अहमदाबाद: बीजेपी के सबसे मजबूत गढ़ गुजरात में दिवाली से पहले बड़े सियासी फेरबदल की संभावना जताई जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फिर गृह मंत्री अमित शाह के दौरे के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि सीएम भूपेंद्र पटेल के अलावा चार मंत्रियों को छोड़कर सरकार के तमाम दूसरे मंत्री बदले जा सकते हैं। यह अटकलें ऐसे वक्त पर जोर पकड़ रही हैं जब राज्य के बड़े शहरों में महानगरपालिका और नगर निगमों को चुनाव होने हैं। गुजरात सरकार में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को मिलाकर 17 सदस्यों की कुल टीम हैं। इसमें 10-12 मंत्रियों की छुट्टी होने की अटकलें हैं। इसके पीछे दलील है कि ये मंत्री जिस भरोसे के साथ मंत्री बनाए गए थे। उसमें खरे नहीं उतर पाए हैं। साल 2022 में भूपेंद्र पटेल के दूसरी बार शपथ लेने के बाद सरकार में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
नए युवा चेहरों को मिलेगी तवज्जो
सूत्रों का कहना है कि भूपेंद्र पटेल मंत्रिमंडल में जयेश रादडिया, अल्पेश ठाकोर, अमित ठाकर, हार्दिक पटेल जैसे युवा चेहरों को जगह मिल सकती है। कांग्रेस से बीजेपी में आए अर्जुन मोढ़वाडिया के मंत्री बनने की प्रबल संभावना व्यक्त की जा रही है। इतना ही नहीं वडोदरा से केयूर रोकड़िया में मंत्री बनने की संभावना जताई जा रही है क्योंकि वह पार्षद के बाद मेयर रह चुके हैं। इतना ही नहीं उन्हें शहर की समस्याओं की अच्छी समझ है। ऐसे में वडोदरा को प्रतिनिधितत्व मिल जाएगा। इसके अलावा एक अन्य विधायक के नाम भी रेस में शामिल है। अब देखना होगा कि पार्टी मंत्रिमंडल में शहर के विधायक को शामिल करती है या फिर जिले के किसी विधायक को मंत्री बनाकर समीकरण साधती है। जानकारों का कहना है कि गुजरात में जो भी परिवर्तन होंगे। वह काफी दूरगामी लक्ष्यों को ध्यान में रखकर लिए जाएंगे। सूत्र बताते हैं कि गृह मंत्री अमित शाह के काफी चीजों को हरी झंडी दे दी है। गुजरात बीजेपी के नए अध्यक्ष का ऐलान भी जल्द होने की उम्मीद है।
इनकी बचेगी कुर्सी:
1. भूपेंद्र पटेल, मुख्यमंत्री
2. हर्ष संघवी, गृह राज्य मंत्री
3. जगदीश विश्वकर्मा, सहकारिता मंत्री
4. ऋषिकेश पटेल, स्वास्थ्य मंत्री
5. बलवंत सिंह राजपूत, उद्योग मंत्री
पटेल-पाटिल की संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस
संगठन के नए मुखिया के चयन और सरकार में बड़े फेरबदल की अटकलों के बीच गांधीनगर में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल शुक्रवार को एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस करेंगे। अमित शाह के पाटिल के सूरत स्थित घर जाने के बाद दोनों बड़े नेताओं की संयुक्त पीसी को काफी अहम माना जा रहा है। संगठन में अनुशासन को नए लेवल तक ले जाने वाले सीआर पाटिल का भले ही मध्य गुजरात और दक्षिण गुजरात के साथ उत्तर गुजरात में विरोध नहीं है लेकिन सौराष्ट्र में उनका काफी विरोध है। ऐसे में पार्टी के अंदर जल्द ही संगठन और सरकार में सर्जरी की रणनीति बनी है। सूत्रों की मानें तो आने वाले कुछ दिन काफी अहम है।
नए युवा चेहरों को मिलेगी तवज्जो
सूत्रों का कहना है कि भूपेंद्र पटेल मंत्रिमंडल में जयेश रादडिया, अल्पेश ठाकोर, अमित ठाकर, हार्दिक पटेल जैसे युवा चेहरों को जगह मिल सकती है। कांग्रेस से बीजेपी में आए अर्जुन मोढ़वाडिया के मंत्री बनने की प्रबल संभावना व्यक्त की जा रही है। इतना ही नहीं वडोदरा से केयूर रोकड़िया में मंत्री बनने की संभावना जताई जा रही है क्योंकि वह पार्षद के बाद मेयर रह चुके हैं। इतना ही नहीं उन्हें शहर की समस्याओं की अच्छी समझ है। ऐसे में वडोदरा को प्रतिनिधितत्व मिल जाएगा। इसके अलावा एक अन्य विधायक के नाम भी रेस में शामिल है। अब देखना होगा कि पार्टी मंत्रिमंडल में शहर के विधायक को शामिल करती है या फिर जिले के किसी विधायक को मंत्री बनाकर समीकरण साधती है। जानकारों का कहना है कि गुजरात में जो भी परिवर्तन होंगे। वह काफी दूरगामी लक्ष्यों को ध्यान में रखकर लिए जाएंगे। सूत्र बताते हैं कि गृह मंत्री अमित शाह के काफी चीजों को हरी झंडी दे दी है। गुजरात बीजेपी के नए अध्यक्ष का ऐलान भी जल्द होने की उम्मीद है।
इनकी बचेगी कुर्सी:
1. भूपेंद्र पटेल, मुख्यमंत्री
2. हर्ष संघवी, गृह राज्य मंत्री
3. जगदीश विश्वकर्मा, सहकारिता मंत्री
4. ऋषिकेश पटेल, स्वास्थ्य मंत्री
5. बलवंत सिंह राजपूत, उद्योग मंत्री
पटेल-पाटिल की संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस
संगठन के नए मुखिया के चयन और सरकार में बड़े फेरबदल की अटकलों के बीच गांधीनगर में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल शुक्रवार को एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस करेंगे। अमित शाह के पाटिल के सूरत स्थित घर जाने के बाद दोनों बड़े नेताओं की संयुक्त पीसी को काफी अहम माना जा रहा है। संगठन में अनुशासन को नए लेवल तक ले जाने वाले सीआर पाटिल का भले ही मध्य गुजरात और दक्षिण गुजरात के साथ उत्तर गुजरात में विरोध नहीं है लेकिन सौराष्ट्र में उनका काफी विरोध है। ऐसे में पार्टी के अंदर जल्द ही संगठन और सरकार में सर्जरी की रणनीति बनी है। सूत्रों की मानें तो आने वाले कुछ दिन काफी अहम है।
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