जयपुर, 12 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . Indian जनता पार्टी Haryana प्रभारी एवं Rajasthan के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनियां की पुस्तक ‘अग्निपथ नहीं जनपथ : संवाद से संघर्ष तक’ का Saturday को Punjab के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया के मुख्य आतिथ्य में जयपुर के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में लोकार्पण हुआ. कार्यक्रम में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़, पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली तथा भीलवाड़ा जिला प्रमुख बरजी बाई भील विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे. आयोजन Rajasthan साहित्य अकादमी, उदयपुर और वेरा प्रकाशन, जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में हुआ.
राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने पुस्तक का विमोचन करते हुए कहा कि डॉ. पूनियां ने इस कृति के माध्यम से लोकतंत्र की कार्यप्रणाली को गहराई से समझाया है. उन्होंने कहा कि इस पुस्तक से मुझे भी लेखन की प्रेरणा मिली है. इसमें विधानसभा की प्रक्रिया, नेता प्रतिपक्ष की भूमिका और स्पीकर की जिम्मेदारियों को सरल भाषा में प्रस्तुत किया गया है, जो राजनीति से जुड़े युवाओं के लिए अमूल्य मार्गदर्शक सिद्ध होगी.
कटारिया ने कहा कि राजनीति में विचारधाराएं भिन्न हो सकती हैं, परंतु जब बात देश और जनहित की हो तो सभी एक मंच पर खड़े होते हैं यही लोकतंत्र की सुंदरता है. उन्होंने कहा कि सतीश पूनियां ने विद्यार्थी परिषद से लेकर भाजपा संगठन तक लगातार मेहनत की है. राजनीति में हार-जीत नहीं, बल्कि जनसेवा की भावना ही स्थायी पहचान बनाती है.
राज्यपाल ने भैरोसिंह शेखावत को याद करते हुए कहा कि वे सिखाते थे. Rajasthan को जानना है तो सदन में बैठो. आज यह दुर्भाग्य है कि सदन से अधिक चर्चा तबादलों पर होती है. उन्होंने कहा कि जो अग्निपथ से गुजरता है, वही जनपथ को समझता है.
पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि अग्निपथ पर तपे बिना जनपथ नहीं मिलता. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका सर्वोत्तम उदाहरण हैं, जिन्होंने संघर्ष से शीर्ष तक पहुंचने का मार्ग प्रशस्त किया. राठौड़ ने कहा कि विद्यार्थी परिषद से लेकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष तक सतीश पूनियां के राजनीतिक जीवन का हर चरण संवाद और संघर्ष का प्रतीक रहा है. उन्होंने कहा कि सतीश पूनियां ने जिन जनमुद्दों को सड़क पर संघर्ष कर उठाया, उन्हीं की नींव पर आज Rajasthan में भाजपा की सरकार खड़ी है. यह पुस्तक राजनीति के विद्यार्थियों के लिए प्रेरणास्रोत साबित होगी.
इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने अपने संबोधन में कहा कि विधानसभा में पूनियां, राजेंद्र राठौड़, गुलाबचंद कटारिया और घनश्याम तिवाड़ी जैसे नेताओं से उन्होंने बहुत कुछ सीखा है. उन्होंने कहा कि सतीश पूनियां एक सभ्य, मर्यादित और विचारशील राजनेता हैं, जो लोकतंत्र की गरिमा को भलीभांति समझते हैं. जूली ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि Haryana प्रभारी बनने के बाद पूनियां में Haryana की मस्तमौला झलक दिखने लगी है. उन्होंने मजाकिया लहजे में जोड़ा कि मैं यह जानने आया हूं कि कांग्रेस Haryana में हारी कैसे, जबकि सब कह रहे थे कि हम जीत रहे हैं.
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया राजनीति के आदर्श हैं और डॉ पूनियां एक कुशल संगठनकर्ता. उन्होंने मुस्कराते हुए कहा कि सतीश भाई, मैंने हमेशा आपके आगे चलकर रास्ता बनाया है, आगे भी बनाता रहूंगा. इस पर सभागार में ठहाके गूंज उठे. राठौड़ ने कहा कि पूनियां की यह पुस्तक उनके लेखक व्यक्तित्व को भी उजागर करती है, जो अब तक राजनीतिक कार्यों के पीछे छिपा हुआ था.
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान के लिए आरजे कार्तिक, कवयित्री शिवांगी सिंह, एडवोकेट मनमीत सोनी, कवि दिनेश सूत्रधार और साहित्यकार नीलू शेखावत को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम का संचालन प्रो. गजादान चारण ने किया और आभार Rajasthan साहित्य अकादमी सचिव बसंत सोलंकी ने व्यक्त किया. कार्यक्रम में प्रदेशभर से जनप्रतिनिधि, पार्टी पदाधिकारी, लेखक, पत्रकार, उद्यमी, शिक्षाविद् और आमजन बड़ी संख्या में उपस्थित रहे.
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(Udaipur Kiran)
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