बीजिंग: पाकिस्तान के खिलाफ लड़ाई में भारतीय लड़ाकू विमान गिरने की रिपोर्ट पर चीन ने प्रतिक्रिया देते हुए अपने एयर टू एयर पीएल-15 मिसाइल की तारीफ की है। रॉयटर्स की शनिवार की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच 6-7 मई की रात हुए संघर्ष के दौरान भारत का एक एडवांस फाइटर जेट गिराया गया है। रॉयटर्स ने उस विमान के राफेल होने का दावा किया है। इस दावे के पीछे रॉयटर्स ने पाकिस्तान और भारत के कुछ वायुसेना के अधिकारियों का हवाला दिया है। रॉयटर्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के चीनी जे-10 लड़ाकू विमान ने भारत के अत्याधुनिक राफेल लड़ाकू विमान को मार गिराया था। हालांकि भारत ने अभी तक आधिकारिक तौर पर राफेल गिरने की बात नहीं मानी है। हालांकि भारत ने ये जरूर कहा है कि पाकिस्तान के खिलाफ संघर्ष में कुछ नुकसान हुआ है। जबकि फ्रांस एयरफोर्स के चीफ ने पिछले महीने कहा था कि एक राफेल का नुकसान भारत को हुआ है, लेकिन वो पाकिस्तानी मिसाइल से नहीं, बल्कि तकनीकी दिक्कतों की वजह से।
लेकिन रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में दोनों देशों के वायुसेना के अधिकारियों का हवाला देते हुए दावा किया है कि असल में भारतीय पायलट ने चीनी पीएल-15 मिसाइस की रेंज को कम करके आंका था। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारतीय पायलट को इस बात की खुफिया जानकारी थी कि पीएल-15 मिसाइल का रेंज 145 किलोमीटर है, लेकिन पाकिस्तान की तरफ से इस्तेमाल की गई मिसाइल की रेंज 200 किलोमीटर से ज्यादा था। नवभारत टाइम्स ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से पहले ही अपनी रिपोर्ट में कहा था कि 'चीन की सेना पीएलए ने अपने स्टॉक से पीएल-15 मिसाइल निकालकर पाकिस्तान को दिया है, जिसकी रेंज 200 से 300 किलोमीटर के बीच हो सकती है।'
भारतीय विमान गिरने के दावे पर आया चीन का बयान
रॉयटर्स को पाकिस्तानी अधिकारियों ने बताया है कि भारतीय विमान पर करीब 200 किलोमीटर की दूरी से हमला किया गया था। जबकि भारतीय अधिकारियों का कहना है कि रेंज 200 किलोमीटर से कुछ और ज्यादा थी। रॉयटर्स ने कहा है कि विमान गिरने के पीछे ऐसा नहीं था कि विमान में किसी तरह की कोई दिक्कत थी, बल्कि मिसाइल की रेंज को लेकर गलत खुफिया जानकारी की वजह से विमान गिरे। जिसके बाद ग्लोबल टाइम्स ने अपनी मिसाइल की खूब पीठ थपथपाई है। उसने लिखा है कि PL-15 मिसाइल को चीन की ओर से 'लंबी दूरी की एयर-टू-एयर वॉरफेयर' में क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है। इसमें इनर्शियल नेविगेशन, सैटेलाइट गाइडेंस, डाटा लिंक और एक्टिव रडार जैसे हाई-एंड गाइडेंस सिस्टम लगे हैं। इसका प्रदर्शन इस झड़प में अप्रत्याशित रूप से सफल रहा, जिससे चीनी रक्षा तकनीक की क्षमताओं पर वैश्विक ध्यान गया है।
