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सीएम धामी की मौजूदगी में सिलक्यारा टनल हुई ब्रेकथ्रू, गंगोत्री-यमुनोत्री धाम की दूरी 26 किमी घटेगी

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रश्मि खत्री, देहरादून/उत्तरकाशी: चारधाम यात्रा को सुगम बनाने और ऑल वेदर कनेक्टीविटी बनाये रखने के लिए उत्तरकाशी में बन रही 4.5 किमी लंबी सिलक्यारा-पोलगांव सुरंग का ब्रेक थ्रू होने से प्रदेशभर में खुशी का माहौल है। इन टनल के बनने के बाद गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के बीच लगभग 26 किमी की दूरी कम हो जायेगी।उत्तरकाशी में बन रही सिल्क्यारा टनल उत्तराखंड में चारधाम महामार्ग परियोजना का हिस्सा है। सिलक्यारा सुरंग चारधाम यात्रा के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण परियोजना है। यह सुरंग लगभग 853 करोड़ की लागत से बनाई जा रही है। इसकी लंबाई 4.531 किलोमीटर है और यह दो लेन व दो दिशा वाली होगी। सुरंग निर्माण से गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के बीच की दूरी 26 किलोमीटर तक कम हो जाएगी, जिससे यात्रियों को बेहतर सुविधा और समय की बचत होगी।सिल्क्यारा सुरंग बनने से उत्तरकाशी और गढ़वाल क्षेत्र के यात्रियों को सबसे ज्यादा फायदा होगा। यह सुरंग चारधाम यात्रा के दौरान आवाजाही को आसान बनाएगी और समय की बचत के साथ ही यात्रियों की आवाजाही के लिए एक सुरक्षित मार्ग प्रदान करेगी। सिलक्यारा टनल का काम जब शुरू हुआ था तो वर्ष 2024 में पूरा होने की उम्मीद थी लेकिन 12 नवंबर 2023 को सुरंग के अंदर मलबा आने के कारण बड़ा हादसा हो गया था। मलबा आने के कारण सुरंग में रात के समय काम कर रहे 41 मजदूर वहां पर फंस गए थे।17 दिन बचाव अभियान चला कर 28 नवंबर की देर शाम को इन सभी 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला गया था। इसके बाद टनल का काम रुक गया था। एनएचआईडीसीएल ने वहां पर वर्ष 2024 के मध्य में दोबारा काम शुरू करवाया और वहां पर पड़े मलबे को हटाया गया। मलबा हटने के बाद कार्यदायी संस्था नवयुगा कंपनी सुरंग के आर-पार होने के लिए बाकी बचे 30 मीटर हिस्से पर तेजी से कार्य शुरू किया। इसके परिणाम स्वरूप आज बुधवार को सिलक्यारा-पोलगांव सुरंग आरपार हो गयी। वहीं सिलक्यारा सुरंग हादसे के दौरान कोई हल न निकलता देख स्थानीय लोगों की मान्यता के अनुसार कार्यदायी कंपनी के अधिकारी स्थानीय देवता बाबा बौखनाग की शरण में पहुंचे थे। इस पर बाबा बौखनाग के पश्वा ने सभी श्रमिकों के सुरक्षित बाहर निकल आने का भरोसा दिया था। इसके बाद सुरंग के मुहाने पर ही बाबा बौखनाग का छोटा मंदिर स्थापित किया गया था। हादसे के 17 दिन बाद टनल में फंसे 41 श्रमिकों को सफलतापूर्वक सुरक्षित निकाल लिया गया था।इस घटना के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रमिकों की कुशलता और स्थानीय लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए यहां पर बाबा बौखनाग के मंदिर निर्माण का संकल्प लिया था। जिसे आज साकार किया जा रहा है। टनल के बाहर बाबा बौखनाग का भव्य मंदिर भी बनाया गया है। जहां आज सीएम पुष्कर सिंह धामी और सांसद अजय टम्टा ने पूजा-अर्चना की।
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