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जगन्नाथ मंदिर से जुड़ी 5 बातें आज भी बनी हुई हैं रहस्य…झंडे से लेकर मंदिर की मूर्ती तक हर किसी की अपनी है कहानी

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पुरी के जगन्नाथ मंदिर के बारे में तो आप सभी ने सुना होगा, जिसे हिन्दुओं के चार धामों में से माना जाता है। ओडिशा के तटवर्ती शहर पुरी में मौजूद ये विश्व प्रसिद्ध मंदिर भगवान विष्णु अवतार श्री कृष्ण को समर्पित है। यहां हर साल लाखों श्रद्धालु दुनियाभर से दर्शन करने के लिए आते हैं। 800 साल से भी ज्यादा पुराने इस मंदिर से जुड़ी ऐसी कई चमत्कारी और रहस्यमय चीजें हैं, जिसे सुन इंसान आश्चर्य में पड़ जाता है कि ऐसा कैसे हो सकता है?

बता दें, अभी हैरान कर देने वाला एक वीडियो सामने आया, जिसमें एक बड़ी सी चील मंदिर के शिखर पर लहराते ध्वज को अपने पंजों में पकड़ कर उसके चारों ओर घूम रही है। ऐसा नजारा देखने के बाद लोगों की जुबान पर बस एक ही चीज है कि कहीं ये किसी अनहोनी का तो संकेत नहीं। खैर, इशारा कुछ भी हो, लेकिन मंदिर को लेकर कुछ और चीजें भी हैं, जो लोगों को हैरान करके रख देती हैं। चलिए आपको इस लेख में बताते हैं। (photo credit:wikimedia commons)
मंदिर में है भगवान का हृदय image

माना जाता जाता है भगवान श्री कृष्ण ने अपने देह का त्याग इसी मंदिर में किया था और शरीर के एक हिस्से को छोड़ उनकी पूरी देह पांच तत्वों में विलीन हो गई थी। ये हिस्सा उनका हृदय था। माना जाता है मंदिर में रखे श्री कृष्ण के लकड़ी के देह में आज भी वो हृदय धड़क रहा है। (photo credit:unsplash.com)


समुद्र की लहरों की आती है आवाजें image

मंदिर में जाने वाले भक्तों का कहना है कि मंदिर के सिंहद्वार में जाने पर जबतक अंदर कदम नहीं जाते, तो समुद्र की लहरों की आवाजें आती हैं, लेकिन जैसे ही कदम सिंहद्वार में पड़ते हैं, वैसे ही लहरों की आवाजें आनी बंद हो जाती हैं।


18 साल के लिए बंद हो जाएगा मंदिर image

जगन्नाथ मंदिर के शीर्ष पर जो झंडा लगा है कहते हैं वो झंडा हवा के विपरीत दिशा में उड़ता है। मान्यता है मंदिर का झंडा रोज बदल जाता है और अगर किसी दिन झंडा नहीं बदला गया, तो मंदिर 18 साल के लिए बंद कर दिया जाएगा। माना जाता है पुराना झंडा बुरी ऊर्जा को खींचता है, इसलिए उसे हटा दिया जाता है।


मंदिर की रसोई का रहस्य image

मंदिर की रसोई से भी एक हैरान कर देने वाला रहस्य जुड़ा है। जगन्नाथ मंदिर में जो भी प्रसाद बनता है, वो सात मिट्टी के बर्तनों में भी बनाया जाता है और सातों बर्तनों को एक के ऊपर एक रखते हैं। हैरानी की बात ये है, सबसे पहले प्रसाद सातवें बर्तन में तैयार होता है और उसके बाद छठे, पांचवे, चौथे, तीसरे, दूसरे और फिर पहले में प्रसाद बनकर तैयार होता है।


चक्र की छाया है अदृश्य image

जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर एक सुदर्शन चक्र लगा हुआ है। जिसके बारे में कहते हैं कि उसे किसी भी दिशा से खड़े होकर देख सकते हैं, पर ऐसा लगता है चक्र का मुंह आपकी तरफ है। इसी तरह एक और रहस्य ये है मंदिर के शिखर की छाया हमेशा अदृश्य ही रहती है, उसे जमीन पर कोई नहीं देख पाता।


कैसे पहुंचे जगन्नाथ मंदिर image

हवाई मार्ग से:पास का हवाई अड्डा: भुवनेश्वर हवाई अड्डा, जो पुरी से लगभग 60 किलोमीटर दूर है।वहां से आप टैक्सी या बस से सीधे पुरी जा सकते हैं।रेल मार्ग से:पुरी रेलवे स्टेशन देश के कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है, जैसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद आदि।रेलवे स्टेशन से जगन्नाथ मंदिर लगभग 3-4 किलोमीटर दूर है। आप ऑटो, टैक्सी या रिक्शा ले सकते हैं।सड़क मार्ग से:पुरी सड़क मार्ग से भुवनेश्वर और अन्य शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।आप बस, टैक्सी या अपनी गाड़ी से भी आ सकते हैं।भुवनेश्वर से पुरी की दूरी लगभग 60 किमी है और वहां से बसें और टैक्सियां नियमित रूप से चलती हैं।डिस्क्लेमर :''इस लेख में बताई गई किसी भी जानकारी में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, यूजर्स इसे महज सूचना के रूप में ही लें।''

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