वाशिंगटन (अमेरिका), 10 सितंबर (Udaipur Kiran) । अमेरिका में पहली बार ट्रंप प्रशासन ने दवा कंपनियों के भ्रामक विज्ञापनों पर कानूनी शिकंजा कसा है। अमेरिका दुनिया भर के उन दो देशों में से एक है जो सीधे उपभोक्ता तक पहुंचने वाली दवाओं के विज्ञापनों की अनुमति देता है। दूसरा देश न्यूज़ीलैंड है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके माध्यम से दवा कंपनियों पर विज्ञापनों में पारदर्शिता कानूनों का पालन करने का दबाव डाला गया है। प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन इन कंपनियों को प्रतिदिन लगभग 100 चेतावनी पत्र भेजेगा।
एबीसी न्यूज की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, प्रशासनिक अधिकारियों ने मंगलवार सुबह पत्रकारों कहा कि लक्ष्य पहले से मौजूद कानूनों का इस्तेमाल करके यह सुनिश्चित करना है कि लोगों को दवाओं, खासकर संभावित जोखिम कारकों के बारे में पारदर्शी और सटीक जानकारी मिले। अधिकारियों ने उन दवाओं या उत्पादों की ओर इशारा किया जिनका प्रचार इंस्टाग्राम या टिकटॉक जैसी सोशल मीडिया साइटों पर होता है।
रिपोर्ट के अनुसार, सोशल मीडिया पर दवाओं के प्रचार पर किए गए कई अध्ययनों में पाया गया है कि अकसर दी जाने वाली जानकारी डॉक्टर से बात करने पर मिलने वाली जानकारी से कमतर होती है। 2015 के एक अध्ययन में पाया गया कि केवल एक तिहाई पोस्ट में ही दवाओं के संभावित नुकसानों का जिक्र था। एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा, भ्रामक प्रभाव पैदा करने वाले इन विज्ञापनों के बढ़ते प्रचलन, खासकर दुष्प्रभावों का उचित रूप से खुलासा न करने से व्यापक निराशा हुई है। ये विज्ञापन अब बिना उचित जानकारी के सोशल मीडिया पर छा गए हैं और ऑनलाइन फ़ार्मेसियों के विज्ञापन भी उन्हीं नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं जिनका पालन कई दवा कंपनियां करती हैं।
एक अधिकारी ने कहा कि इन नियमों को लागू करने से सोशल मीडिया पर अराजकता कम होगी और कंपनियां समान स्तर पर प्रतिस्पर्धा करेंगी। प्रशासन के अधिकारियों ने जोर देकर कहा कि यह राष्ट्रपति का सबसे साहसिक कदम है। हालांकि यह स्वास्थ्य और मानव सेवा सचिव रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर के पदभार ग्रहण करने से पहले किए गए वादे से कम है। उन्होंने कहा था कि टीवी पर दवाओं के विज्ञापनों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाना होगा। कैनेडी ने चुनाव से पहले ट्रंप की एक रैली में कहा था, मैं डोनाल्ड ट्रंप को पुरानी बीमारियों की महामारी को दूर करने के लिए टीवी पर दवाओं के विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने की सलाह दूंगा।
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(Udaipur Kiran) / मुकुंद
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