टाइम्स ऑफ़ इंडिया के हवाले से ( Ref) मशहूर न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. सिद्धांत भार्गव ने क्लीयर किया कि हर खाने में घी मिलाना जरूरी नहीं है। उन्होंने समझाया कि इस तरह घी का अत्यधिक सेवन शरीर के लिए घाटे का सौदा बन सकता है।
अगर आप भी अपनी हर डिश में चाव से चम्मच भर-भरकर घी खाते हैं, तो आपको सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. सिद्धांत भार्गव के फैक्ट्स जरूर जानने चाहिए। (Photo credit):iStock
एक्सपर्ट ने बताया ज्यादा घी खाने का नुकसान

घी के ज्यादा सेवन शरीर में सैचुरेटेड फैट और कैलोरी बढ़ा सकता है। डॉ. भार्गव का कहना है कि लोग जो मानते हैं कि घी सीधा जोड़ों या त्वचा को फायदा पहुंचाता है, यह केवल एक भ्रम है, क्योंकि घी में कोई जीपीएस नहीं लगा होता जो उसे शरीर के किसी खास हिस्से तक पहुंचा दे। सीधे शब्दों में कहें, घी फायदेमंद है, पर इसका हर भोजन में इस्तेमाल करना अनावश्यक और नुकसानदेह हो सकता है।
ज्यादा घी बढ़ा सकता है फैट

डॉ. भार्गव ने लोगों को यह बात याद दिलाई कि घी में काफी मात्रा में फैट होता है और इसकी कैलोरी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह सच है कि घी में शॉर्ट-चेन फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट जैसे अच्छे तत्व होते हैं, लेकिन यह फैट का एक बहुत ही गाढ़ा स्रोत है। उन्होंने बताया कि केवल एक चम्मच घी में लगभग 120 कैलोरी होती है। अगर हम इसे दिन में कई बार अपने खाने में डालते हैं, तो यह कैलोरी की गिनती तेजी से बढ़ा देता है।
घी से होगा कोलेस्ट्रॉल आउटऑफ कंट्रोल

लगातार ज्यादा मात्रा में घी खाने से समय के साथ वजन बढ़ सकता है। इससे आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल भी बढ़ सकता है और अगर पूरा आहार ठीक न हो, तो यह इंसुलिन रेसिसटेंस (Insulin Resistance) जैसी समस्या भी पैदा कर सकता है। इसलिए घी खाएं, लेकिन संयम में रहकर।
घी और हेल्थ को लेकर विज्ञान क्या कहता है?

राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (NIH) में छपे एक रिसर्च के अनुसार, अगर आप अपने रोजाना के खाने में सीमित मात्रा में घी लेते हैं, तो यह आपके पाचन को बेहतर बनाने और शरीर को ऊर्जा देने में मदद कर सकता है। हालांकि, इसी रिसर्च में इस बात पर जोर दिया गया है कि अगर घी ज्यादा खाया जाए, तो इससे शरीर में सैचुरेटेड फैट की मात्रा बढ़ जाती है। सैचुरेटेड फैट ज्यादा होने से खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) का स्तर बढ़ता है और यह दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है। इसलिए, घी फायदेमंद है, लेकिन इसे संतुलित मात्रा में खाना ही सबसे सही है।
हार्वर्ड हेल्थ की रिपोर्ट

हार्वर्ड हेल्थ की एक समीक्षा में यह भी बताया गया है कि दिल की बीमारियों के खतरे को कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण तरीका है कि हम सैचुरेटेड फैट की जगह अनसैचुरेटेड फैट का इस्तेमाल करें। अनसैचुरेटेड फैट के अच्छे उदाहरण जैतून का तेल या सरसों का तेल हैं।
घी से जुड़े मिथक

ज्यादातर घी खाने का असर सिर्फ वजन पर ही नहीं पड़ता, बल्कि इसके और भी कई प्रभाव हो सकते हैं। डॉ. भार्गव ने बताया कि बहुत ज्यादा घी खाने से हमारी त्वचा का स्वास्थ्य और पेट का संतुलन भी बिगड़ सकता है। अधिक फैट के कारण त्वचा बेजान लग सकती है, पाचन तंत्र धीमा हो सकता है और शरीर में फैट (लिपिड) का स्तर बढ़ सकता है। उन्होंने इस आम गलतफहमी को भी दूर किया कि घी जोड़ों को चिकनाई देता है। उनके अनुसार, पेट में जाने के बाद घी जादुई तरीके से सीधे जोड़ों के टिश्यू तक नहीं पहुंचता। इसके बजाय, जोड़ों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए ओमेगा-3 फैट से भरपूर, सूजन कम करने वाला भोजन ज्यादा फायदेमंद होता है।
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