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सोना बना रहा रिकॉर्ड पे रिकॉर्ड, चमककर फिर नई ऊंचाई पर, साल के अंत तक कहां पहुंचेंगे दाम?

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नई दिल्‍ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मंगलवार को सोने की कीमत 50 रुपये बढ़कर 96,450 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। चांदी भी 2,500 रुपये बढ़कर 97,500 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। सोने की कीमतों में यह उछाल डॉलर के कमजोर होने और अमेरिकी ट्रेड पॉलिसी को लेकर अनिश्चितता के कारण आया है। निवेशकों की निगाहें अब अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पावेल की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर टिकी हैं। गोल्डमैन सैक्स का अनुमान है कि 2025 के अंत तक सोना 4500 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकता है। इसका मतलब है कि भारतीय बाजार में कीमत 1.25 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती है। सोने और चांदी की कीमतों में लगातार तेजी देखने को मिल रही है। मंगलवार को दिल्ली में सोना 96,450 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए शिखर पर पहुंच गया। यह जानकारी अखिल भारतीय सराफा संघ ने दी है। इससे पहले सोमवार को सोने की कीमत में 50 रुपये की गिरावट आई थी। यह 96,400 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। 99.5 फीसदी शुद्धता वाला सोना भी 50 रुपये बढ़कर 96,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के अपने सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया। इसका पिछला बंद भाव 95,950 रुपये प्रति 10 ग्राम था। चांदी भी 2,500 रुपये चमकी चांदी की बात करें तो औद्योगिक मांग बढ़ने से इसकी कीमत में भी तेजी आई है। चांदी 2,500 रुपये बढ़कर 97,500 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है। सोमवार को चांदी 500 रुपये की गिरावट के साथ 95,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने की चमक बढ़ी है। हाजिर सोना 13.67 डॉलर यानी 0.43 फीसदी बढ़कर 3,224.60 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया।अबन्स फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ चिंतन मेहता का कहना है कि डॉलर के कमजोर होने और अमेरिकी व्यापार नीति को लेकर लगातार अनिश्चितता के कारण सोने की कीमतें उच्चतम स्तर के करीब पर बनी हुई हैं। अब आगे कहां ट‍िकी हैं नजरें?मेहता ने यह भी कहा कि निवेशकों की नजरें अब बुधवार को होने वाली अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पावेल की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर टिकी हैं। निवेशक यह जानना चाहते हैं कि अगर व्यापार तनाव बढ़ता है या आर्थिक स्थिति कमजोर होती है तो केंद्रीय बैंक क्या कदम उठा सकता है। एशियाई बाजार में हाजिर चांदी में थोड़ी गिरावट आई। यह 32.32 डॉलर प्रति औंस पर आ गई।एचडीएफसी सिक्योरिटीज के सीनियर एनालिस्‍ट - कमोडिटी सौमिल गांधी के अनुसार, कारोबारी अब अमेरिका के आर्थिक आंकड़ों का इंतजार कर रहे हैं, जिसमें मंगलवार को जारी होने वाला एनवाई एम्पायर स्टेट मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स भी शामिल है।इसके अलावा, बाजार के लोग फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) के सदस्य थॉमस बार्किन और यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) की अध्यक्ष क्रिस्टीन लेगार्ड के भाषणों का भी इंतजार कर रहे हैं, ताकि उन्हें बाजार की दिशा के बारे में अधिक जानकारी मिल सके।गांधी ने कहा कि टैरिफ से जुड़े घटनाक्रमों पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं, क्योंकि इसका असर सोने-चांदी की कीमतों पर पड़ सकता है। साल के अंत तक कहां पहुंचेगा सोना?गोल्डमैन सैक्स का अनुमान है कि 2025 के अंत तक सोना 4500 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकता है। अगर स्थिति और खराब होती है तो यह स्तर भी पार हो सकता है। गोल्डमैन सैक्स ने इस साल तीसरी बार सोने के लिए अपना लक्ष्य बढ़ाया है। पहले यह लक्ष्य 3300 डॉलर था, जिसे अब बढ़ाकर 3700 डॉलर प्रति औंस कर दिया गया है। 4500 डॉलर का मतलब है कि भारतीय बाजार में सोना 1.25 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है।गोल्डमैन सैक्स का कहना है कि अगर अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध और बढ़ता है तो सोना 4500 डॉलर तक पहुंच सकता है। आर्थिक मंदी की आशंका के कारण सोने की मांग बढ़ेगी, क्योंकि लोग इसे सुरक्षित निवेश मानते हैं।इस निवेश बैंक ने पहले साल के अंत तक सोने का भाव 3,300 डॉलर रहने का अनुमान लगाया था। अब उसका कहना है कि केंद्रीय बैंकों की ओर से सोने की मांग औसतन 80 टन प्रति महीना रहेगी, जबकि पहले यह अनुमान 70 टन था। 2022 से पहले यह आंकड़ा सिर्फ 17 टन प्रति महीना था।बैंक ने यह भी कहा कि सोने के ईटीएफ में निवेश बढ़ रहा है, क्योंकि लोगों को मंदी का डर है। उसके अर्थशास्त्रियों का मानना है कि अगले 12 महीनों में अमेरिका में मंदी आने की 45% आशंका है।
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