राजस्थान के अलवर में भानगढ़ नाम का एक भूतिया किला है। इसे देश-दुनिया की सबसे भूतिया जगह कहा जाता है। कहा जाता है कि एक तांत्रिक के श्राप के बाद पूरा किला और उसका शहर 3 घंटे में ही नष्ट हो गया था। भानगढ़ किले के आसपास एक बड़ा व्यापारिक शहर था। रात के समय यह जगह पूरी तरह खाली हो जाती है। इंसान तो छोड़िए, यहां पशु-पक्षी भी नहीं रहते। यहां कई बार सर्वे किए गए। इस दौरान नकारात्मक संकेत मिले। कुछ लोगों ने छिपकर इस रहस्य को जानने की कोशिश की। फिर उनके साथ कुछ ऐसा हुआ।
माधव सिंह ने बनवाया था किला
17वीं शताब्दी में माधव सिंह ने अपने छोटे बेटे मान सिंह के लिए अलवर जिले के सरिस्का जंगल के पास अरावली की घाटियों के बीच भानगढ़ किले का निर्माण करवाया था। भानगढ़ किले के साथ-साथ यहां 1720 तक 9000 से ज्यादा घर थे। किले के आसपास पूरा शहर बसा हुआ था और यह शहर एक बड़ा व्यापारिक शहर था। लेकिन आज इसे भूतों का किला कहा जाता है। इस जगह पर कोई इमारत नहीं है। सबकुछ टूटा-फूटा है। यहां मंदिर तो हैं लेकिन उनमें मूर्तियां नहीं हैं। बाजार में दुकानें तो हैं लेकिन उनकी छत नहीं है।
जानकारों ने बताया कि राजकुमारी रत्नावती बेहद खूबसूरत थीं और काले जादू में माहिर थीं। एक तांत्रिक जादूगर राजकुमारी पर मोहित हो गया। एक दिन राजकुमारी की सहेलियां इत्र खरीदने बाजार गईं। जैसे ही तांत्रिक को इस बात का पता चला, उसने इत्र की बोतल पर जादू कर दिया। जैसे ही राजकुमारी की सहेलियों ने उसे इत्र की बोतल दी, राजकुमारी को भी पता चल गया कि इस पर जादू है।
राजकुमारी ने इत्र की बोतल एक पत्थर पर फेंकी और पत्थर उछलकर जादूगर और तांत्रिक के सिर पर लगा। इससे तांत्रिक की मौत हो गई। लेकिन उसे मारने से पहले तांत्रिक ने राजकुमारी और पूरे किले को श्राप दे दिया। उसके श्राप के बाद 3 घंटे में पूरा शहर तबाह हो गया और वहां रहने वाले लाखों लोग मर गए। तब से इस जगह पर रात में कोई नहीं रुकता। यह जगह पूरी तरह से खाली हो चुकी है। यहां जानवर और पक्षी भी नहीं रुकते। सूर्यास्त के बाद पर्यटकों को भी इस किले में जाने की अनुमति नहीं है। ऐसा माना जाता है कि इस किले में और इसके आसपास अप्राकृतिक गतिविधियां होती हैं। किले में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा के कारण लोगों में डर का माहौल है। किले से चीखने-चिल्लाने और चूड़ियां टूटने की आवाजें आती हैं। कई बार विशेष उपकरणों से किले में सर्वेक्षण किया गया। उस दौरान भी नकारात्मक ऊर्जा पाई गई। इसलिए कुछ लोगों ने छुपकर रहस्य जानने की कोशिश की। बाद में उन लोगों के साथ दुर्घटनाएं हुईं।
एनसीआर में सबसे अच्छा पर्यटन स्थल
भानगढ़ किला जयपुर और दिल्ली के करीब है। ऐसे में यहां हर दिन हजारों पर्यटक घूमने आते हैं। दिन में यहां मेले जैसा माहौल रहता है। राजस्थान के अलावा उत्तर प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पश्चिम बंगाल समेत देश के अलग-अलग राज्यों और शहरों से लोग यहां भूतहा जगह को देखने और इसकी कहानी जानने आते हैं।
रात में लोगों को प्रवेश की अनुमति नहीं
शाम होते ही किले के गेट बंद कर दिए जाते हैं। यहां हथियारबंद सुरक्षा गार्ड तैनात रहते हैं। रात के समय यहां किसी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं है। किले के गेट पर हनुमान जी का एक प्राचीन मंदिर है। स्थानीय लोगों ने बताया कि कई बार लोगों ने इस किले के रहस्य को चुनौती देते हुए किले में प्रवेश करने का प्रयास किया। किले से लौटने के बाद उनके साथ कोई अप्रिय घटना घट जाती है।
सब कुछ टूटा हुआ है
400 साल पुराने इस भूतहा किले में मौजूद महल के बारे में कहा जाता है कि यह एक रहस्य है। यहां मंदिर तो हैं लेकिन इसमें भगवान की कोई मूर्ति नहीं है। बाजार में दुकानें हैं। लेकिन दुकानों की छत नहीं है। घर टूटे हुए हैं, दीवारें टेढ़ी हैं। ऐसे में यहां सब कुछ टूटा हुआ है। किले के चारों ओर एक पूरा शहर बसा हुआ है और उसके अवशेष यहां मौजूद हैं। लोग इससे जुड़ी सैकड़ों कहानियां सुनाते हैं।
भानगढ़ किले तक कैसे पहुंचें
भानगढ़ का किला अलवर जिले में मौजूद है। यहां टैक्स की मदद से पहुंचा जा सकता है। यह किला दिल्ली से 280 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसलिए जयपुर से यहां सिर्फ 2 घंटे में पहुंचा जा सकता है। अलवर ट्रेन और सड़क मार्ग से सीधा जुड़ा हुआ है। इसलिए यहां बस या ट्रेन की मदद से पहुंचा जा सकता है।
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