Next Story
Newszop

इंतजार खत्म... इस दिन से शुरू होगी जनगणना की प्रक्रिया... जाति भी पूछी जाएगी, जानिए कब तक में पूरा होगा काम

Send Push
नई दिल्ली: देश में 14 साल बाद फिर जनगणना होने जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसे जनगणना-2027 नाम दिया है। इसमें हर घर पहुंचकर जाति भी पूछी जाएगी। सरकार ने बीती 30 अप्रैल को ही जाति जनगणना कराने का ऐलान किया था। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि जातीय जनगणना को मूल जनगणना के साथ ही कराया जाएगा। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल जाति जनगणना की मांग उठाते रहे हैं। यूपीए की मनमोहन सरकार के दौरान 2011 में सामाजिक-आर्थिक और जातिगत आंकड़े जुटाए गए थे, लेकिन इन्हें कभी सार्वजनिक नहीं किया गया। आखिरी बार देश में 1931 की जनगणना में जाति के आंकड़े सामने आए थे।



दो फेज में होगी जनगणना

गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि जनगणना दो चरणों में होगी। बर्फबारी वाले राज्यों जैसे - उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में यह 1 अक्टूबर 2026 को रात 12 बजे खत्म होगी। वहीं, बाकी देश में यह 1 मार्च 2027 की रात 12 बजे पूरी होगी। उम्मीद है कि आगामी 16 जून को अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। इसके साथ ही जनगणना की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।



पिछली जनगणना 2011 में हुई थी

देश में पिछली जनगणना 2011 में हुई थी। इसे हर 10 साल में किया जाता है। लेकिन 2021 में होनी वाली जनगणना को कोविड महामारी के कारण टाल दिया गया था। अधिकारियों ने बताया कि साल 2011 में भी जनगणना इसी तरह दो चरणों में हुई थी। तब बर्फीले राज्यों में यह 2010 में शुरू हो गई थी, क्योंकि बर्फबारी में जनगणना के काम में बाधा आएगी। इन राज्यों में पहले जनगणना से पूरे देश के आंकड़े एक साथ सामने आ सकेंगे, जो 2011 के बाद आबादी का नया मानक होंगे। जनगणना का काम पूरा होने के बाद परिसीमन का काम किया जाएगा।



जनगणना से जुड़े अहम प्वाइंट्स

  • 96 साल बाद आएगा जाति का डेटा
  • आखिरी बार 1931 की जनगणना में मिले थे जाति के आंकड़े
  • 2011 में आखिरी बार देश में हुई थी जनगणना
  • कोविड के कारण 2021 की जनगणना टली थी


संसद का मॉनसून सत्र 21 जुलाई से

संसद का मॉनसून सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त के बीच होगा। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को तारीखों की जानकारी दी। यह घोषणा ऐसे समय हुई है, जब विपक्ष ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए सरकार से विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रहा है। रिजिजू ने कहा - हमारे लिए हर सत्र विशेष सत्र है। मॉनसून सत्र में नियमों के तहत सभी अहम मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार पहलगाम आतंकी हमले के बाद घटनाक्रम पर चर्चा के लिए विशेष सत्र बुलाने की विपक्ष की मांग से भाग खड़ी हुई है, लेकिन उसे कठिन सवालों के जवाब देने होंगे।

Loving Newspoint? Download the app now