इंदौर: अब आपको खिड़कियों पर पर्दा नहीं लगाना पड़ेगा। ये हम नहीं आईआईटी इंदौर कह रहा है। IIT ने एक नई तकनीक खोड निकाली है जिससे खिड़कियों पर पर्दों की जरूरत खत्म हो जाएगी। यहां के वैज्ञानिकों ने एक स्मार्ट ग्लास विकसित किया है, जो बिजली की मदद से अपना रंग बदल सकता है। यह ग्लास रोशनी और गर्मी दोनों को नियंत्रित भी कर सकता है।
दरअसल, इस शोध का नेतृत्व रसायन विज्ञान विभाग के डॉ. सायंतन सरकार कर रहे हैं। प्रोफेसर सुमन मुखोपाध्याय और भौतिकी विभाग के प्रोफेसर राजेश कुमार इस काम में उनका मार्गदर्शन कर रहे हैं। यह प्रोजेक्ट ट्रांसलेशनल रिसर्च फेलोशिप (टीआरएफ) योजना के तहत लाया जा रहा है। इसमें वायलोजन आधारित पोरस ऑर्गेनिक पॉलीमर (POP) का इस्तेमाल किया गया है।
गर्मियों में धूप को रोकेगा यह ग्लास
इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह बिजली मिलते ही तुरंत प्रतिक्रिया करता है और ग्लास का रंग बदल देता है। इससे गर्मियों में धूप और गर्मी को रोका जा सकता है, जबकि सर्दियों में रोशनी और तापमान को भीतर आने दिया जा सकता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, यह तकनीक घरों की ऊर्जा खपत को कम करने में मददगार साबित होगी। एयर कंडीशनर और आर्टिफिशियल लाइटिंग की जरूरत घटेगी, जिससे बिजली का बिल भी कम आएगा।
छोटे ग्लास पर हो रहा परीक्षण
टीम अभी छोटे ग्लास सैंपल पर परीक्षण कर रही है। इसमें यह देखा जा रहा है कि ये ग्लास कितनी तेजी से रंग बदलते हैं, कितनी स्पष्टता रखते हैं और विभिन्न मौसमी परिस्थितियों में कैसा प्रदर्शन करते हैं। स्प्रे कोटिंग और डिप कोटिंग तकनीकों से POP को कांच की सतह पर लगाया जाता है, जिसे पारदर्शी इलेक्ट्रोड की पतली परतों के बीच फिट किया जाता है।
जल्द ही मार्केट में आएगा
आईआईटी इंदौर की टीम इस शोध को केवल प्रयोगशाला तक सीमित नहीं रखना चाहती। शोधकर्ता चाहते हैं कि इसे जल्द से जल्द उद्योगों के साथ मिलकर बाजार में उतारा जाए। इसके लिए वे ऐसे समाधान विकसित कर रहे हैं, जिससे यह ग्लास मौजूदा फैक्ट्री सेटअप में ही उत्पादित किया जा सके।
दरअसल, इस शोध का नेतृत्व रसायन विज्ञान विभाग के डॉ. सायंतन सरकार कर रहे हैं। प्रोफेसर सुमन मुखोपाध्याय और भौतिकी विभाग के प्रोफेसर राजेश कुमार इस काम में उनका मार्गदर्शन कर रहे हैं। यह प्रोजेक्ट ट्रांसलेशनल रिसर्च फेलोशिप (टीआरएफ) योजना के तहत लाया जा रहा है। इसमें वायलोजन आधारित पोरस ऑर्गेनिक पॉलीमर (POP) का इस्तेमाल किया गया है।
गर्मियों में धूप को रोकेगा यह ग्लास
इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह बिजली मिलते ही तुरंत प्रतिक्रिया करता है और ग्लास का रंग बदल देता है। इससे गर्मियों में धूप और गर्मी को रोका जा सकता है, जबकि सर्दियों में रोशनी और तापमान को भीतर आने दिया जा सकता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, यह तकनीक घरों की ऊर्जा खपत को कम करने में मददगार साबित होगी। एयर कंडीशनर और आर्टिफिशियल लाइटिंग की जरूरत घटेगी, जिससे बिजली का बिल भी कम आएगा।
छोटे ग्लास पर हो रहा परीक्षण
टीम अभी छोटे ग्लास सैंपल पर परीक्षण कर रही है। इसमें यह देखा जा रहा है कि ये ग्लास कितनी तेजी से रंग बदलते हैं, कितनी स्पष्टता रखते हैं और विभिन्न मौसमी परिस्थितियों में कैसा प्रदर्शन करते हैं। स्प्रे कोटिंग और डिप कोटिंग तकनीकों से POP को कांच की सतह पर लगाया जाता है, जिसे पारदर्शी इलेक्ट्रोड की पतली परतों के बीच फिट किया जाता है।
जल्द ही मार्केट में आएगा
आईआईटी इंदौर की टीम इस शोध को केवल प्रयोगशाला तक सीमित नहीं रखना चाहती। शोधकर्ता चाहते हैं कि इसे जल्द से जल्द उद्योगों के साथ मिलकर बाजार में उतारा जाए। इसके लिए वे ऐसे समाधान विकसित कर रहे हैं, जिससे यह ग्लास मौजूदा फैक्ट्री सेटअप में ही उत्पादित किया जा सके।
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