Indians in UK: विदेश में हायर एजुकेशन के लिए जाने वाले ज्यादातर भारतीय बड़ी उम्मीदों और बड़े सपने लेकर पराए मुल्क पहुंचते हैं। उन्हें लगता है कि उन्हें प्रतिष्ठित कॉलेजों से डिग्री मिलेगी, जिसके बाद उनका भविष्य उज्जवल हो जाएगा। हालांकि, हर हसीन सपना सच नहीं होता है और विदेश में पढ़ाई के दौरान कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। छात्रों को सबसे ज्यादा परेशानी नई संस्कृति, पढ़ाई का दबाव और पैसों की दिक्कत से होती है। ऊपर से भाषा की दिक्कत भी उन्हें टेंशन देती है। ब्रिटेन में पढ़ रहे एक भारतीय छात्र ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म रेडिट पर अपनी कहानी बताई है। उसने बताया कि विदेश में जिंदगी किस तरह की होती है। भारतीय छात्र ने बताया कि उसकी उम्र 28 साल है और उसने यूनिवर्सिटी ऑफ ग्रीनविच से MBA किया है। छात्र ने बताया कि वह पिछले आठ साल से ब्रिटेन में रह रहा है। पहले पांच साल वह स्टूडेंट वीजा पर रहा और फिर तीन साल जूनियर कंसल्टेंट के तौर पर काम किया। उसका कहना है कि हजारों पाउंड कमाने के बाद वह किराए पर रह रहा है। हजारों पाउंड कमाने के बाद भी नहीं खरीद पाया घरभारतीय छात्र ने बताया कि वह सालाना 40 हजार पाउंड कमाता है, लेकिन फिर भी अभी तक अपना घर नहीं खरीद पाया है। वह इतने सालों से किराए के मकान में रह रहा था। वीजा की वजह से वह ज्यादा काम भी नहीं कर सकता है और अपना बिजनेस शुरू करना भी दूर की बात है। छात्र ने बताया कि वह बहुत ज्यादा निराश है और उसे अपने परिवार के लिए बुरा लगता है। उसके परिवार ने लोन लेकर उसे पढ़ाया है और साथ ही पढ़ाने के लिए जमीन भी बेच दी। अब वह बहुत ज्यादा परेशान है। पोस्ट में भारतीय ने क्या लिखा?भारतीय छात्र ने अपनी पोस्ट में लिखा, "मेरे पास न तो घर है, न गाड़ी, और सबसे बुरी बात यह है कि मुझे लगता है कि मैंने अपने माता-पिता को निराश कर दिया है। उन्होंने मुझे यहां भेजने के लिए हजारों रुपये खर्च किए, जमीन बेची और लोन लिया और मैं मुश्किल से अपना गुजारा कर पा रहा हूं। वे अब मुझ पर अरेंज मैरिज करने का दबाव डाल रहे हैं। हालांकि, मुझे अब लेन-देन वाली अरेंज मैरिज पर विश्वास नहीं है, लेकिन दूसरी ओर, 'बेगर्स कांट बी चूजर्स।' मुझे उन रिश्तों के बारे में सपने देखने के बजाय अपनी वास्तविक स्थिति को स्वीकार करना होगा जो कभी नहीं हो सकते।"उसने अन्य छात्रों को चेतावनी देते हुए कहा, "मेरी गलतियों को मत दोहराओ। STEM डिग्री (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स) चुनो और इंटर्नशिप करो। अपना सपोर्ट सिस्टम बनाओ। शारीरिक रूप से सक्रिय रहो। जब तक मुझे यह समझ में आया कि वास्तविकता कैसे काम करती है, तब तक मौका निकल चुका था।" यहां क्लिक कर पोस्ट पढ़ें।
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