मोमोज का इतिहास… मोमोज नेपाल का है, चीन का या तिब्बत का, इसको लेकर बार-बार सवाल उठता रहा है. नेपाल के रेस्तरां और टूरिज्म इंडस्ट्री में इसकी नेपाली उत्पत्ति को लेकर दावा किया जाता है. लेकिन सवाल उठता है कि इतिहास किस देश पर मुहर लगाता है. वर्तमान में मोमोज की सैकड़ों वैरायटी हैं. स्टीम प्रॉसेस से शुरू हुआ यह फूड अब फ्राइड और तंदूरी मोमोज के रूप में भी मिल रहा है. अब सवाल है कि मोमोज आखिर किस देश में जन्मा और भारत कैसे पहुंचा. (फोटो: Pixabay/Unsplash)
भारत कब और कैसे पहुंचा… 1960 के दशक में मोमोज के भारत पहुंचने की शुरुआत हुई क्योंकि इसी दौर बड़ी संख्या में तिब्बती लोग भारत पहुंचे और अलग-अलग हिस्सों में बसने लगे. इसमें लद्दाख, दार्जिलिंग, धर्मशाला, सिक्किम और दिल्ली शामिल रहा. यही वजह है कि इन जगहों पर मोमोज की बड़ी वैरायटी के साथ ऑथेंटिक टेस्ट भी मिलता है. (फोटो: Pixabay/Unsplash)
यह भी दावा किया जाता है… दावा यह भी किया जाता है कि काठमांडु का एक व्यापारी अपनी यात्राओं के दौरान तिब्बत से मोमोज की रेसिपी को भारत लाया था. धीरे-धीरे इसकी लोकप्रियता देश के अलग-अलग हिस्सों में फैली और लोगों को पसंदीदा फूड बन गया. पश्चिम बंगाल, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और असम में मोमोज़ की विभिन्न किस्में पसंद की जाती हैं. दिलचस्प बात यह है कि ये सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के स्थानीय व्यंजनों में शामिल है. (फोटो: Pixabay/Unsplash)
कहां हुआ मोमोज का जन्म…इतिहासकार मानते हैं, मोमोज की उत्पत्ति तिब्बत में हुई. यहीं सबसे पहले मोमोज बनाए गए. यहां का मौसम ठंडा होने के कारण स्टीम्ड खाने का चलन शुरू हुआ. इस तरह से बनाए गए फूड लम्बे समय तक गर्म और सुरक्षित रहता था.तिब्बती भाषा में मोमोज का मतलब होता है भाप में पकी हुई ब्रेड या डंपलिंग. (फोटो: Pixabay/Unsplash)
क्या चीन से प्रेरित है… कुछ इतिहासकार मानते हैं, मोमोज बनाने की प्रेरणा चीनी डंपलिंग डिश जियाओज़ी और बाओज़ी से मिली है. यह रेसिपी तिब्बत तक पहुंची और स्थानीय स्वाद के मुताबिक बदली. इस तरह मोमोज तैयार हुआ. यह तिब्बत और नेपाल से होते हुए पड़ोसी देशों तक पहुंचा. नेपाल में इसे स्थानीय मसालों और चटनी के साथ परोसने की परंपरा शुरू हुई. (फोटो: Pixabay/Unsplash)
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