नई दिल्ली: वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप के फाइनल में भारत को सचिन यादव के रूप में एक नया बाहुबली मिल गया है। हालांकि, सचिन यादव मेडल नहीं जीत पाए, लेकिन उन्होंने अपने शानदार खेल से सनसनी मचा दी। सचिन 86.27 मीटर के बेस्ट थ्रो के साथ चौथे स्थान पर रहे हैं। वह अमेरिका के कर्टिस थॉम्पसन ने 86.67 से सिर्फ 40 सेंटीमीटर से पीछे रहे, जिन्होंने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। मेडल के लिए इतना कम अंतर होना सचिन के लिए निश्चित रूप से निराशाजनक रहा, लेकिन अच्छी बात ये रही कि इसी इवेंट में भारत के स्टार नीरज चोपड़ा से उन्होंने बेहतर प्रदर्शन किया।
सचिन यादव पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के खेकड़ा गांव के रहने वाले हैं। 25 साल के सचिन यादव भाला फेंक से पहले क्रिकेट खेला करते थे। एक लोकल क्रिकेट मैच के सचिन पर दौरान संदीप यादव की नजर पड़ी। संदीप खुद एक भाला फेंक खिलाड़ी रह चुके थे। संदीप यादव सचिन के पड़ोसी भी थे। साल 2019 में जब सचिन एक लोकल टूर्नामेंट में क्रिकेट मैच खेल रहे थे तब संदीप ने उनकी गेंदबाजी को देखा और उन्हें लगा कि इस लड़के में दम है।
पहली बार संदीप ने सचिन की प्रतिभा को पहचाना
संदीप ने सचिन को अनौपचारिक क्रिकेट मैचों में गेंदबाजी करते समय उनके मजबूत कंधों और अच्छे आर्म एक्शन को देखा। संदीप को लगा कि सचिन क्रिकेट से बेहतर भाला फेंक में कर सकते हैं। फिर क्या था संदीप ने एक मेंटोर की भूमिका निभाते हुए सचिन को भाला फेंक की ट्रेनिंग लेने का सुझाव दिया। सचिन ने भी संदीप की बात मानी और उन्होंने ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी।
कुछ ही समय में सचिन लोकल प्रतियोगिताओं में शानदार खेल दिखाने लगे। इसके साथ ही सचिन को स्पोर्ट्स कोटा से उत्तर प्रदेश पुलिस में नौकरी भी मिल गई। फिर क्या था, सचिन के करियर को एक नई उड़ान मिल गई। सचिन ने पहली बार साल 2023 में जब 80 मीटर का आंकड़ा पार किया तो हर जगह उनके नाम की चर्चा होने लगी। इसके बाद उन्होंने 2024 में 73वीं ऑल इंडिया पुलिस एथलेटिक्स चैंपियनशिप में सतबीर सिंह के 30 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 84.21 मीटर का दूर भाला फेंका था। इसके बाद तो सचिन ने पीछे मुड़कर नहीं देखा है। सचिन बेशक वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में मेडल से चूक गए, लेकिन उन्होंने इसी साल एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल अपने नाम किया था।
सचिन यादव पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के खेकड़ा गांव के रहने वाले हैं। 25 साल के सचिन यादव भाला फेंक से पहले क्रिकेट खेला करते थे। एक लोकल क्रिकेट मैच के सचिन पर दौरान संदीप यादव की नजर पड़ी। संदीप खुद एक भाला फेंक खिलाड़ी रह चुके थे। संदीप यादव सचिन के पड़ोसी भी थे। साल 2019 में जब सचिन एक लोकल टूर्नामेंट में क्रिकेट मैच खेल रहे थे तब संदीप ने उनकी गेंदबाजी को देखा और उन्हें लगा कि इस लड़के में दम है।
पहली बार संदीप ने सचिन की प्रतिभा को पहचाना
संदीप ने सचिन को अनौपचारिक क्रिकेट मैचों में गेंदबाजी करते समय उनके मजबूत कंधों और अच्छे आर्म एक्शन को देखा। संदीप को लगा कि सचिन क्रिकेट से बेहतर भाला फेंक में कर सकते हैं। फिर क्या था संदीप ने एक मेंटोर की भूमिका निभाते हुए सचिन को भाला फेंक की ट्रेनिंग लेने का सुझाव दिया। सचिन ने भी संदीप की बात मानी और उन्होंने ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी।
कुछ ही समय में सचिन लोकल प्रतियोगिताओं में शानदार खेल दिखाने लगे। इसके साथ ही सचिन को स्पोर्ट्स कोटा से उत्तर प्रदेश पुलिस में नौकरी भी मिल गई। फिर क्या था, सचिन के करियर को एक नई उड़ान मिल गई। सचिन ने पहली बार साल 2023 में जब 80 मीटर का आंकड़ा पार किया तो हर जगह उनके नाम की चर्चा होने लगी। इसके बाद उन्होंने 2024 में 73वीं ऑल इंडिया पुलिस एथलेटिक्स चैंपियनशिप में सतबीर सिंह के 30 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 84.21 मीटर का दूर भाला फेंका था। इसके बाद तो सचिन ने पीछे मुड़कर नहीं देखा है। सचिन बेशक वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में मेडल से चूक गए, लेकिन उन्होंने इसी साल एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल अपने नाम किया था।
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