चीनी सैन्य मामलों के जानकार झांग ज़ुएफेंग ने ग्लोबल टाइम्स को बताया है कि PL-15E की सबसे बड़ी खूबियों में से एक इसकी लंबी दूरी है। इसकी अधिकतम मारक क्षमता पिछली मिसाइलों से कहीं ज्यादा है। ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि एयरशो चाइना 2021 में जब इसे सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किया गया था, तब इसकी सीमा 145 किलोमीटर बताई गई थी। वहीं जून में 55वें पेरिस एयर शो में मीडिया ने जब पूछा कि जे-10सीई या राफेल में कौन बेहतर है तो एविएशन इंडस्ट्री कॉरपोरेशन ऑफ चाइना (एवीआईसी) के प्रवक्ता वू जिवेई ने ग्लोबल टाइम्स को बताया कि दोनों विमान एडवांस फाइटर जेट हैं। आपको बता दें कि भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन ने पाकिस्तान को लाइव सैटेलाइट डेटा लिंक दिए थे।
लेकिन रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में दोनों देशों के वायुसेना के अधिकारियों का हवाला देते हुए दावा किया है कि असल में भारतीय पायलट ने चीनी पीएल-15 मिसाइस की रेंज को कम करके आंका था। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारतीय पायलट को इस बात की खुफिया जानकारी थी कि पीएल-15 मिसाइल का रेंज 145 किलोमीटर है, लेकिन पाकिस्तान की तरफ से इस्तेमाल की गई मिसाइल की रेंज 200 किलोमीटर से ज्यादा था। नवभारत टाइम्स ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से पहले ही अपनी रिपोर्ट में कहा था कि 'चीन की सेना पीएलए ने अपने स्टॉक से पीएल-15 मिसाइल निकालकर पाकिस्तान को दिया है, जिसकी रेंज 200 से 300 किलोमीटर के बीच हो सकती है।'
भारतीय विमान गिरने के दावे पर आया चीन का बयान
रॉयटर्स को पाकिस्तानी अधिकारियों ने बताया है कि भारतीय विमान पर करीब 200 किलोमीटर की दूरी से हमला किया गया था। जबकि भारतीय अधिकारियों का कहना है कि रेंज 200 किलोमीटर से कुछ और ज्यादा थी। रॉयटर्स ने कहा है कि विमान गिरने के पीछे ऐसा नहीं था कि विमान में किसी तरह की कोई दिक्कत थी, बल्कि मिसाइल की रेंज को लेकर गलत खुफिया जानकारी की वजह से विमान गिरे। जिसके बाद ग्लोबल टाइम्स ने अपनी मिसाइल की खूब पीठ थपथपाई है। उसने लिखा है कि PL-15 मिसाइल को चीन की ओर से 'लंबी दूरी की एयर-टू-एयर वॉरफेयर' में क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है। इसमें इनर्शियल नेविगेशन, सैटेलाइट गाइडेंस, डाटा लिंक और एक्टिव रडार जैसे हाई-एंड गाइडेंस सिस्टम लगे हैं। इसका प्रदर्शन इस झड़प में अप्रत्याशित रूप से सफल रहा, जिससे चीनी रक्षा तकनीक की क्षमताओं पर वैश्विक ध्यान गया है।
चीनी सैन्य मामलों के जानकार झांग ज़ुएफेंग ने ग्लोबल टाइम्स को बताया है कि PL-15E की सबसे बड़ी खूबियों में से एक इसकी लंबी दूरी है। इसकी अधिकतम मारक क्षमता पिछली मिसाइलों से कहीं ज्यादा है। ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि एयरशो चाइना 2021 में जब इसे सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किया गया था, तब इसकी सीमा 145 किलोमीटर बताई गई थी। वहीं जून में 55वें पेरिस एयर शो में मीडिया ने जब पूछा कि जे-10सीई या राफेल में कौन बेहतर है तो एविएशन इंडस्ट्री कॉरपोरेशन ऑफ चाइना (एवीआईसी) के प्रवक्ता वू जिवेई ने ग्लोबल टाइम्स को बताया कि दोनों विमान एडवांस फाइटर जेट हैं। आपको बता दें कि भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन ने पाकिस्तान को लाइव सैटेलाइट डेटा लिंक दिए थे।
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