वाशिंगटन : अमेरिका में हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने ट्रंप प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने ट्रम्प प्रशासन पर शैक्षणिक संस्थानों पर राजनीतिक दबाव डालने का आरोप लगाया है। इससे विश्वविद्यालय की स्वतंत्रता ख़तरे में पड़ रही है। हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने स्पष्ट कर दिया है कि ट्रम्प प्रशासन की कार्रवाई विश्वविद्यालय के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करती है। वर्तमान में ट्रम्प प्रशासन और हार्वर्ड विश्वविद्यालय के बीच बड़ा विवाद चल रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, ट्रम्प प्रशासन ने हार्वर्ड के छात्रों को दी जाने वाली 2.2 बिलियन डॉलर की फंडिंग पर रोक लगा दी थी। ट्रम्प प्रशासन ने विश्वविद्यालय से यह भी कहा कि वह 2023 के बाद परिसर में यहूदी विरोधी घटनाओं के पीछे की सभी रिपोर्ट, ड्राफ्ट और व्यक्तियों की जानकारी सरकार को उपलब्ध कराए। इन व्यक्तियों को संघ के अधिकारियों द्वारा पूछताछ के लिए बुलाया गया था। इस घटना के मद्देनजर विश्वविद्यालय ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने ट्रम्प के सवाल का विरोध किया
हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने ट्रम्प प्रशासन के इन निर्देशों की कड़ी निंदा की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, विश्वविद्यालय के दो प्रोफेसरों और छात्रों के एक समूह ने 12 अप्रैल को अदालत में मामला दायर किया है। उन्होंने ट्रम्प प्रशासन द्वारा फंडिंग रोकने की धमकी के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। मुकदमे में संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान के प्रथम संशोधन के तहत विश्वविद्यालय की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है।
विश्वविद्यालय पर यहूदी-विरोधी भावना को रोकने में विफल रहने का आरोपअतीत में ट्रम्प प्रशासन ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय के अलावा अन्य विश्वविद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई की है। प्रशांत ने कोलंबिया विश्वविद्यालय के लिए 4010 मिलियन डॉलर का अनुदान रद्द कर दिया है। दोनों विश्वविद्यालयों पर सरकार द्वारा यहूदी विरोधी छात्र विरोध प्रदर्शनों को रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया गया है। यह कार्रवाई हार्वर्ड विश्वविद्यालय द्वारा फिलिस्तीन के समर्थन में झंडा फहराने के मद्देनजर की गई है।
ट्रम्प प्रशासन ने ‘यहूदी-विरोधी भावना’ से निपटने के लिए एक संयुक्त कार्य बल का गठन किया है। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, न्याय और सामान्य सेवा विभाग शामिल हैं। हार्वर्ड और कोलंबिया विश्वविद्यालयों के लिए वित्त पोषण अनुसंधान, छात्र छात्रवृत्ति, विज्ञान और चिकित्सा अनुसंधान के लिए महत्वपूर्ण है। इस फंडिंग को रोक दिया गया है, और ट्रम्प अभियान ने उच्च शिक्षा संस्थानों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और संवैधानिक स्वतंत्रता के बारे में सवाल उठाए हैं।
The post first appeared on .
You may also like
सोमवार को भूखा रहना पसंद कर लें लेकिन भूल से भी ना खाएं ये 5 चीजें. वरना बिगड सकती है तबियत ι
किसी की हथेली पर भूलकर भी ना दें ये 6 चीजें, घर से चली जाती है बरकत. देखना पड़ता हैं गरीबी ι
पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कानपुर के कारोबारी की मौत
मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी का सनातन बोर्ड के गठन का समर्थन
मक्का में क्यों नहीं जा सकते हैं हिंदू , जानें यहाँ ι