नई दिल्ली: कांग्रेस नेता शशि थरूर आजकल अपनी पार्टी के कुछ नेताओं की वजह से मुश्किल में हैं,जो उनसे खुश नहीं हैं। थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को लेकर जो कुछ भी कहा है,उसको लेकर उनकी पार्टी में ही कुछ लोग उनसे नाराज हैं। कांग्रेस के कुछ नेताओं का कहना है कि थरूर ने 'लक्ष्मण रेखा' पार कर दी है। बीजेपी के एक पदाधिकारी अमित मालवीय ने इस मुद्दे पर कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि थरूर ही एकमात्र ऐसे कांग्रेसी नेता हैं, जो इस मामले में भारत के साथ खड़े हैं। जबकि,कांग्रेस पार्टी की आधिकारिक लाइन ये है कि थरूर इस मामले में जो भी बोल रहे हैं, वह कांग्रेस की राय नहीं है। 'थरूर की बात कांग्रेस की राय नहीं होती'कांग्रेस पार्टी में शशि थरूर को लेकर भारी कश्मकश चल रही है। थरूर ने भारत-पाकिस्तान के मुद्दे पर कुछ ऐसी बातें कहीं हैं जो पार्टी लाइन से अलग हैं। इस वजह से पार्टी के कुछ नेता उनसे नाराज हैं। उनका मानना है कि थरूर ने पार्टी की लक्ष्मण रेखा पार कर दी है। बुधवार को कांग्रेस नेताओं जयराम रमेश और पवन खेड़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें थरूर के एक बयान पर सवाल पूछा गया। थरूर ने कहा था कि भारत कभी भी पाकिस्तान के साथ अपने मुद्दों पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करेगा। इस पर जयराम रमेश ने कहा, 'यह उनकी राय है। जब थरूर साहब बोलते हैं, तो यह पार्टी की राय नहीं होती है।' ऑपरेशन सिंदूर निलंबित होते ही कांग्रेस के सुर बदलेकांग्रेस ने पहलगाम हमला पर पहले मोदी सरकार को समर्थन दिया था। लेकिन अब कांग्रेस सरकार से कुछ सवाल पूछ रही है। कांग्रेस जानना चाहती है कि 'सीजफायर' कैसे हुआ और इसमें अमेरिका की क्या भूमिका थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ऑपरेशन सिंदूर को निलंबित करने के बाद अमेरिका का कोई जिक्र नहीं किया है। जयराम रमेश ने कहा, 'पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस पार्टी पूछ रही है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा क्यों की। ऐसा पहली बार हो रहा है। पीएम मोदी इस पर कुछ नहीं कहते हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो कहते हैं कि अमेरिका की भूमिका इतनी महत्वपूर्ण थी कि उनकी वजह से यह युद्ध रुका। विदेश मंत्री डॉ जयशंकर इसका जवाब भी नहीं देते। हम लगातार पूछ रहे हैं कि पीएम मोदी और विदेश मंत्री अमेरिका की भूमिका पर जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं।' सरकार के स्टैंड के साथ अभी भी डटे हैं थरूरवहीं, केरल के तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने सरकार के कदमों की तारीफ की है। उन्होंने कहा, 'सरकार ने इस बात का ध्यान रखा है कि दूसरे पक्ष को संघर्ष को बढ़ाने का मौका न मिले। उन्होंने केवल पहचाने गए आतंकी ठिकानों और लॉन्चपैड पर ही हमला किया है।' थरूर ने एक इंटरव्यू में कहा कि भारत ने अमेरिका को मध्यस्थता नहीं करने दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने भारत के हमलों के बाद बातचीत की पहल की थी। पहले भी थरूर अंतरराष्ट्रीय मीडिया को इंटरव्यू देकर भारत का पक्ष रखने के लिए चर्चा में रहे थे। 'थरूर एकमात्र कांग्रेसी, जिन्होंने दिखाई समझदारी'बीजेपी नेता मालवीय ने X पर लिखा, 'कांग्रेस पार्टी ने शशि थरूर के उस बयान से किनारा कर लिया है जिसमें उन्होंने भारत की संप्रभुता और बाहरी आक्रमण के खिलाफ खुद का बचाव करने के फैसले का समर्थन किया था। यह विडंबना है कि थरूर शायद एकमात्र कांग्रेसी नेता हैं, जिन्होंने समझदारी दिखाई और इस स्थिति में भारत के साथ खड़े रहे। उन्होंने आगे लिखा, 'राहुल गांधी के आसपास के लोग, जो आजकल कांग्रेस पार्टी चला रहे हैं, अपने सबसे वरिष्ठ सांसद को भी स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। थरूर कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए भी चुनाव लड़ चुके हैं। यह बहुत दुख की बात है। ऐसा तब होता है जब छोटे लोग, जो खुद को बहुत महत्वपूर्ण समझते हैं, राजनीतिक रूप से अप्रासंगिक पार्टियों में ऊंचे पदों पर आ जाते हैं।' 'इस बार थरूर ने लक्ष्मण रेखा पार कर दी है'उधर न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक खबर के अनुसार, कांग्रेस के कुछ नेताओं को लगता है कि थरूर ने इस बार 'लक्ष्मण रेखा' पार कर दी है। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, केसी वेणुगोपाल, रमेश, थरूर और सचिन पायलट सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बुधवार को पार्टी मुख्यालय में मिले। इस दौरान एक पार्टी सूत्र ने कहा, 'हम एक लोकतांत्रिक पार्टी हैं और लोग अपनी राय व्यक्त करते रहते हैं, लेकिन इस बार थरूर ने लक्ष्मण रेखा पार कर दी है।' सूत्रों ने कहा कि बैठक में नेताओं को यह संदेश दिया गया कि वे व्यक्तिगत राय व्यक्त करने के बजाय पार्टी के रुख को आगे बढ़ाएं।
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