बिलासपुर: रेल हादसे का पहला वीडियो सामने आया है। हादसे में अभी तक आठ लोगों की मौत की खबर है। मालगाड़ी और पैसेंजर ट्रेन में टक्कर का वीडियो सामने आया है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि आगे चल रही मालगाड़ी से पैसेंजर ट्रेन टकरा गई है। टक्कर होते हुए धुएं का तेज गुब्बार उठा रहा है। रेलवे की तरफ घटना की वजह को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है। मगर आशंका ऑटोमैटिक सिग्नल सिस्टम को लेकर है।
टक्कर के बाद धुआं उठालाल खदान के पास हादसा करीब शाम साढ़े चार बजे हुआ है। टक्कर के बाद पीछे से यात्रियों ने इसका वीडियो बनाया है। टक्कर के बाद पैसेंजर ट्रेन मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गई है। रेस्क्यू में जुटे स्थानीय लोगों का कहना है कि घायलों में महिला, बुजुर्ग और बच्चे शामिल हैं। सबसे ज्यादा नुकसान इंजन से सटे कोच में हुआ है।
क्या लोको पायलट को आगे मालगाड़ी दिखी नहींवहीं, हादसे को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। जिस लाइन पर हादसा हुआ है, उस पर ऑटोमैटिक सिग्नल प्रणाली है। ऑटोमैटिक सिग्नल प्रणाली आने के बाद एक ही ट्रैक पर कई गाड़ियां चलती हैं। गाड़ियों को बीच का अंतर करीब डेढ़ किलोमीटर होती है। ऐसे में माना जा रहा है कि क्या दोनों गाड़ियां निर्धारित दूरी से कम पर चल रही थीं। लोको पायलट को आगे चल रही मालगाड़ी दिखाई नहीं दी। इसकी वजह से अचानक पैसेंजर मालगाड़ी से टकरा गई।
सिग्नल सिस्टम का फेल्योरइसके साथ ही दूसरी वजह यह मानी जा रही है कि यह ऑटोमैटिक सिग्नल प्रणाली का फेल्योर हो सकता है। जानकारों का कहना है कि दो ट्रेनों को जब एक ही ट्रैक पर चलाया जाता है तो उनके बीच की दूरी हमेशा डेढ़ किलोमीटर की होती है। आगे चल रही ट्रेन अगर डेढ़ किलोमीटर आगे है तभी पीछे चल रही ट्रेन को ग्नीन सिग्नल मिलता है। मगर बिलासपुर हादसे में पैसेंजर ट्रेन आगे बढ़ते गई और जा टकराई। ऐसे में आशंका व्यक्त की जा रहा है कि या तो सिग्नल सिस्टम फेल हुआ होगा या फिर कोई मानवीय त्रुटि हुई होगी। घटना के बाद रेलवे सुरक्षा आयुक्त को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई। इसके बाद ही घटना की असली वजह सामने आ पाएगी।
मालगाड़ी की लंबाई को लेकर भी सवालएक सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या मालगाड़ी की अत्याधिक लंबाई की वजह से हादसा हुआ है। रेलवे की तरफ से निर्धारित मापदंड के अनुसार मालगाड़ी 58 कोच तक होते हैं। मगर ज्यादा कमाई के चक्कर में बोगियों की संख्या बढ़ा दी जाती है। अटकलें हैं कि सिग्नल सिस्टम ट्रेन की दूरी का आकलन सही नहीं कर पाता है। यह भी हादसा की एक वजह हो सकती है। लेकिन सारे सवालों पर जांच के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी।
अभी बिलासपुर जोन के रेलवे अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। रेलवे ने मृतक के परिजनों को 10-10 लाख रुपए मुआवजे देने की घोषणा की है। साथ ही घायलों को पांच-पांच लाख रुपए मुआवजे दिए जाएंगे।
टक्कर के बाद धुआं उठालाल खदान के पास हादसा करीब शाम साढ़े चार बजे हुआ है। टक्कर के बाद पीछे से यात्रियों ने इसका वीडियो बनाया है। टक्कर के बाद पैसेंजर ट्रेन मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गई है। रेस्क्यू में जुटे स्थानीय लोगों का कहना है कि घायलों में महिला, बुजुर्ग और बच्चे शामिल हैं। सबसे ज्यादा नुकसान इंजन से सटे कोच में हुआ है।
बिलासपुर ट्रेन हादसे का पहला वीडियो, टक्कर के बाद ऐसे उठा धुएं का गुब्बार @NavbharatTimes #NBTMP pic.twitter.com/v98XzdO4Fc
— NBTMadhyapradesh (@NBTMP) November 4, 2025
क्या लोको पायलट को आगे मालगाड़ी दिखी नहींवहीं, हादसे को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। जिस लाइन पर हादसा हुआ है, उस पर ऑटोमैटिक सिग्नल प्रणाली है। ऑटोमैटिक सिग्नल प्रणाली आने के बाद एक ही ट्रैक पर कई गाड़ियां चलती हैं। गाड़ियों को बीच का अंतर करीब डेढ़ किलोमीटर होती है। ऐसे में माना जा रहा है कि क्या दोनों गाड़ियां निर्धारित दूरी से कम पर चल रही थीं। लोको पायलट को आगे चल रही मालगाड़ी दिखाई नहीं दी। इसकी वजह से अचानक पैसेंजर मालगाड़ी से टकरा गई।
सिग्नल सिस्टम का फेल्योरइसके साथ ही दूसरी वजह यह मानी जा रही है कि यह ऑटोमैटिक सिग्नल प्रणाली का फेल्योर हो सकता है। जानकारों का कहना है कि दो ट्रेनों को जब एक ही ट्रैक पर चलाया जाता है तो उनके बीच की दूरी हमेशा डेढ़ किलोमीटर की होती है। आगे चल रही ट्रेन अगर डेढ़ किलोमीटर आगे है तभी पीछे चल रही ट्रेन को ग्नीन सिग्नल मिलता है। मगर बिलासपुर हादसे में पैसेंजर ट्रेन आगे बढ़ते गई और जा टकराई। ऐसे में आशंका व्यक्त की जा रहा है कि या तो सिग्नल सिस्टम फेल हुआ होगा या फिर कोई मानवीय त्रुटि हुई होगी। घटना के बाद रेलवे सुरक्षा आयुक्त को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई। इसके बाद ही घटना की असली वजह सामने आ पाएगी।
मालगाड़ी की लंबाई को लेकर भी सवालएक सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या मालगाड़ी की अत्याधिक लंबाई की वजह से हादसा हुआ है। रेलवे की तरफ से निर्धारित मापदंड के अनुसार मालगाड़ी 58 कोच तक होते हैं। मगर ज्यादा कमाई के चक्कर में बोगियों की संख्या बढ़ा दी जाती है। अटकलें हैं कि सिग्नल सिस्टम ट्रेन की दूरी का आकलन सही नहीं कर पाता है। यह भी हादसा की एक वजह हो सकती है। लेकिन सारे सवालों पर जांच के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी।
अभी बिलासपुर जोन के रेलवे अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। रेलवे ने मृतक के परिजनों को 10-10 लाख रुपए मुआवजे देने की घोषणा की है। साथ ही घायलों को पांच-पांच लाख रुपए मुआवजे दिए जाएंगे।
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