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पाकिस्तान की UN में आतंकवाद पर 4 सेकंड में धुलाई, कतर में इजरायली हमले पर बहस में टोकना पड़ा भारी, वीडियो

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न्यूयॉर्क: इजरायल के कतर पर किए गए हालिया हमले को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में चर्चा हो रही है। इस आपात बैठक में गुरुवार को पाकिस्तानी प्रतिनिधि को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। दरअसल कनाडाई मूल के मानवाधिकार वकील हिलेल नेउर ने बहस के दौरान इजरायल का बचाव करते हुए कहा कि कतर हमास नेताओं को आश्रय दे रहा है। इस पर पाकिस्तान की ओर से विरोध किया तो हिलेले ने पाक की पोल खोलते हुए कहा कि आप आतंक के पनाहगार हैं।



वकील नुएर ने सिर्फ चार सेकंड और एक वाक्य में पाकिस्तान को विश्व मंच पर शर्मसार कर दिया। मानवाधिकार वकील और यूएन वॉच के कार्यकारी निदेशक हिलेल नेउर कतर पर हमास को पनाह देने का आरोप लगा रहे थे। उन्होंने कहा कि कतर बीते 13 वर्षों, 2012 से हमास के राजनीतिक कार्यालय की मेजबानी कर रहा है।



पाक को टोकाटाकी पड़ी भारीनेउर ने अपने भाषण में इजरायल की निंदा करने के लिए संयुक्त राष्ट्र प्रमुख पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 2011 में अमेरिका ने अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान के अंदर मारा था तो तत्कालीन संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा था कि न्याय हो गया है। इस पर पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने उन्हें बीच में टोका। नेउर की ओर से बिन लादेन और पाकिस्तान के जिक्र पर वह नाराज दिखे।



पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने कहा कि हम निराधार आरोप लगाने का विरोध करते हैं। उन्होंने यूएनएचआरसी अध्यक्ष से कहा कि कोई भी वक्ता संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों और संप्रभु सदस्य देशों की क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन ना करे। इस समय नेउर के पास अपना भाषण पूरा करने के लिए चार सेकंड बचे थे। अपने भाषण के आखिर में नेउर ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला एक और देश है।





पाकिस्तान ने दिया कतर का साथइससे पहले संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार अहमद ने कतर पर इजरायल के हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने इसे बेशर्म और अवैध हमला और कतर की संप्रभुता का उल्लंघन बताया। अहमद ने कहा कि यह हमला कोई अकेली घटना नहीं है। यह इजरायल के अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन के व्यापक चलन का हिस्सा है।



अहमद ने कतर के साथ पाकिस्तान की एकजुटता की पुष्टि करते हुए इजरायली हमले को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 2(4) का घोर उल्लंघन बताया। यह आर्टिकल किसी देश की क्षेत्रीय अखंडता या राजनीतिक स्वतंत्रता के विरुद्ध बल प्रयोग की धमकी पर रोक लगाता है।
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