वैशाली: बिहार की सबसे हॉट सीट राघोपुर में वोटिंग जारी है। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राघोपुर विधानसभा सीट यूं ही हॉट सीट नहीं बन गई। इस सीट से राजद सुप्रीमो प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव और महागठबंधन के सीएम पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव मैदान में हैं। उन्हें राघोपुर के ही दिग्गज बीजेपी नेता सतीश कुमार यादव ने चुनौती दी है। सतीश यादव वही नेता हैं जिन्होंने 2010 में राबड़ी देवी को हराया था। वो भी एक या दो हजार नहीं बल्कि 13,006 वोटों से। सतीश यादव ने इस जीत के बाद इलाके में दबदबा कायम कर लिया था। उस वक्त वो जदयू के टिकट पर राघोपुर से चुनावी मैदान में उतरे थे। हालांकि इस बार सतीश कुमार यादव जदयू से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। NDA से उन्हें बीजेपी ने राघोपुर का टिकट दिया है।
राघोपुर सीट पर वोटिंग जारीलेकिन 2015 में तेजस्वी यादव ने मां राबड़ी देवी की हार का बदला चुका दिया। 2015 के बाद 2020 में भी तेजस्वी यादव राघोपुर से जीते और अब तीसरी बार भी यहीं से मैदान में हैं। राघोपुर सीट की बात करें तो ये सीट 1951 में बनी थी। राघोपुर सीट से पहले विधायक हरिवंश नारायण सिंह बने थे। वो कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे। बात अगर चुनाव की करें तो राघोपुर सीट पर एक दफे उपचुनाव हो चुका है। कुल मिलाकर इस सीट पर 20 चुनाव हुए हैं। इसमें 5 बार कांग्रेस, 5 बार राजद, 2 बार जनता दल, 2 बार संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, एक बार JDU जदयू और इसी तरह से एक-एक बार लोकदल, जनता पार्टी (सेक्युलर), जनता पार्टी, जनसंघ, और सोशलिस्ट पार्टी ने कब्जा जमाया। हालांकि बीजेपी के लिए ये पहली बार है कि वो इस सीट पर जीत कर अपना खाता खोल सकती है। इस सीट पर 30 फीसदी यादव वोटर हैं। माना जाता है कि इनका वोट सीधे लालू प्रसाद यादव की पार्टी RJD को ही जाता है। खैर, जनता ने अपना फैसला दे दिया है जो ईवीएम में बंद हो गया है। अब तेजस्वी यादव और सतीश कुमार यादव में किसने बाजी मारी, इसका पता 14 नवंबर को चलेगा।
राघोपुर सीट पर वोटिंग जारीलेकिन 2015 में तेजस्वी यादव ने मां राबड़ी देवी की हार का बदला चुका दिया। 2015 के बाद 2020 में भी तेजस्वी यादव राघोपुर से जीते और अब तीसरी बार भी यहीं से मैदान में हैं। राघोपुर सीट की बात करें तो ये सीट 1951 में बनी थी। राघोपुर सीट से पहले विधायक हरिवंश नारायण सिंह बने थे। वो कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे। बात अगर चुनाव की करें तो राघोपुर सीट पर एक दफे उपचुनाव हो चुका है। कुल मिलाकर इस सीट पर 20 चुनाव हुए हैं। इसमें 5 बार कांग्रेस, 5 बार राजद, 2 बार जनता दल, 2 बार संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, एक बार JDU जदयू और इसी तरह से एक-एक बार लोकदल, जनता पार्टी (सेक्युलर), जनता पार्टी, जनसंघ, और सोशलिस्ट पार्टी ने कब्जा जमाया। हालांकि बीजेपी के लिए ये पहली बार है कि वो इस सीट पर जीत कर अपना खाता खोल सकती है। इस सीट पर 30 फीसदी यादव वोटर हैं। माना जाता है कि इनका वोट सीधे लालू प्रसाद यादव की पार्टी RJD को ही जाता है। खैर, जनता ने अपना फैसला दे दिया है जो ईवीएम में बंद हो गया है। अब तेजस्वी यादव और सतीश कुमार यादव में किसने बाजी मारी, इसका पता 14 नवंबर को चलेगा।
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