नई दिल्ली: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (ट्विटर) पर एक तस्वीर वायरल हो रही है। इस तस्वीर में कुछ महिलाएं विरोध-प्रदर्शन करती हुई नजर आ रही हैं। इनमें से एक महिला ने अपनी छाती पर अरबी भाषा में एक वाक्य भी लिखा हुआ है। तस्वीर को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि नॉर्थ अमेरिका में महिलाओं ने बुर्के के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया। सजग टीम ने इस तस्वीर की पड़ताल की और पाया कि सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा भ्रामक है। क्या है सोशल मीडिया पर दावा?एक्स पर तस्वीर को शेयर करते हुए ओसीन जैन नाम की महिला ने लिखा है, 'इन मोहतरमा ने एक प्रोटेस्ट के दौरान बुर्का फेंककर, अजीब सा पतला वस्त्र पहन लिया और अरबी में शायद लिखा है, मैं क्या पहनूंगी ये मैं तय करूंगी'।Kreately.in नाम के एक्स हैंडल ने तस्वीर के साथ लिखा है, 'मैं क्या पहनूंगी, ये मैं तय करूंगी। नॉर्थ अमेरिका में पूर्व मुस्लिम।' कुमार सत्यम और समीर अरुण कुमार वैद्य ने भी तस्वीर को इसी तरह के दावे के साथ शेयर किया है। देखिए ये पोस्ट-
क्या है दावे का सच?सोशल मीडिया पर किए जा रहे इस दावे की हकीकत जानने के लिए जब हमने वायरल तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च के जरिए तलाशा तो हमें साल 2020 में किए गए दो ट्वीट मिले। इन दोनों ट्वीट में वही तस्वीर लगी है, जो इस समय सोशल मीडिया पर वायरल है। तस्वीर के साथ लिखा है कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर लेबनान के बेरूत में महिलाओं ने मार्च निकाला। देखिए दोनों ट्वीट-
यहां तक की पड़ताल से हमें पता चला कि वायरल हो रही यह तस्वीर हाल-फिलहाल की नहीं, बल्कि लगभग 5 साल पुरानी है। साथ ही महिलाओं का ये मार्च नॉर्थ अमेरिका नहीं, बल्कि लेबनान की राजधानी बेरूत में निकाला गया था। अब आगे की जांच के लिए हमने संबंधित कीवर्ड के साथ इस घटना को इंटरनेट पर तलाशा। सर्च में हमें इमेज वेबसाइट shutterstock का एक लिंक मिला, जहां इस मार्च की सारी तस्वीरें अपलोड की गई हैं।तस्वीरों के साथ डिस्क्रिप्शन में लिखा है, '8 मार्च 2020 को लेबनान के बेरूत में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विरोध प्रदर्शन के दौरान एक लेबनानी महिला ने अपने शरीर पर अरबी में लिखा, मैं तय करूंगी कि मुझे क्या पहनना है। सैकड़ों महिलाओं ने बेरूत की सड़कों पर नारे लगाए और महिलाओं को हर तरह की हिंसा से बचाने के लिए एक कानून की मांग की।' वायरल तस्वीर से जुड़ी यही जानकारी हमें imgur वेबसाइट पर भी मिली। निष्कर्षसोशल मीडिया पर एक तस्वीर को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि नॉर्थ अमेरिका में बुर्के के खिलाफ महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया। सजग टीम की पड़ताल से स्पष्ट है कि जिस तस्वीर को बुर्के के खिलाफ प्रदर्शन और नॉर्थ अमेरिका की बताकर शेयर किया गया है, वह 5 साल पहले लेबनान की राजधानी बेरूत में निकाले गए मार्च की है। महिलाओं ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर हिंसा के खिलाफ मार्च निकाला था।

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