भारतीय सनातन परंपरा में भगवान हनुमान को संकटमोचक, अजेय वीर, परम भक्त और रक्षक देवता माना गया है। हनुमान जी के कई स्वरूप हैं, लेकिन इन सबमें पंचमुखी हनुमान का रूप विशेष रूप से शक्तिशाली और रहस्यमयी माना जाता है। पंचमुखी हनुमान यानी पांच मुखों वाले हनुमान जी की पूजा विशेष रूप से तंत्र-मंत्र बाधाओं, नकारात्मक ऊर्जा और गुप्त शत्रुओं से रक्षा के लिए की जाती है।
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या पंचमुखी हनुमान जी की तस्वीर या मूर्ति को घर में रखना शुभ होता है? क्या इसके कुछ विशेष ज्योतिषीय नियम होते हैं? आइए जानते हैं ज्योतिष शास्त्र और धार्मिक दृष्टिकोण से इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी।
पंचमुखी हनुमान का स्वरूपपंचमुखी हनुमान जी के इस दिव्य स्वरूप में उनके पांच मुख होते हैं—
पूर्व दिशा – हनुमान जी का मुख (स्वयं) – भय से रक्षा करता है
दक्षिण दिशा – नृसिंह मुख – शत्रुनाशक और प्रेत बाधा निवारण
पश्चिम दिशा – गरुड़ मुख – नाग दोष और विष निवारण
उत्तर दिशा – वाराह मुख – रोग, दरिद्रता और असुर बाधा से मुक्ति
ऊर्ध्व दिशा – हयग्रीव मुख – ज्ञान, बुद्धि और शांति प्रदाता
यह रूप विशेष रूप से रक्षा, शक्ति, और साधनाओं में सफलता के लिए पूजा जाता है।
क्या घर में रखना सही है?ज्योतिषाचार्यों और वास्तु विशेषज्ञों की मानें तो पंचमुखी हनुमान जी की तस्वीर या मूर्ति घर में रखना शुभ होता है यदि सही दिशा और नियमों का पालन किया जाए। यह घर को नकारात्मक ऊर्जा, शत्रु बाधा, और बुरी नजर से सुरक्षित रखने में मदद करता है।
घर में पंचमुखी हनुमान रखने के नियम:दिशा का ध्यान रखें:
पंचमुखी हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर को दक्षिण दिशा की ओर मुख करके लगाना सबसे उत्तम होता है।
इससे घर में रक्षा ऊर्जा सक्रिय होती है।
मूर्ति का आकार:
घर में बहुत बड़ी मूर्ति न रखें। एक मध्यम या छोटी प्रतिमा ही उपयुक्त होती है। अधिक भारी मूर्ति मंदिरों के लिए होती है।
मूर्ति या चित्र का स्वरूप स्पष्ट हो:
सभी मुख स्पष्ट दिखने चाहिए। अस्पष्ट या धुंधले चित्र नहीं लगाने चाहिए।
नियमित पूजा करें:
पंचमुखी हनुमान की पूजा नियमित रूप से करनी चाहिए। सिंदूर, चंदन, धूप-दीप और तुलसी पत्र अर्पण करें।
सोने के कमरे में न रखें:
पंचमुखी हनुमान का स्वरूप बहुत शक्तिशाली होता है। इसे शयनकक्ष (bedroom) में नहीं रखना चाहिए। पूजा कक्ष या ड्राइंग रूम में लगाएं।
गंदे स्थान से दूर रखें:
रसोईघर, बाथरूम या कूड़ेदान के पास इस प्रकार की मूर्ति या तस्वीर नहीं होनी चाहिए।
जिन लोगों की कुंडली में मंगल दोष, कालसर्प योग या शनि की साढ़ेसाती चल रही हो, उन्हें पंचमुखी हनुमान जी की विशेष पूजा से लाभ होता है। लेकिन जो पूजा या ध्यान नहीं कर सकते, उनके लिए इसे रखने से अपेक्षित फल नहीं मिल पाते। ऐसे में सिर्फ साधारण हनुमान जी की तस्वीर या चालीसा पाठ करना ज्यादा बेहतर होता है।
निष्कर्षघर में पंचमुखी हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर रखना निश्चित रूप से शुभ होता है, यदि दिशा, स्थान और नियमों का ध्यान रखा जाए। यह न केवल घर की सुरक्षा करता है, बल्कि आत्मबल, साहस और मनोबल में वृद्धि करता है। यदि आप जीवन में शत्रु बाधा, भय, असुरक्षा या नकारात्मकता से जूझ रहे हैं, तो पंचमुखी हनुमान जी का स्मरण और पूजन आपके लिए बेहद लाभकारी साबित हो सकता है।
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