लखनऊ: उत्तर प्रदेश में एसआईआर की प्रक्रिया अपनाए जाने का ऐलान हो गया है। इस प्रक्रिया का असर यूपी में पंचायत चुनाव पर भी पड़ेगा। अभी तक माना जा रहा था कि फरवरी के पहले हफ्ते में पंचायत चुनाव शुरू हो जाएंगे। हालांकि एसआईआर के आदेश के बाद अब यह चुनाव तक टल सकते हैं। इन दिनों पंचायत चुनाव के लिए मतदाता सूचियों को अपडेट करने का काम चल रहा है।
दरअसल उत्तर प्रदेश को विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (एसआईआर) में शामिल किए जाने से इसका असर पंचायत चुनाव की तैयारियों पर पड़ना तय माना जा रहा है। लोकसभा-विधानसभा और पंचायत चुनाव के लिए मतदाता सूचियां अलग-अलग हैं।
डाटा चेक के बाद अपलोडिंग का काम
1 जनवरी 2025 के आधार पर मतदाता सूची दुरुस्त करने के लिए सर्वे का काम पूरा हो चुका है। अब सभी एसडीएम डाटा चेकिंग के बाद इसे ऑनलाइन फीड करवाने का काम करेंगे। मतदाता सूची का मसौदा (अंतिम सूची) 5 दिसंबर को प्रकाशित होगा। जबकि, फाइनल सूची 15 जनवरी 2026 को प्रकाशित करने की घोषणा की गई है।
जानकारों का कहना है कि दोनों ही तरह की मतदाता सूचियों के लिए बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) कॉमन हैं, इसलिए काम का भार कम करने के तरीके भी निकालने होंगे। इसके लिए यह भी हो सकता है कि स्थानीय प्रशासन कुछ और बीएलओ देकर जिम्मेदारियों को बांट दें।
एसआईआर 15 करोड़ से अधिक मतदाता होंगे शामिल
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में एसआईआर को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इसके लिए सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों, सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों और बूथ लेवल अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। रिणवा ने बताया कि प्रदेश में इसके पहले एसआईआर वर्ष 2003 में हुआ था।
दरअसल उत्तर प्रदेश को विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (एसआईआर) में शामिल किए जाने से इसका असर पंचायत चुनाव की तैयारियों पर पड़ना तय माना जा रहा है। लोकसभा-विधानसभा और पंचायत चुनाव के लिए मतदाता सूचियां अलग-अलग हैं।
डाटा चेक के बाद अपलोडिंग का काम
1 जनवरी 2025 के आधार पर मतदाता सूची दुरुस्त करने के लिए सर्वे का काम पूरा हो चुका है। अब सभी एसडीएम डाटा चेकिंग के बाद इसे ऑनलाइन फीड करवाने का काम करेंगे। मतदाता सूची का मसौदा (अंतिम सूची) 5 दिसंबर को प्रकाशित होगा। जबकि, फाइनल सूची 15 जनवरी 2026 को प्रकाशित करने की घोषणा की गई है।
जानकारों का कहना है कि दोनों ही तरह की मतदाता सूचियों के लिए बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) कॉमन हैं, इसलिए काम का भार कम करने के तरीके भी निकालने होंगे। इसके लिए यह भी हो सकता है कि स्थानीय प्रशासन कुछ और बीएलओ देकर जिम्मेदारियों को बांट दें।
एसआईआर 15 करोड़ से अधिक मतदाता होंगे शामिल
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में एसआईआर को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इसके लिए सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों, सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों और बूथ लेवल अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। रिणवा ने बताया कि प्रदेश में इसके पहले एसआईआर वर्ष 2003 में हुआ था।
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