New Delhi, 7 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . सड़क, हवा और समुद्री रास्ते से ट्रांसपोर्टशन सर्विसेज मुहैया कराने वाली लॉजिस्टिक्स सॉल्यूशंस कंपनी ग्लोटिस के शेयरों ने आज स्टॉक मार्केट में जबरदस्त गिरावट के साथ एंट्री करके अपने आईपीओ निवेशकों को निराश कर दिया. आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 129 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे. आज बीएसई पर इसकी लिस्टिंग करीब 34 प्रतिशत डिस्काउंट के साथ 88 रुपये के स्तर पर और एनएसई पर 84 रुपये के स्तर पर हुई. हालांकि लिस्टिंग के बाद लिवाली के सपोर्ट से इस शेयर की चाल में थोड़ी तेजी भी आई. सुबह 10:30 बजे तक का कारोबार होने के बाद कंपनी के शेयर 89.35 रुपये के स्तर पर कारोबार कर रहे थे. इस तरह लिवाली होने के बावजूद अभी तक के कारोबार में कंपनी के आईपीओ निवेशकों को 30.74 प्रतिशत का नुकसान हो चुका है.
ग्लोटिस का 307 करोड़ रुपये का आईपीओ 29 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था. इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से एवरेज रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 2.12 गुना सब्सक्राइब हुआ था. इनमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए रिजर्व पोर्शन 1.84 गुना सब्सक्राइब हुआ था. वहीं, नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एनआईआई) के लिए रिजर्व पोर्शन में 3.08 गुना सब्सक्रिप्शन आया था. इसी तरह रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 1.47 गुना सब्सक्राइब हो सका था. इस आईपीओ के तहत 160 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए गए हैं. इसके अलावा 2 रुपये फेस वैल्यू वाले 1,13,95,640 शेयर ऑफर फॉर सेल विंडो के जरिये बेचे गए हैं. आईपीओ में नए शेयरों की बिक्री के जरिये जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी कॉमर्शियल गाड़ियों और कंटेनर्स की खरीदारी करने वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी.
कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है. वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 22.44 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 30.96 करोड़ रुपये और 2024-25 में उछल कर 56.14 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया. इस दौरान कंपनी की आय 40 प्रतिशत वार्षिक से अधिक की चक्रवृद्धि दर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ कर 942.55 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया.
इस दौरान कंपनी पर कर्ज के बोझ में उतार-चढ़ाव होता रहा. वित्त वर्ष 2022-23 के आखिर में कंपनी का कर्ज 30.61 करोड़ रुपये था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिर में कम होकर 8.08 करोड़ रुपये हो गया. वहीं, वित्त वर्ष 2024-25 के आखिर में कंपनी का कर्ज बढ़ कर 22.14 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया.
कंपनी के रिजर्व और सरप्लस की बात करें, तो वित्त वर्ष 2022-23 के आखिरी में ये 10.52 करोड़ रुपये के स्तर पर था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिरी में बढ़ कर 41.35 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 के आखिरी में उछल कर 82.53 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया.
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(Udaipur Kiran) / योगिता पाठक
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