरूर करवाएं
इसलिए मैं सभी महिलाओं से मैं यह कहना चाहती हूं कि अगर आप प्रेग्नेंसी प्लान कर रही हैं, तो सबसे पहले आपको अपना थॉयराइड हार्मोन जरूर चेक करना चाहिए। साथ ही, अगर आपको इस हार्मोन की कमी है, तो फिर आपको इसके सप्लीमेंट्स जरूर लेनी चाहिए, जिससे आपकी प्रेग्नेंसी ठहरे।
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