News India Live, Digital Desk: Indian Comedian : आज जब भी हमारे चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आती है और हम किसी की साफ़-सुथरी कॉमेडी को याद करते हैं, तो एक नाम सबसे पहले ज़हन में आता है - राजू श्रीवास्तव। वही हमारे अपने 'गजोधर भैया', जिन्होंने आम आदमी की ज़िंदगी की छोटी-छोटी बातों से हंसा-हंसाकर हमें लोटपोट कर दिया। लेकिन कानपुर की तंग गलियों से निकलकर मुंबई के बड़े मंच तक पहुंचने का उनका सफ़र किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं था।यह कहानी उस लड़के की है जिसने बड़े सपने देखे और उन्हें पूरा करने के लिए जी-जान लगा दी।जब पहली कमाई में मिले थे 50 रुपयेकानपुर के एक साधारण परिवार में जन्मे राजू श्रीवास्तव का असली नाम सत्य प्रकाश श्रीवास्तव था। उनके पिता एक कवि थे, शायद यही वजह थी कि शब्दों और भावों से खेलना राजू को विरासत में मिला था। उन्हें बचपन से ही लोगों की नकल उतारने का गजब का शौक था। वो अपने टीचरों से लेकर आस-पड़ोस के लोगों तक, सबकी ऐसी नकल उतारते कि लोग हंसे बिना रह नहीं पाते।राजू, अमिताभ बच्चन के बहुत बड़े फैन थे। उन्होंने बिग बी के अंदाज़ को इस कदर अपनाया कि यही उनकी पहचान बन गई। इसी हुनर के दम पर उन्हें उनकी पहली कमाई मिली - पूरे 50 रुपये! बस फिर क्या था, इसी 50 रुपये के हौसले को जेब में रखकर वो अपने सपनों को पूरा करने सपनों की नगरी मुंबई आ गए।ऑटो भी चलाया और फिल्मों में छोटे रोल भी किएमुंबई किसी के लिए भी आसान नहीं होती, और राजू के लिए भी नहीं थी। यहां काम मिलना बहुत मुश्किल था। शुरुआती दिनों में गुज़ारा करने के लिए उन्होंने ऑटो तक चलाया। वो दिन में ऑटो चलाते और रात में छोटे-मोटे ऑर्केस्ट्रा और बर्थडे पार्टियों में कॉमेडी कर 50-100 रुपये कमाते, ताकि उनका जुनून ज़िंदा रहे।उन्होंने फिल्मों में भी अपनी किस्मत आज़माई। 'मैंने प्यार किया' और 'बाज़ीगर' जैसी बड़ी फिल्मों में उन्हें छोटे-मोटे रोल मिले, लेकिन वो पहचान अब भी दूर थी जिसके वो हक़दार थे।'द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज' और 'गजोधर भैया' का जन्मराजू के करियर का सितारा तब चमका, जब 2005 में टीवी पर 'द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज' नाम का शो आया। यह मंच राजू जैसे कलाकारों के लिए ही बना था। यहीं पर देश ने पहली बार 'गजोधर भैया', 'संकठा' जैसे किरदारों को जाना। उनके देसी अंदाज़, गांव की कहानियों और आम ज़िंदगी से जुड़े जोक्स ने उन्हें रातों-रात घर-घर में मशहूर कर दिया।भले ही वो इस शो को जीत नहीं पाए, लेकिन करोड़ों भारतीयों का दिल उन्होंने ही जीता। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।50 रुपये से अपना सफ़र शुरू करने वाले राजू श्रीवास्तव ने अपनी मेहनत के दम पर करीब 20 करोड़ रुपये की संपत्ति खड़ी की। लेकिन उनकी असली कमाई पैसा नहीं, बल्कि वो करोड़ों ठहाके और मुस्कानें थीं, जो वो आज भी हमारे चेहरों पर छोड़ गए हैं। उनका सफ़र हमें सिखाता है कि अगर जुनून और हिम्मत हो, तो कोई भी सपना छोटा नहीं होता।
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