News India Live, Digital Desk: Municipal elections : कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि लंबित स्थानीय निकाय चुनाव अगले चार महीने के भीतर कराए जाएं। इसके बाद राज्य चुनाव आयोग सक्रिय हो गया है। इस पृष्ठभूमि में चुनाव आयोग ने सरकार को महत्वपूर्ण आदेश दिए हैं। सरकार को स्थानीय निकाय चुनावों के अनुरूप वार्डों का पुनर्निर्धारण करने का निर्देश दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने 6 मई को स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर राज्य सरकार को अहम निर्देश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, ‘चार महीने के भीतर विलंबित चुनाव कराएं।’ स्थानीय सरकार के चुनाव निश्चित समय पर आयोजित करें। सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देश दिया था कि शेष विवादास्पद मुद्दों पर चर्चा न की जाए।
अदालत के इस आदेश के बाद ही राज्य चुनाव आयोग इन चुनावों को कराने में सक्रिय हुआ है।
के अनुरूप वार्ड का पुनर्गठन करने का दिया आदेश
इसी पृष्ठभूमि में अब राज्य निर्वाचन आयोग ने सरकार को महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। स्थानीय निकाय चुनाव के अनुरूप वार्डों के पुनर्गठन के आदेश जारी कर दिए गए हैं। आयोग ने बुधवार को राज्य सरकार को चुनाव कराने के लिए नगर पालिकाओं, नगर परिषदों और नगर पंचायतों की वार्ड संरचना तैयार करने की प्रक्रिया तुरंत शुरू करने का आदेश दिया। यह भी बताया गया है कि जिला परिषद और पंचायत समिति के चुनाव कराने के लिए जिला परिषद समूह और पंचायत समिति कैडर बनाने के आदेश दिए गए हैं। इसलिए राज्य सरकार को नगर पालिकाओं के वार्ड ढांचे के साथ-साथ समूहों और संवर्गों के पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू करनी होगी।
चुनाव यानि नगरपालिका चुनाव कब होंगे? इसने सबका ध्यान आकर्षित किया। हालांकि, 6 मई को सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार और राज्य चुनाव आयोग को चार महीने के भीतर चुनाव कराने का आदेश दिया था। इसलिए राज्य में सितंबर में चुनाव होंगे। 6 मई को स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सर्वोच्च न्यायालय के संज्ञान में यह तथ्य आया कि ताराजी के संभाजीनगर सहित कई नगर निगमों में पांच वर्षों से चुनाव नहीं हुए हैं तथा वहां प्रशासक काम कर रहे हैं। यह महसूस करने के बाद कि यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है, अदालत ने अगले चार सप्ताह के भीतर चुनाव अधिसूचना जारी करने और चार महीने के भीतर चुनाव कराने का आदेश दिया। इसलिए ये चुनाव सितंबर माह तक करा लिए जाएंगे।
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