करनाल: हरियाणा के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल शादी के आठ दिन बाद ही पहलगाम आतंकवादी हमले का शिकार नहीं होते अगर उन्हें यूरोप में हनीमून मनाने के लिए वीजा मिल गया होता। वीजा नहीं मिलने के बाद विनय और हिमांशी ने कश्मीर को हनीमून डेस्टिनेशन के लिए चुना था। मंगलवार को दोनों घूमने के लिए पहलगाम के बैरसन घाटी गए थे। हिमांशी ने वीडियो में बताया कि वहां दोनों भेलपुरी खा रहे थे। इस बीच एक आतंकवादी वहां पहुंचा। उसने कहा कि तुम मुस्लिम नहीं हो और फिर लेफ्टिनेंट विनय को गोली मार दी। हमले में हिमांशी बच गईंलेफ्टिनेंट विनय नरवाल ने तीन साल पहले इंडियन नेवी जॉइन की थी और उनकी पोस्टिंग कोच्चि केरल में थी। वह करनाल के भूसली गांव के रहने वाले थे। उनका फैमिली सेक्टर-7 में रहती है और पिता राजेश कुमार पानीपत के कस्टम विभाग में सुपरिंटेंडेंट हैं। उनके दादा हवा सिंह 2004 में हरियाणा पुलिस से रिटायर हुए थे। विनय की मां आशा देवी और दादी बिरु देवी हाउसवाइफ हैं। उनकी छोटी बहन सृष्टि दिल्ली में सिविल सेवा की तैयारी कर रही हैं। दो महीने पहले विनय की हिमांशी से सगाई हुई थी। पीएचडी कर रही हिमांशी बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लास चलाती हैं। हिमांशी के पिता सुनील कुमार गुड़गांव में एक्साइज टैक्सेशन अफसर हैं। 28 मार्च को शादी के लिए छुट्टी लीलेफ्टिनेंट विनय ने 28 मार्च को शादी के लिए छुट्टी ली थी। 16 अप्रैल को मसूरी में उनकी शादी हुई और 19 अप्रैल को करनाल में रिसेप्शन हुआ। उनके परिवार के लोगों ने बताया कि विनय ने यूरोप में हनीमून की प्लानिंग की थी, लेकिन वीजा समस्याओं के कारण प्लान बदल गया। विनय और हिमांसी 21 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के लिए रवाना हो गए और 22 अप्रैल को पहलगाम के एक होटल में रुके। रात के खाने के बाद दोनों उस जगह पर गए, जहां आतंकवादी हमला हुआ। मई को अपना 27वां जन्मदिन मनाने वाले थे विनय फैमिली मेंबर अमित ने बताया कि एक मई को विनय अपना 27वां जन्मदिन मनाने वाले थे। घरवालों ने उनके हनीमून से लौटने पर एक बड़ी पार्टी की प्लानिंग की थी। इसके बाद दोनों 3 मई को कोच्चि लौटने वाले थे, जहां उन्होंने एक रेस्ट हाउस बुक किया था। लेफ्टिनेंट के पड़ोसी नरेश बंसल ने बताया कि हाल ही में शादी होने के कारण घर में खुशी का माहौल था। मंगलवार शाम को पता चला कि आतंकवादियों ने विनय को नाम पूछने के बाद गोली मार दी, इसके बाद से मुहल्ले में मातम पसर गया। दादा हवा सिंह ने क्या बतायाविनय के दादा हवा सिंह ने बताया कि विनय ने करनाल के संत कबीर स्कूल में पढ़ाई की और बाद में दिल्ली में इंजीनियरिंग की। तीन साल पहले सीडीएस के जरिये वह इंडियन नेवी के लिए सिलेक्ट हुए थे। हवा सिंह ने यह भी बताया कि उनके परिवार में सैन्य सेवा का इतिहास रहा है। उनके चाचा और विनय के नाना के भाई भी आर्मी में थे। नाना के भाई अंग्रेजों के खिलाफ लड़े। विनय के एक चाचा भी आर्मी में हैं।
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