भोपाल: मध्य प्रदेश में किसानों के कल्याण के लिए सरकार काम कर रही है। इस बीच बिजली विभाग के आदेश के बाद प्रदेश की सियासत गर्म हो गई है। तीन नवंबर को जारी आदेश में कृषि फीडरों पर तैनात कर्मियों को चेतावनी दी गई थी कि 10 घंटे से एक मिनट भी अधिक बिजली की सप्लाई की गई तो एक दिन का वेतन काट लिया जाएगा।
सीएम मोहन यादव ने दिखाए सख्त तेवरबिजली विभाग के आदेश पर मामले ने तूल पकड़ा तो सीएम मोहन यादव ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि अन्नदाता (किसानों) का हित हमारे लिए सर्वोपरि है। किसानों के कल्याण के लिए हमारी सरकार पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है। किसानों को हर हाल में 10 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति की जाएगी।
उन्होंने कहा कि जिस सर्कुलर को लेकर जनसामान्य में गलतफहमी पैदा हुई है, उस विवादित सर्कुलर को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है। साथ ही विवादित सर्कुलर मामले से जुड़े संबंधित चीफ इंजीनियर को भी तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। मुख्यमंत्री यादव ने कहा है कि प्रदेश में संवेदनशील और किसान हितैषी सरकार काबिज है। किसानों के समग्र उत्थान के लिए हमारी सरकार ने लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। उन्होंने कहा कि बिजली आपूर्ति से संबंधित विवादित सर्कुलर रद्द कर दिया गया है। इसे जारी करने वाले संबंधित अधिकारी पर भी विधि अनुरूप कार्रवाई की जा रही है।
क्या था आदेश मेंदरअसल, तीन नवंबर को बिजली विभाग के महाप्रबंधक एके जैन के साइन से एक पत्र जारी हुआ था। इसमें कहा गया था कि कृषि फीडरों पर अगर किसी दिन 10 घंटे से ज्यादा बिजली दी गई तो फीडर चलाने वाले ऑपरेटर की एक दिन की सैलरी काटी जाएगी। वहीं, लगातार दो दिन तक हुआ तो जेई की,पांच दिन पर डीजीएम और सात दिन तक हुआ ऐसा तो जीएम की खैर नहीं।
चीफ इंजीनियर को हटायाअब मामले में सीएम मोहन यादव ने सख्त एक्शन लिया है। विभाग की तरफ से जारी आदेश को रद्द करवा दिया है। साथ ही चीफ इंजीनियर को हटाने के निर्देश दिए हैं, जिसके बाद हटा दिया गया है। आने वाले दिनों में कुछ और अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है।
सीएम मोहन यादव ने दिखाए सख्त तेवरबिजली विभाग के आदेश पर मामले ने तूल पकड़ा तो सीएम मोहन यादव ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि अन्नदाता (किसानों) का हित हमारे लिए सर्वोपरि है। किसानों के कल्याण के लिए हमारी सरकार पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है। किसानों को हर हाल में 10 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति की जाएगी।
उन्होंने कहा कि जिस सर्कुलर को लेकर जनसामान्य में गलतफहमी पैदा हुई है, उस विवादित सर्कुलर को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है। साथ ही विवादित सर्कुलर मामले से जुड़े संबंधित चीफ इंजीनियर को भी तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। मुख्यमंत्री यादव ने कहा है कि प्रदेश में संवेदनशील और किसान हितैषी सरकार काबिज है। किसानों के समग्र उत्थान के लिए हमारी सरकार ने लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। उन्होंने कहा कि बिजली आपूर्ति से संबंधित विवादित सर्कुलर रद्द कर दिया गया है। इसे जारी करने वाले संबंधित अधिकारी पर भी विधि अनुरूप कार्रवाई की जा रही है।
क्या था आदेश मेंदरअसल, तीन नवंबर को बिजली विभाग के महाप्रबंधक एके जैन के साइन से एक पत्र जारी हुआ था। इसमें कहा गया था कि कृषि फीडरों पर अगर किसी दिन 10 घंटे से ज्यादा बिजली दी गई तो फीडर चलाने वाले ऑपरेटर की एक दिन की सैलरी काटी जाएगी। वहीं, लगातार दो दिन तक हुआ तो जेई की,पांच दिन पर डीजीएम और सात दिन तक हुआ ऐसा तो जीएम की खैर नहीं।
चीफ इंजीनियर को हटायाअब मामले में सीएम मोहन यादव ने सख्त एक्शन लिया है। विभाग की तरफ से जारी आदेश को रद्द करवा दिया है। साथ ही चीफ इंजीनियर को हटाने के निर्देश दिए हैं, जिसके बाद हटा दिया गया है। आने वाले दिनों में कुछ और अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है।
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