– मंत्री पटेल ने स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान अंतर्गत बीएमएचआरसी में स्वास्थ्य सेवाओं का किया अवलोकन
भोपाल, 29 सितम्बर (Udaipur Kiran News) . Madhya Pradesh के लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने Monday को बीएमएचआरसी भोपाल में स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान कार्यक्रम में प्रदान की जा रही सेवाओं का अवलोकन किया. उन्होंने बीएमएचआरसी परिसर में पौधारोपण किया और चल रहे स्वास्थ्य जांच शिविरों का निरीक्षण किया. उन्होंने मनोचिकित्सा विभाग में ईसीटी मशीन और श्वसन चिकित्सा विभाग में डीएलसीओ मशीन का लोकार्पण किया.
राज्य मंत्री पटेल ने बीएमएचआरसी की टीम की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्थान पूरी तरह मानव सेवा में समर्पित है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 तक हमें भारत को विकसित भारत बनाना है और यह तभी संभव है जब नारी सशक्त होगी. नारी सशक्त होगी तो परिवार सशक्त होगा और केवल सशक्त परिवार ही राष्ट्र को सशक्त बना सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि बीएमएचआरसी लगातार नित नए सोपानों पर पहुंच रहा है और नई मशीनों के माध्यम से मरीजों को निश्चित रूप से लाभ होगा.
राज्य मंत्री पटेल ने कहा कि भारत एस्ट्रोनॉमी और एस्ट्रोलॉजी दोनों में सदियों से अग्रणी रहा है. उन्होंने उल्लेख किया कि जो बातें बड़े अंतरराष्ट्रीय संस्थान जैसे नासा बड़े यंत्रों के माध्यम से अध्ययन कर पता लगाते हैं, वह हमारे देश के जानकार गणना करके हजारों साल पहले बता देते थे. उन्होंने कहा कि हमें अपने मूल्यों पर चलना जरूरी है. भारतवासी हर क्षेत्र में भरोसेमंद हैं और हमारे यहाँ शास्त्रार्थ, लिखने और बोलने की स्वतंत्रता हजारों वर्षों से रही है. उन्होंने अपनी छात्र जीवन की स्मृति साझा करते हुए बताया कि कॉलेज में पढ़ते समय वे संपादकीय लिखा करते थे. उन्होंने कहा कि बीएमएचआरसी निरंतर नये आयामों तक पहुँच रहा है और उन्होंने इंजीनियर के दृष्टिकोण से नई मशीनों का निरीक्षण कर प्रसन्नता व्यक्त की.
प्रभारी निदेशक डॉ. मनीषा श्रीवास्तव ने बताया कि बीएमएचआरसी मोहल्ला क्लिनिक की तर्ज पर स्वास्थ्य केंद्र सेवा प्रदान कर रहा है. जनजातीय क्षेत्रों में सिकल सेल उन्मूलन के प्रयास जारी हैं और लेटेंट टीबी की जाँच भी की जा रही है. उन्होंने कहा कि बीएमएचआरसी चिकित्सा शिक्षा में लगातार सुधार कर रहा है और नए पाठ्यक्रम जोड़ रहा है. राष्ट्रीय कार्यक्रमों जैसे सर्वाइकल कैंसर, टीबी उन्मूलन, सिकल सेल और एनीमिया उन्मूलन में भी बीएमएचआरसी सक्रिय भूमिका निभा रहा है. अस्पताल स्टेट ऑफ आर्ट डायलिसिस सेंटर का निर्माण भी कर रहा है और हमेशा प्रदेश शासन के साथ मिलकर लोककल्याण कार्यों को आगे बढ़ाता रहेगा.
उन्होंने बताया कि ईसीटी मशीन का उपयोग गंभीर मानसिक रोगों, जैसे कि डिप्रेशन, बाइपोलर डिसऑर्डर और कैटाटोनिया के इलाज में किया जाता है. इसमें मरीज के सिर पर इलेक्ट्रोड लगाकर मस्तिष्क में कुछ सेकंड के लिए विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है, जिससे छोटे दौरे (सीज़र) आते हैं और मस्तिष्क की रसायन क्रिया में बदलाव आकर लक्षणों में सुधार होता है. यह उन मरीजों के लिए अत्यंत प्रभावी है जिन पर दवाओं का पर्याप्त असर नहीं होता. डीएलसीओ मशीन फेफड़ों की कार्यक्षमता मापने की विशेष तकनीक है. इसके माध्यम से पता चलता है कि फेफड़े ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का आदान-प्रदान कितनी कुशलता से कर रहे हैं. यह मशीन पल्मोनरी फाइब्रोसिस, इंटरस्टिशियल लंग डिजीज (आईएलडी) और अन्य श्वसन संबंधी बीमारियों के निदान और प्रबंधन में बेहद उपयोगी है.
(Udaipur Kiran) तोमर
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