कैंसर की शुरुआत में पहचान करना बहुत जरूरी है क्योंकि यह बीमारी धीरे-धीरे बढ़ती है और शुरुआती स्टेज में इसका इलाज आसान और सफल होने की संभावना बहुत ज्यादा होती है। अगर कैंसर समय पर पकड़ में आ जाए तो दवाइयों, सर्जरी या रेडियोथेरेपी से ट्यूमर को पूरी तरह से हटाया या कंट्रोल किया जा सकता है। इस स्टेज पर कैंसर शरीर के छोटे हिस्से तक सीमित रहता है, जिससे ठीक होने का मौका कई गुना बढ़ जाता है।
समस्या यह है कि इसके शुरुआती लक्षण अक्सर साधारण लगते हैं, जैसे बार-बार थकान होना, बिना वजह वजन कम होना, शरीर में गांठ बनना या खून आना। लोग इन्हें मामूली समझकर नजरअंदाज कर देते हैं और जब तक बीमारी गंभीर रूप दिखाती है, तब तक यह शरीर के दूसरे हिस्सों में फैल जाती है और इलाज मुश्किल हो जाता है।
हाल ही में दिल्ली में मेडीवेज हेल्थ फाउंडेशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 विजन के तहत हेल्थ केयर होराइजन 2.0 सम्मेलन आयोजित किया। इसमें देशभर के डॉक्टरों, पालिसी मेकर और एक्सपर्ट्स ने हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि बताया कि भारत में कैंसर से होने वाली 70 फीसदी मौतें देर से पहचान के कारण होती हैं।
कैंसर की समय पर पहचान क्यों जरूरी?
एक्सपर्ट्स ने बताया कि अगर शुरुआती पहचान हो जाए तो इलाज न केवल आसान होता है बल्कि खर्च भी काफी कम आता है, जबकि एडवांस स्टेज का इलाज महंगा और लंबा होता है। इसलिए रेगुलर हेल्थ चेकअप और स्क्रीनिंग जैसे मैमोग्राफी, पैप स्मीयर, एंडोस्कोपी या ब्लड टेस्ट बेहद जरूरी हैं, ताकि कैंसर का समय रहते पता चल सके और मरीज की जान बचाई जा सके।
वैक्सीन से रोका जा सकता है सर्वाइकल कैंसर
डॉक्टरों ने एचपीवी वैक्सीन और शुरुआती स्क्रीनिंग को जरूरी बताया। डॉ। सुदर्शन डे, ग्रुप डायरेक्टर, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी, यथार्थ सुपर-स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने कहा कि सर्वाइकल कैंसर को वैक्सीन से रोका जा सकता है।
कैंसर से बचाव के सही जीवनशैली है जरूरी
डॉ। अनिल कुमार धर, क्लिनिकल डायरेक्टर और हेड , मेडिकल ऑन्कोलॉजी, मारेंगो एशिया हॉस्पिटल्स ने कैंसर के इलाज के लिए सीएआर-टी सेल थेरेपी का भारत में प्रगति पर प्रकाश डाला। वहीं डॉ। राकेश कुमार, प्रोफेसर और हेड , कैंसर सर्जरी, वीएमएमसी और सफदरजंग हॉस्पिटल ने कहा कि सही जीवनशैली और रोकथाम से कैंसर पर काबू पाया जा सकता है। डॉ। रश्मि श्रिया, एचओडी, लेप्रोस्कोपिक गायनोकोलॉजी मैश (MASSH) हॉस्पिटल ने महिलाओं से एचपीवी टेस्ट और टीकाकरण कराने की अपील की।
युवाओं को जागरूक करना भी है जरूरी
इस दौरान 'बनेगी रील, बचेगी जान' कैंपेन भी लांच किया गया। इसके जरिए युवाओं को सोशल मीडिया पर कैंसर जागरूकता फैलाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसका मकसद यह है कि देश के हर इंसान तक कैंसर से बचाव की जानकारी पहुंचे।
कैंसर की रोकथाम के 3 बड़े सुझाव
एक्सपर्ट्स ने बताया कि कैंसर की रोकथाम के लिए तीन बड़े उपाय सामने आए हैं। पहला, कैंसर जैसी बीमारियों की शुरुआती पहचान और वैक्सीनेशन को बढ़ावा देना चाहिए। दूसरा, काम की जगह पर फिजिकल और हेल्थ को प्राथमिकता देनी चाहिए ताकि लोग स्वस्थ रहकर बेहतर काम कर सकें। तीसरा, सीएसआर और बीमा योजनाओं के जरिए इलाज को सस्ता और आसानी से उपलब्ध कराना जरूरी है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है।
