Next Story
Newszop

भारत और फिलीपींस के जंगी जहाजों ने चीन की नाक के नीचे दिखाया दम, दूर से नजर रख रहा ड्रैगन, क्या देगा प्रतिक्रिया

Send Push
मनीला: भारत और फिलीपींस ने दक्षिण चीन सागर में शिपिंग और नौसैनिक अभ्यास किया है। दोनों देशों का इस विवादित जल क्षेत्र में यह पहला साझा अभ्यास है। इस क्षेत्र में चीन अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिशों में लगातार लगा हुआ है। वहीं चीन का फिलीपींस और भारत, दोनों देशों के साथ दशकों पुराने क्षेत्रीय विवाद भी हैं। ऐसे में फिलीपींस और भारत की दक्षिण चीन सागर में उच्च-स्तरीय सैन्य तैनाती निश्चित ही चीन को नाराज करेगी। हालांकि अभी तक चीन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।



फिलीपींस के सशस्त्र बलों के प्रमुख जनरल रोमियो ब्राउनर ने सोमवार को कहा कि रविवार से शुरू हुआ दो दिवसीय संयुक्त नौसैनिक नौवहन और अभ्यास सफल रहा हैं। चीनी सेना की प्रतिक्रिया पर ब्राउनर ने कहा कि कोई अप्रिय घटना नहीं हुई लेकिन हम पर नजर रखी गई है। हमें इसकी पहले से ही उम्मीद थी। चीनी नौसेना और तट रक्षक जहाजों ने दूर से अभ्यास की निगरानी की है।



क्यों खास है ये अभ्यास प्रमुख वैश्विक व्यापार मार्ग दक्षिण चीन सागर में बीजिंग का व्यापक दावों के चलते दूसरे दावेदार देशों, खासकर फिलीपींस और वियतनाम के साथ तनाव है। मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान भी इस जलक्षेत्र के कुछ हिस्सों पर दावा करते हैं। ऐसे में फिलीपींस ने अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत के साथ नौसैनिक अभ्यास किए हैं ताकि चीन को कड़ा जवाब दिया जा सके।



चीन के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में फिलीपींस पर गुस्सा निकाला था। चीन ने कहा था कि फिलीपींस ने अपने क्षेत्रीय जलक्षेत्र में गड़बड़ी फैलाने के लिए विदेशी ताकतों के साथ गठजोड़ कर लिया है। चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि हम अपनी राष्ट्रीय क्षेत्रीय संप्रभुता और समुद्री अधिकारों की रक्षा करने के अपने संकल्प से कभी नहीं डगमगाएंगे।



Video

भारत में फिलीपींस के राष्ट्रपतिदक्षिण चीन सागर में साझा अभ्यास के बीच फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर मार्कोस जूनियर सोमवार को पांच दिन के दौरे पर भारत आए हैं। 2022 में पद संभालने के बाद यह उनकी पहली आधिकारिक भारत यात्रा है। उनके साथ प्रथम महिला लुईस अरनेटा मार्कोस और एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया है।



मार्कोस की भारत की यह यात्रा दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रही है। इस यात्रा से रणनीतिक और रक्षा सहयोग, खासकर समुद्री क्षेत्र में और मजबूत होने की उम्मीद है। इस यात्रा के दौरान समुद्री सुरक्षा पर केंद्रित रक्षा सहयोग को बढ़ाने के लिए एक समझौते की उम्मीद है।

Loving Newspoint? Download the app now