स्वास्थ्य समाचार: सफेद दाग के इलाज के लिए पंचकर्म विधि का उपयोग किया जाता है, जिससे शरीर को डिटॉक्सिफाई किया जाता है। इसके लिए बाकुची बीज, खदिर (कत्था), दारुहरिद्रा, करंज, और आरग्यवध (अमलतास) चूर्ण का प्रयोग किया जाता है, जो रक्त को शुद्ध करने में मदद करते हैं।
बाहर खाने के दौरान सावधानी बरतें:
शादियों और पार्टियों में अक्सर ऐसे खाद्य पदार्थ होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। ठंडी और गर्म चीजों का एक साथ सेवन करने से बचें।
आहार में बदलाव करें:
सफेद दाग की समस्या के लिए सबसे पहले डी-वॉर्मिंग कराना आवश्यक है। मरीजों को तांबे के बर्तन में पानी पीने की सलाह दी जाती है। हरी पत्तेदार सब्जियां, गाजर, लौकी, सोयाबीन और दालें अधिक मात्रा में खानी चाहिए। रोजाना एक कटोरी भीगे हुए काले चने और 3-4 बादाम का सेवन करें। ताजा गिलोय या एलोवेरा जूस पीने से भी लाभ होता है।
परहेज करने योग्य खाद्य पदार्थ:
खानपान में खट्टी चीजें जैसे नींबू, संतरा, अंगूर, टमाटर, आंवला, आम, अचार, दही, लस्सी, मिर्च, मैदा, गोभी और उड़द दाल का सेवन कम करें। गर्म प्रकृति की चीजों से भी परहेज करें। मांसाहार, जंक फूड और पैक्ड खाद्य पदार्थों से दूर रहें। सॉफ्ट ड्रिंक्स का उपयोग न करें और नमक, मूली और मांस-मछली के साथ दूध का सेवन न करें।
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