श्रीनगर, 3 मई . जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (जेकेएनसी) के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के बयानों को महत्व देने से इनकार करते हुए कहा कि अगर भुट्टो की टिप्पणियों पर ध्यान दिया गया तो देश आगे नहीं बढ़ सकता है.
अब्दुल्ला ने श्रीनगर में संवाददाताओं से कहा कि अगर हम बिलावल भुट्टो के बयानों पर गौर करें तो हम आगे नहीं बढ़ सकते हैं. मैं लंबे समय से कह रहा हूं कि सिंधु जल संधि की फिर से समीक्षा की जानी चाहिए. हमारी नदियां और हम ही वंचित हैं. पहलगाम में हुए घातक आतंकवादी हमले को लेकर बढ़े तनाव और सुरक्षा चिंताओं ने दोनों पक्षों की ओर से कूटनीतिक प्रतिक्रियाएं आमंत्रित की हैं. इस हमले में 26 लोग मारे गए थे और कई घायल हुए थे. अब्दुल्ला की यह टिप्पणी पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो द्वारा अपने देश के आतंकवादी गुंडों के साथ संबंधों को स्वीकार करने के बाद आई है.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का अतीत रहा है. रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने आतंकवादी समूहों को समर्थन और वित्त पोषण में पाकिस्तान की संलिप्तता को स्वीकार किया है. भुट्टो ने पाकिस्तान के इतिहास में चरमपंथ को स्वीकार करते हुए दावा किया कि इसके परिणामस्वरूप राष्ट्र को नुकसान उठाना पड़ा है और उसके बाद से इसमें सुधार हुआ है.
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष भुट्टो को विवादास्पद बयान या तो पानी बहेगा या खून के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था जिसमें उन्होंने सिंधु जल संधि के निलंबन पर भारत को धमकी दी थी जिसके तहत पश्चिमी नदियां (सिंधु, झेलम, चिनाब) पाकिस्तान को और पूर्वी नदियां (रावी, ब्यास, सतलुज) भारत को आवंटित की गई हैं.
/ बलवान सिंह
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