भारतीय संस्कृति में “अतिथि देवो भवः” का सिद्धांत हमें यह सिखाता है कि घर आने वाले मेहमानों को ईश्वर का स्वरूप मानकर सत्कार करना चाहिए। लेकिन क्या आपने कभी महसूस किया है कि कुछ लोगों के घर में प्रवेश करते ही माहौल बदल जाता है? जहां पहले शांति थी, वहां अब बेचैनी महसूस होती है। यह केवल संयोग नहीं है, बल्कि ऊर्जाओं और मानसिक प्रभावों से जुड़ी एक गहराई है, जिसे आचार्य चाणक्य ने सदियों पहले ही अपनी नीतियों में समझाया था।
चाणक्य, जो राजनीति, कूटनीति और मानव व्यवहार के गहन जानकार थे, उन्होंने स्पष्ट कहा कि कुछ लोगों को अपने घर में आमंत्रित करना न केवल अनुचित, बल्कि हानिकारक भी हो सकता है। आइए जानते हैं कि चाणक्य किन लोगों को घर में न बुलाने की सलाह देते हैं।
1. दूसरों को दुःख देने वाले – नकारात्मकता के वाहककुछ लोगों को दूसरों को नीचा दिखाने, परेशान करने या उनका दुःख सुनकर आनंद लेने की आदत होती है।
- ये लोग जानबूझकर ऐसी बातें करते हैं जो सामने वाले को मानसिक रूप से आहत करती हैं।
- उनका मकसद सिर्फ अपने अहम की तृप्ति होता है, और उनकी उपस्थिति घर में तनाव और कलह को बढ़ावा देती है।
चाणक्य की सलाह: ऐसे व्यक्तियों से न केवल दूरी बनाएं, बल्कि उन्हें अपने निजी जीवन और घर से पूरी तरह दूर रखें। क्योंकि कब ये लोग आपके लिए मुसीबत बन जाएं, इसका कोई भरोसा नहीं।
2. सिर्फ जरूरत में याद करने वाले – स्वार्थ की पहचानकुछ लोग सिर्फ अपने लाभ के समय ही संपर्क में आते हैं।
- जब उन्हें आपकी मदद चाहिए, तभी वे मित्रता जताते हैं।
- जब आपको ज़रूरत हो, वे नज़र तक नहीं आते।
- उनका उद्देश्य स्पष्ट होता है – सिर्फ लाभ उठाना, बिना किसी भावनात्मक जुड़ाव के।
चाणक्य का संदेश: ऐसे एकतरफा रिश्तों से बेहतर है अकेलापन। ऐसे लोगों को घर बुलाना समय और ऊर्जा की बर्बादी है।
3. स्वार्थी लोग – हमेशा अपने लाभ में मग्नकुछ लोग होते हैं जिनका पूरा ध्यान सिर्फ इस बात पर होता है कि उन्हें क्या फायदा हो सकता है।
- ये हर बातचीत को अपनी जरूरतों की दिशा में मोड़ते हैं।
- जब तक आप उनके काम नहीं आते, तब तक आप उनके लिए कोई मायने नहीं रखते।
- ये आपको अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करने से भी पीछे नहीं हटते।
चाणक्य की चेतावनी: ऐसे लोग बहुत खतरनाक होते हैं, क्योंकि ये भावनात्मक रूप से भी आपका शोषण कर सकते हैं। इनसे जितना दूर रहें, उतना बेहतर।
4. दोमुंहे लोग – पीठ पीछे वार करने वालेशायद सबसे खतरनाक लोग वही होते हैं जो सामने आपकी तारीफ करें और पीठ पीछे आपकी बुराई करें।
- ये लोग मासूम चेहरे के पीछे धोखे का जाल बुनते हैं।
- आपके राज की बातें दूसरों को बताकर अपना मनोरंजन और महत्व बढ़ाते हैं।
- इनका मकसद होता है – लोगों को लड़वाना, माहौल में जहर घोलना।
चाणक्य का परामर्श: ऐसे व्यक्तियों को घर बुलाना मतलब अपने घर में नकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करना। ये आपकी शांति, संबंध और छवि को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
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