समस्या यह है कि इसके शुरुआती लक्षण अक्सर साधारण लगते हैं, जैसे बार-बार थकान होना, बिना वजह वजन कम होना, शरीर में गांठ बनना या खून आना। लोग इन्हें मामूली समझकर नजरअंदाज कर देते हैं और जब तक बीमारी गंभीर रूप दिखाती है, तब तक यह शरीर के दूसरे हिस्सों में फैल जाती है और इलाज मुश्किल हो जाता है।
हाल ही में दिल्ली में मेडीवेज हेल्थ फाउंडेशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 विजन के तहत हेल्थ केयर होराइजन 2.0 सम्मेलन आयोजित किया। इसमें देशभर के डॉक्टरों, पालिसी मेकर और एक्सपर्ट्स ने हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि बताया कि भारत में कैंसर से होने वाली 70 फीसदी मौतें देर से पहचान के कारण होती हैं।
कैंसर की समय पर पहचान क्यों जरूरी?
एक्सपर्ट्स ने बताया कि अगर शुरुआती पहचान हो जाए तो इलाज न केवल आसान होता है बल्कि खर्च भी काफी कम आता है, जबकि एडवांस स्टेज का इलाज महंगा और लंबा होता है। इसलिए रेगुलर हेल्थ चेकअप और स्क्रीनिंग जैसे मैमोग्राफी, पैप स्मीयर, एंडोस्कोपी या ब्लड टेस्ट बेहद जरूरी हैं, ताकि कैंसर का समय रहते पता चल सके और मरीज की जान बचाई जा सके।
वैक्सीन से रोका जा सकता है सर्वाइकल कैंसर
डॉक्टरों ने एचपीवी वैक्सीन और शुरुआती स्क्रीनिंग को जरूरी बताया। डॉ। सुदर्शन डे, ग्रुप डायरेक्टर, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी, यथार्थ सुपर-स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने कहा कि सर्वाइकल कैंसर को वैक्सीन से रोका जा सकता है।
कैंसर से बचाव के सही जीवनशैली है जरूरी
डॉ। अनिल कुमार धर, क्लिनिकल डायरेक्टर और हेड , मेडिकल ऑन्कोलॉजी, मारेंगो एशिया हॉस्पिटल्स ने कैंसर के इलाज के लिए सीएआर-टी सेल थेरेपी का भारत में प्रगति पर प्रकाश डाला। वहीं डॉ। राकेश कुमार, प्रोफेसर और हेड , कैंसर सर्जरी, वीएमएमसी और सफदरजंग हॉस्पिटल ने कहा कि सही जीवनशैली और रोकथाम से कैंसर पर काबू पाया जा सकता है। डॉ। रश्मि श्रिया, एचओडी, लेप्रोस्कोपिक गायनोकोलॉजी मैश (MASSH) हॉस्पिटल ने महिलाओं से एचपीवी टेस्ट और टीकाकरण कराने की अपील की।
युवाओं को जागरूक करना भी है जरूरी
इस दौरान 'बनेगी रील, बचेगी जान' कैंपेन भी लांच किया गया। इसके जरिए युवाओं को सोशल मीडिया पर कैंसर जागरूकता फैलाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसका मकसद यह है कि देश के हर इंसान तक कैंसर से बचाव की जानकारी पहुंचे।
कैंसर की रोकथाम के 3 बड़े सुझाव
एक्सपर्ट्स ने बताया कि कैंसर की रोकथाम के लिए तीन बड़े उपाय सामने आए हैं। पहला, कैंसर जैसी बीमारियों की शुरुआती पहचान और वैक्सीनेशन को बढ़ावा देना चाहिए। दूसरा, काम की जगह पर फिजिकल और हेल्थ को प्राथमिकता देनी चाहिए ताकि लोग स्वस्थ रहकर बेहतर काम कर सकें। तीसरा, सीएसआर और बीमा योजनाओं के जरिए इलाज को सस्ता और आसानी से उपलब्ध कराना जरूरी है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है।
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