हैदराबाद : तेलंगाना की रेवंत रेड्डी सरकार ने पूर्व सांसद रहे क्रिकेटर मोहम्मद अजरुद्दीन और प्रोफेसर कोडंडाराम रेड्डी को राज्यपाल कोटे से एमएलसी नॉमिनेट करने का फैसला किया है। शनिवार शाम कैबिनेट की बैठक के बाद दोनों नेताओं के नाम पर मुहर लगी है। मोहम्मद अजरुद्दीन ने हैदराबाद की जुबली हिल्स में होने वाले उपचुनाव में टिकट की दावेदारी की थी। राजनीतिक समीकरणों को देखते हुए उन्हें विधान परिषद में भेजने का फैसला लिया है। बताया जा रहा है कि अजहरुद्दीन को रेवंत रेड्डी के मंत्रिमंडल में मंत्री भी बनाया जा सकता है।
इस तरह अजहर के नाम पर हुआ फैसलातेलंगाना में कांग्रेस सरकार ने राज्यपाल कोटे से एमएलसी के लिए प्रोफेसर कोडंडाराम रेड्डी और मोहम्मद अजहरुद्दीन के नाम प्रस्तावित किए हैं। पूर्व कांग्रेस सांसद अजहरुद्दीन का नाम आमेर अली खान की जगह आया है। इससे पहले कोडंडाराम और आमेर अली खान को नॉमिनेट करने का फैसला किया था, मगर सुप्रीम कोर्ट ने दोनों के नामांकन को कैंसल कर दिया था। शनिवार शाम मंत्रिमंडल ने कोडंडाराम को दोबारा एमएलसी के लिए चुना, मगर आमेर अली खान का पत्ता काट दिया। पार्टी ने मुस्लिम चेहरे के तौर पर मोहम्मद अजरुद्दीन को तवज्जो दी।
जुबली हिल्स से हार गए थे चुनावटीम इंडिया के लंबे समय तक कप्तान रहे क्रिकेटर अजहरुद्दीन 2023 में जुबली हिल्स विधानसभा क्षेत्र से हार गए थे। उन्हें बीआरएस नी नेता मागांती गोपीनाथ ने हराया था। हाल ही में विधायक मागांती गोपीनाथ का निधन हो गया और जुबली हिल्स सीट खाली हो गई है। अजहरुद्दीन ने इस सीट से उपचुनाव लड़ने के लिए दावेदारी की थी। वे टिकट के लिए राहुल गांधी और वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी से नई दिल्ली में मुलाकात भी की थी। रिपोर्टस के अनुसार, कांग्रेस की तेलंगाना यूनिट जुबली हिल्स से बैकवर्ड उम्मीदवार को मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है। एआईएआईएम ने भी अजरुद्दीन के नाम पर आपत्ति जताई थी।
मुस्लिम चेहरे को एंट्री देने की रणनीतितेलंगाना में कांग्रेस सरकार के दो साल पूरे होने वाले हैं, मगर कैबिनेट में अभी तक एक भी मुस्लिम चेहरे को जगह नहीं दी गई है। कांग्रेस सरकार को काफी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। इस कमी को पूरा करने के लिए बताया जा रहा है कि एमएलसी चुने जाने के बाद अजरुद्दीन को कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है। बता दें कि क्रिकेट छोड़ने के बाद अजहर राजनीति में उतरे थे। उन्होंने 2019 में मुरादाबाद से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीता था।
इस तरह अजहर के नाम पर हुआ फैसलातेलंगाना में कांग्रेस सरकार ने राज्यपाल कोटे से एमएलसी के लिए प्रोफेसर कोडंडाराम रेड्डी और मोहम्मद अजहरुद्दीन के नाम प्रस्तावित किए हैं। पूर्व कांग्रेस सांसद अजहरुद्दीन का नाम आमेर अली खान की जगह आया है। इससे पहले कोडंडाराम और आमेर अली खान को नॉमिनेट करने का फैसला किया था, मगर सुप्रीम कोर्ट ने दोनों के नामांकन को कैंसल कर दिया था। शनिवार शाम मंत्रिमंडल ने कोडंडाराम को दोबारा एमएलसी के लिए चुना, मगर आमेर अली खान का पत्ता काट दिया। पार्टी ने मुस्लिम चेहरे के तौर पर मोहम्मद अजरुद्दीन को तवज्जो दी।
जुबली हिल्स से हार गए थे चुनावटीम इंडिया के लंबे समय तक कप्तान रहे क्रिकेटर अजहरुद्दीन 2023 में जुबली हिल्स विधानसभा क्षेत्र से हार गए थे। उन्हें बीआरएस नी नेता मागांती गोपीनाथ ने हराया था। हाल ही में विधायक मागांती गोपीनाथ का निधन हो गया और जुबली हिल्स सीट खाली हो गई है। अजहरुद्दीन ने इस सीट से उपचुनाव लड़ने के लिए दावेदारी की थी। वे टिकट के लिए राहुल गांधी और वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी से नई दिल्ली में मुलाकात भी की थी। रिपोर्टस के अनुसार, कांग्रेस की तेलंगाना यूनिट जुबली हिल्स से बैकवर्ड उम्मीदवार को मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है। एआईएआईएम ने भी अजरुद्दीन के नाम पर आपत्ति जताई थी।
मुस्लिम चेहरे को एंट्री देने की रणनीतितेलंगाना में कांग्रेस सरकार के दो साल पूरे होने वाले हैं, मगर कैबिनेट में अभी तक एक भी मुस्लिम चेहरे को जगह नहीं दी गई है। कांग्रेस सरकार को काफी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। इस कमी को पूरा करने के लिए बताया जा रहा है कि एमएलसी चुने जाने के बाद अजरुद्दीन को कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है। बता दें कि क्रिकेट छोड़ने के बाद अजहर राजनीति में उतरे थे। उन्होंने 2019 में मुरादाबाद से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीता था।
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