समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान 23 महीने बाद जेल से रिहा हो गए हैं। उन्हें उत्तर प्रदेश की सीतापुर जेल से रिहा कर दिया गया है। आजम खान के खिलाफ दर्ज 72 मामलों में सीतापुर जेल को रिहाई के आदेश मिले थे। कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया है। जेल से बाहर आने के बाद उन्हें लेने के लिए समर्थकों की भारी भीड़ सीतापुर जेल के बाहर पहुँची है।
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आजम खान की रिहाई का रास्ता साफ, कल सुबह होगी रिहाई
- सीतापुर जेल से आजम खान को लेने बाहर आईं समाजवादी पार्टी की सांसद रुचि वीरा को पुलिस ने रोक लिया है। रुचि वीरा अपने काफिले के साथ सीतापुर जेल जा रही थीं। रास्ते में पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर उनके काफिले को रोक लिया।
- पुराने मामले भी आजम खान की रिहाई में देरी का कारण बन रहे हैं। बताया जा रहा है कि रिहाई बांड का जुर्माना अभी तक जमा नहीं किया गया है। इसके लिए पहले बांड भरना होगा और उसके बाद रिहाई बांड जेल प्रशासन को भेजा जाएगा। यह प्रक्रिया अदालत खुलने के बाद ही पूरी हो सकेगी, इसलिए आजम खान की रिहाई तभी संभव होगी जब मुचलका भरा जाएगा और उन्हें जेल भेजा जाएगा।
- जानकारी सामने आ रही है कि आजम खान की रिहाई में कुछ देरी हो सकती है। रिहाई मुचलका भरते समय गलत पता होने के कारण प्रक्रिया में बाधा आई है। अब इसमें सुधार के बाद मुचलका भरा जाएगा, उसके बाद ही रिहाई संभव होगी।
हाल ही में, एमपी-एमएलए सत्र न्यायालय ने आजम खान के 19 मामलों में रिहाई वारंट जारी किए थे। इससे पहले, 'क्वालिटी बार मामला' सहित 53 अन्य मामलों में भी रिहाई वारंट जारी किए गए थे, जिससे कुल मामलों की संख्या 72 हो गई है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय से ज़मानत
डूंगरपुर मामले में आजम खान को 10 साल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन इस मामले में उन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय से ज़मानत मिल गई है। उच्च न्यायालय के आदेश और 19 मामलों में उनकी ओर से एमपी-एमएलए सत्र न्यायालय में ज़मानत दाखिल की गई थी। अदालत ने जमानतदारों के सत्यापन के आदेश दिए थे, जिसकी रिपोर्ट पुलिस और राजस्व प्रशासन ने सोमवार को अदालत में पेश की।
सोमवार शाम को लूट, डकैती और धोखाधड़ी से जुड़े 19 मामलों में रिहाई वारंट भी जारी किए गए, जिसके बाद सभी 72 मामलों को मंजूरी दे दी गई है। समाजवादी पार्टी समर्थकों ने आजम खान की रिहाई के लिए उल्टी गिनती शुरू कर दी है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के रामपुर से जुड़ा आजम खान का चर्चित क्वालिटी बार मामला लंबे समय से विवादों में रहा है। आरोप है कि 2013 में मंत्री रहते हुए उन्होंने सिविल लाइंस इलाके में स्थित क्वालिटी बार की जमीन अवैध रूप से अपनी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम के नाम कर दी थी।
2019 में मालिक गगन अरोड़ा की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई और परिवार को आरोपी बनाया गया। 2024 में आजम को मुख्य आरोपी घोषित किया गया। मई 2025 में एमपी-एमएलए कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज कर दी, लेकिन सितंबर 2025 में उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत मिल गई। तब से वह सीतापुर जेल में बंद है।
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