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मशहूर रॉक बैंड जंकयार्ड के प्रमुख गायक डेविड रोच का 59 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। वे स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा नामक एक खतरनाक कैंसर से पीड़ित थे, जो सिर, गले और मुँह को प्रभावित करता है। शुरुआत में डेविड ने केवल बुखार और खांसी के बारे में डॉक्टरों से सलाह ली थी। उन्हें लगा कि यह एक साधारण संक्रमण है। लेकिन जब उनकी जाँच हुई, तो पता चला कि यह कैंसर था, और वह भी बहुत खतरनाक स्तर पर। यह कैंसर बहुत तेज़ी से फैला। कुछ ही हफ़्तों में डेविड की हालत बिगड़ गई। दुर्भाग्य से, डेविड अपनी शादी के दो हफ़्ते बाद ही इस बीमारी के कारण इस दुनिया को छोड़ गए।
चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार के कैंसर के शुरुआती लक्षण बहुत सामान्य लगते हैं। इसलिए लोग अक्सर इन्हें नज़रअंदाज़ कर देते हैं। यही वजह है कि ज़्यादातर मामलों का पता तब चलता है जब इलाज मुश्किल हो जाता है। भारत में मुँह के कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। यह हमारे देश में सबसे आम प्रकार के कैंसर में से एक है।
डॉक्टरों ने क्या कहा?
लंदन के चेल्सी-वेस्टमिंस्टर अस्पताल के एक त्वचा विशेषज्ञ ने बताया कि स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा आमतौर पर त्वचा पर होता है। अक्सर यह धूप या एचपीवी वायरस के कारण विकसित होता है। लेकिन यह गले, मुँह और फेफड़ों में भी हो सकता है। कैंसर के लक्षणों की बात करें तो त्वचा पर दर्द, निगलने में कठिनाई, गले में गांठ और मुँह से खून आना शामिल हैं। अगर आपको ये लक्षण तीन हफ़्तों से ज़्यादा समय तक महसूस हों, तो चिकित्सा विशेषज्ञ तुरंत डॉक्टर से सलाह लेने और जाँच करवाने की सलाह देते हैं।
मुँह के कैंसर के 7 मुख्य लक्षण:
मुँह या जीभ में घाव या छाले जो तीन हफ़्तों में ठीक नहीं होते।
जीभ या गालों पर लाल या सफेद धब्बे।
होंठ या मसूड़ों पर गांठ जो ठीक नहीं होती।
गले में लगातार खराश या आवाज़ में बदलाव।
निगलने में कठिनाई या गले में खराश।
खून की खांसी।
साँसों से लगातार दुर्गंध आना।
अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण लंबे समय तक दिखाई दे, तो उसे नज़रअंदाज़ न करें।
यह कैंसर क्यों होता है?
विशेषज्ञों के अनुसार, तंबाकू और धूम्रपान इसके सबसे बड़े कारण हैं। इसके साथ ही, अत्यधिक शराब का सेवन, एचपीवी वायरस का संक्रमण और खराब मौखिक स्वच्छता भी इसके मुख्य कारण हैं। मैकमिलन कैंसर सपोर्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, धूम्रपान और शराब मिलकर इस बीमारी के खतरे को कई गुना बढ़ा देते हैं। ब्रिटेन में हर साल लगभग 13,000 लोग इस बीमारी से संक्रमित होते हैं। भारत में भी इसके मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं।
खुद को कैसे सुरक्षित रखें?
तंबाकू और शराब से दूर रहें।
मौखिक स्वच्छता पर ध्यान दें।
नियमित रूप से दंत जाँच करवाएँ।
एचपीवी वैक्सीन लगवाने पर विचार करें।
अगर कोई भी लक्षण लंबे समय तक बना रहे, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। याद रखें, कैंसर का जितनी जल्दी पता चलेगा, इलाज उतना ही आसान होगा।
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