पोरबंदर, 14 अप्रैल . पोरबंदर के अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) के समीप गुजरात एटीएस और भारतीय कोस्ट गार्ड (आईसीजी) की संयुक्त कार्रवाई में 1800 करोड़ रुपये की 300 किलो ड्रग्स बरामद की गई है. पाकिस्तान की फिशिंग बोट से गुजरात के समुद्र तट तक लाने के बाद ड्रग्स की यह खेप तमिलनाडु भेजने की तैयारी थी. बरामद ड्रग्स प्रतिबंधित सामग्री मेथमफेटामाइन बताई जा रही है. बरामद ड्रग काे आगे की जांच के लिए आईसीजी के जहाज से पोरबंदर लाया गया है.
गुजरात एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) के डीआईजी सुनील जोशी ने सोमवार को अहमदाबाद में बताया कि एटीएस को गोपनीय जानकारी मिली थी कि पाकिस्तान का फीदा नामक ड्रग माफिया 400 किलो अवैध मादक पदार्थ पाकिस्तान की फिशिंग बोट में भरकर गुजरात भेजने वाला है. सूचना के मुताबिक़ यह फिशिंग बोट 12 अप्रैल की शाम 8 बजे से 13 अप्रैल की सुबह 4 बजे के बीच पोरबंदर से 190 किलोमीटर दूर अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) के समीप समुद्र के किनारे तक आनी थी. सूचना में यह भी बताया गया था कि इस खेप को यहां से तमिलनाडु भेजा जाना है. डीआईजी जोशी ने बताया कि इस जानकारी के बाद एटीएस ने कोस्ट गार्ड के अधिकारियों से संपर्क किया और समुद्र में ऑपरेशन चलाने के लिए मदद मांगी.
कोस्ट गार्ड के कमांडर अमित उनियाल ने बताया कि गुजरात एटीएस से जानकारी मिलने के बाद ऑपरेशन की तैयारी की गई. इनपुट के आधार पर तटरक्षक क्षेत्र (पश्चिम) से एक आईसीजी जहाज को अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) की ओर भेजा गया. यह जहाज उत्तर महाराष्ट्र-दक्षिण गुजरात क्षेत्र में बहु-मिशन तैनाती पर तैनात था. आईसीजी जहाज ने रात के अंधेरे के बावजूद एक संदिग्ध नाव की पहचान की. आईसीजी जहाज के निकट आने का एहसास होने पर संदिग्ध नाव ने आईएमबीएल की ओर भागने से पहले अपने मादक पदार्थों की खेप को समुद्र में फेंकना शुरू कर दिया.
उन्होंने बताया कि सतर्क आईसीजी जहाज ने संदिग्ध नाव का पीछा करते हुए फेंकी गई खेप को बरामद करने के लिए तुरंत अपनी समुद्री नाव तैनात की और आईएमबीएल पार करने से पहले उसे रोक लिया. इस बीच, समुद्री नाव में आईसीजी टीम ने कठिन रात की परिस्थितियों में गहन तलाशी के बाद समुद्र में फेंकी गई बड़ी मात्रा में मादक पदार्थ बरामद किया. कोस्ट गार्ड को 311 पैकेट में 311 किलो नशीला पदार्थ मिला, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में 1800 करोड़ रुपये कीमत आंकी गई. गुजरात एटीएस ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर आगे की जांच शुरू की है. बरामद ड्रग्स प्रतिबंधित सामग्री मेथमफेटामाइन बताई जा रही है. बरामद ड्रग काे आगे की जांच के लिए आईसीजी जहाज से पोरबंदर लाया गया है. इसे आगे की जांच के लिए एटीएस को भेज दिया गया है.
गुजरात में इस ड्रग बरामदगी को लेकर राज्य के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी और आईसीजी ने सोशल साइट पर भी उक्त जानकारी साझा की है. संदिग्ध नाव से 1800 करोड़ रुपये की ड्रग्स बरामदगी को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ी उपलब्धि बताते हुए गुजरात एटीएस और भारतीय तटरक्षक बल की सराहना की है.
इस मामले में कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोषी ने कहा है कि गुजरात ड्रग्स के लिए प्रवेश द्वार बन गया है. गुजरात का युवाओं का धन इससे बर्बाद हो रहा है. उन्होंने कहा कि ड्रग्स के कारखाने गुजरात में पकड़े गए हैं. करोड़ों रुपये के ड्रग्स मामले में अज्ञात लोगों पर आरोप मढ़ा जाता है, लेकिन इसके मास्टरमाइंड नहीं पकड़े जाते हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस बात का पता क्यों नहीं लगाती कि निजी बंदरगाहों पर कैसे ड्रग्स पहुंच जा रहे हैं. ड्रग्स सिंडिकेट का नेतृत्व कौन कर रहा है, इसका पता क्यों नहीं लगाया जाता है. उन्होंने कहा कि गुजरात एटीएस ने वर्ष 2018 से अभी तक समुद्री मार्ग से ड्रग्स लाने के अलग-अलग मामलों में 10 हजार करोड़ रुपये का 5400 किलो ड्रग्स बरामद की है. इन मामलों में 77 पाकिस्तानी, 34 ईरानी, 2 नाइजीरियन नागरिक पकड़े गए हैं.——————————–
/ बिनोद पाण्डेय
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