वाशिंगटन: चीन का जिउ तियान एसएस-यूएवी ड्रोन आसमान में भी अमेरिका के प्रभुत्व को चुनौती देने के लिए तैयार है। चीन के नए ड्रोन ने हाईटेक ड्रोन की दौड़ में अमेरिका की आंखें खोल दी हैं। इस ड्रोन का अनावरण 15वें झुहाई एयरशो में किया गया। अमेरिकी इस ड्रोन पर कड़ी नजर रख रहे हैं। इसे एवीआईसी के साथ साझेदारी में विकसित किया गया है।
एवीआईसी ने इस ड्रोन को शांक्सी अनमैन्ड इक्विपमेंट टेक्नोलॉजी और हैग कम्युनिकेशंस के सहयोग से विकसित किया है। जिउतियन ने ड्रोन में एक नई श्रेणी बनाई है। यह श्रेणी सुपर हाई एल्टीट्यूड मदरशिप की श्रेणी है। यह ड्रोन अधिकतम 16 टन वजन लेकर उड़ सकता है, इसके पंखों का फैलाव 25 मीटर है तथा यह 15 हजार मीटर तक उड़ सकता है। कोई भी पारंपरिक वायु रक्षा प्रणाली वहां तक नहीं पहुंच सकती। उम्मीद है कि जून 2025 में इसकी पहली परीक्षण उड़ान होगी।
चीनी मीडिया का दावा है कि यह ड्रोन उच्च क्षमता वाले टर्बोफैन इंजन से सुसज्जित होगा। इसकी रेंज 7,000 किलोमीटर होगी। जिउतियन अपने पंख से कई अन्य छोटे ड्रोन छोड़ने में सक्षम है। इसके अलावा यह एन्क्रिप्टेड संचार, हाइड्रोजन प्रणोदन, एआई झुंड नियंत्रण और सुपरमटेरियल स्टील्थ डिजाइन जैसी अत्याधुनिक तकनीक से लैस है। इस ड्रोन की खासियत यह है कि एक बार बन जाने के बाद इसे बदला नहीं जा सकता। इस ड्रोन को मिशन की आवश्यकताओं के अनुसार अनुकूलित भी किया जा सकता है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक युद्ध से लेकर माल परिवहन तक सब कुछ शामिल है। विश्लेषकों का मानना है कि चीन ताइवान जलडमरूमध्य, दक्षिण चीन सागर और गुआम समेत इन सभी स्थानों पर अपनी बढ़ती सैन्य क्षमताओं का प्रदर्शन करना चाहता है।
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