नई दिल्ली: जुलाई 2024 में ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित राउज कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में लगी आग में तीन छात्रों की दर्दनाक मौत के मामले में उपराज्यपाल ने दिल्ली फायर विभाग के दो वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुमति दे दी है। यह कार्रवाई काम में लापरवाही और फैक्ट्स छिपाने के आरोपों के आधार पर की जा रही है।
इन अफसर के खिलाफ होगी कार्रवाई
अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति दी गई है, उनमें डिविजनल ऑफिसर वेद पाल और असिस्टेंट डिविजनल ऑफिसर उदय वीर सिंह है। दोनों फायर विभाग के ग्रुप ए के अधिकारी है। उन पर आरोप है कि कोचिंग सेंटर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर ठोस कदम नहीं उठाए गए, निरीक्षण और रिपोर्टिंग में अनियमितता बरती गई और हादसे के बाद कई तथ्यों को छिपाने की कोशिश भी की गई।
एलजी वी.के. सक्सेना ने दी मंजूरी
पिछले साल जिला मैजिस्ट्रेट की जांच के बाद, उपराज्यपाल ने दोनों फायर सेफ्टी अधिकारियों को निलंबित कर दिया था। अब उपराज्यपाल ने सीसीएस (सीसीए) नियम 1965 के नियम-14 के साथ, नियम-18 के तहत उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई को मंजूरी दे दी है।
सतर्कता निदेशालय को दिए निर्देश
इसके तहत गंभीर कदाचार तुरंत अनुशासनात्मक कार्यवाही पूरी करने के लिए निर्धारित समय-सीमा का पालन के मामलों में बर्खास्तगी तक की सजा दी जा सकती है। यही नहीं, उपराज्यपाल ने सतर्कता निदेशालय को सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है।
क्या था मामला ?
जुलाई 2024 में ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित Rau's कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में आग लगने से दम घुटने के कारण तीन छात्रों की मौत हो गई थी। यह इलाका सिविल सेवा की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए प्रमुख केंद्र माना जाता है।
प्रशासन पर उठे थे सवाल
हादसे के बाद प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था पर बड़े सवाल उठे थे। एलजी के इस कदम को ऐसे मामलों में सख्त जवाबदेही की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। अब विभागीय जांच आगे बढ़ेगी और इसके आधार पर दंड तय होगा।
इन अफसर के खिलाफ होगी कार्रवाई
अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति दी गई है, उनमें डिविजनल ऑफिसर वेद पाल और असिस्टेंट डिविजनल ऑफिसर उदय वीर सिंह है। दोनों फायर विभाग के ग्रुप ए के अधिकारी है। उन पर आरोप है कि कोचिंग सेंटर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर ठोस कदम नहीं उठाए गए, निरीक्षण और रिपोर्टिंग में अनियमितता बरती गई और हादसे के बाद कई तथ्यों को छिपाने की कोशिश भी की गई।
एलजी वी.के. सक्सेना ने दी मंजूरी
पिछले साल जिला मैजिस्ट्रेट की जांच के बाद, उपराज्यपाल ने दोनों फायर सेफ्टी अधिकारियों को निलंबित कर दिया था। अब उपराज्यपाल ने सीसीएस (सीसीए) नियम 1965 के नियम-14 के साथ, नियम-18 के तहत उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई को मंजूरी दे दी है।
सतर्कता निदेशालय को दिए निर्देश
इसके तहत गंभीर कदाचार तुरंत अनुशासनात्मक कार्यवाही पूरी करने के लिए निर्धारित समय-सीमा का पालन के मामलों में बर्खास्तगी तक की सजा दी जा सकती है। यही नहीं, उपराज्यपाल ने सतर्कता निदेशालय को सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है।
क्या था मामला ?
जुलाई 2024 में ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित Rau's कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में आग लगने से दम घुटने के कारण तीन छात्रों की मौत हो गई थी। यह इलाका सिविल सेवा की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए प्रमुख केंद्र माना जाता है।
प्रशासन पर उठे थे सवाल
हादसे के बाद प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था पर बड़े सवाल उठे थे। एलजी के इस कदम को ऐसे मामलों में सख्त जवाबदेही की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। अब विभागीय जांच आगे बढ़ेगी और इसके आधार पर दंड तय होगा।
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