– भारत को सशक्त, सुरक्षित, आत्मनिर्भर और विकसित बनाने के लिए क्षमताओं के विकास पर जोर
नई दिल्ली, 26 अगस्त (Udaipur Kiran) । चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने भविष्य के युद्धों में जीत सुनिश्चित करने के लिए सभी क्षेत्रों में त्वरित और निर्णायक संयुक्त प्रतिक्रिया का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि भविष्य के युद्ध सीमाओं को नहीं पहचानेंगे। मजबूत नागरिक सैन्य एकीकरण के लिए सीडीएस ने भविष्य के युद्धों में विजय प्राप्त करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में क्षमताओं के विकास पर जोर दिया।
जनरल अनिल चौहान मंगलवार को मध्य प्रदेश के डॉ. अंबेडकर नगर स्थित आर्मी वॉर कॉलेज में ‘युद्ध पर प्रौद्योगिकी का प्रभाव’ विषय पर युद्ध, युद्ध कला और युद्ध संचालन पर अपनी तरह के पहले त्रि-सेवा सेमिनार ‘रण संवाद’ में मुख्य भाषण दे रहे थे। दो दिवसीय संगोष्ठी में सेवारत सैन्य पेशेवरों को रणनीतिक संवाद के अग्रभाग में लाया जाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 27 अगस्त को दूसरे और अंतिम दिन पूर्ण सत्र को संबोधित करेंगे। इस दौरान कुछ संयुक्त सिद्धांत और प्रौद्योगिकी परिप्रेक्ष्य एवं क्षमता रोडमैप भी जारी किए जाएंगे। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और एकीकृत लॉजिस्टिक को आगामी युद्धों में विजयी होने की कुंजी बताते हुए सीडीएस ने दोहराया कि ‘संयुक्तता’ भारत के परिवर्तन का आधार है।
उन्होंने संयुक्त प्रशिक्षण को संस्थागत बनाने और परिचालन क्षमता बढ़ाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर और क्वांटम जैसी निरंतर विकसित हो रही तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। मजबूत नागरिक सैन्य एकीकरण के लिए सीडीएस ने भविष्य के युद्धों में विजय प्राप्त करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में क्षमताओं के विकास पर जोर दिया। भविष्य के युद्धों में विजय प्राप्त करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में क्षमताओं का विकास आवश्यक है।
जनरल चौहान ने कौटिल्य का हवाला देते हुए कहा कि भारत प्राचीन काल से ही विचारों और ज्ञान का स्रोत रहा है। युद्ध, नेतृत्व, प्रेरणा, मनोबल और तकनीक के विभिन्न आयामों पर गंभीर शोध किए जाने की आवश्यकता है। भारत को सशक्त, सुरक्षित, आत्मनिर्भर और विकसित बनना होगा और यह तभी संभव है, जब सभी हितधारक भविष्य के लिए तैयार सेनाओं के निर्माण में सामूहिक रूप से भाग लें। सीडीएस ने बताया कि रण संवाद का उद्देश्य वास्तविक अभ्यासकर्ताओं के लिए एक मंच तैयार करना है, ताकि एक ऐसा वातावरण तैयार किया जा सके, जहां नए विचारों के बीच सामंजस्य और सद्भाव, सैन्य-कर्मियों के अनुभव के साथ सह अस्तित्व में रह सके।
(Udaipur Kiran) निगम
You may also like
अनूपपुर: जीतू पटवारी की टिप्पणी उनकी छोटी मानसिकता को दर्शाती है – हीरा सिंह श्याम
हिमाचल के राज्यपाल शिवप्रताप शुक्ल ने यूपी विधानसभा का किया भ्रमण
छात्रसंघ चुनाव न कराने की जिम्मेदारी संस्थानों पर डाली राज्य सरकार ने
हाथीगांव में ड्रग्स बरामद, एक गिरफ्तार
सरकारी अस्पतालों में सौ प्रतिशत आवश्यक दवाएं उपलब्ध होंगी : सिंघल