–एस पी बिजनौर को अपहृत ऊषा देवी की बरामदगी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश
Prayagraj, 17 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पीड़िता की बरामदगी के बिना फाइनल रिपोर्ट लगाने पर नाराज़गी जताई है. कोर्ट ने कहा कि प्रथमदृष्टया इसमें पुलिस की लापरवाही जाहिर होती है जो अभियोजन कहानी को संदिग्ध बनाती है.
कोर्ट ने मामले के आरोपित बृजेश उर्फ ब्रजपाल की अंतरिम जमानत मंजूर कर ली. साथ ही एसपी बिजनौर को अगली सुनवाई पर अपहृत ऊषा देवी की बरामदगी की रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल ने बृजेश उर्फ ब्रजपाल की जमानत अर्जी पर दिया है. अपहरण के आरोपित ब्रजपाल की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान पता चला कि शिकायतकर्ता की अपहृत पत्नी की बरामदगी किए बिना पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट दाखिल कर दी है. इस पर कोर्ट ने एसपी बिजनौर, विवेचक और शिकायतकर्ता गजराम को तलब किया था. आदेश के अनुपालन में उपस्थित एसपी बिजनौर ने बताया कि अपहृत ऊषा देवी को बरामद करने के लिए टीम गठित की गई है और पुलिस सभी संभव प्रयास कर रही है. एसपी ने यह भी कहा कि शिकायतकर्ता पर भी संदेह है क्योंकि एफआईआर के किसी भी गवाह ने उसके मामले का समर्थन नहीं किया. ऐसे में फाइनल रिपोर्ट दाखिल की गई थी.
कोर्ट ने कहा कि यह तथ्य न केवल अभियोजन कहानी पर संदेह पैदा करते हैं बल्कि पुलिस की ओर से प्रथमदृष्टया लापरवाही भी दर्शाते हैं. आरोपी गत 20 जनवरी से जेल में है और शिकायतकर्ता के आरोप के अलावा उसके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है. कोर्ट ने अपहृत ऊषा देवी की बरामदगी तक आरोपित को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया.
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
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